Zubair questioned in Dasna temple riot case | डासना मंदिर बवाल प्रकरण में जुबैर से पूछताछ: 4 अक्टूबर को 3 हजार की भीड़ ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ मंदिर के बाहर किया था बवाल – Ghaziabad News

कविनगर थाने में अधिवक्ता के साथ पहुंचा जुबैर।

डासना मंदिर पर तीन माह पहले 4 अक्टूबर को हुए बवाल के मामले में पुलिस ने जुबैर से पूछताछ की है। पुलिस के नोटिस के बाद जुबैर एक वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ कविनगर थाने में पहुंचा। जहां बंद कमरे में पुलिस ने पूछताछ की। मंदिर समिति से जुड़ीं उदिता त्यागी ने सो

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मुस्लिम समुदाय को लेकर दिया था बयान

यति नरसिंहानंद गिरी शिव शक्तिधाम डासना के पीठाधीश्वर और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर हैं। वह लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। तीन महीने पहले गाजियाबाद में दूसरे समुदाय पर बयान दिया था, जिसके बाद प्रदेश भर में मुस्लिम समुदाय की भीड़ सड़कों पर उतर आई। गाजियाबाद में कई हजार लोगों ने डासना मंदिर का घेराव कर बवाल काटा था। बाद में पुलिस ने महामंडलेश्वर को 15 दिन तक अपनी निगरानी में रखा।

यति नरसिंहादंन गिरी लगातार बयानों को लेकर चर्चाओं में हैं।

यति नरसिंहादंन गिरी लगातार बयानों को लेकर चर्चाओं में हैं।

धर्म संसद को लेकर 10 दिन पहले केस हुआ

हरिद्वार के जूना अखाड़े में 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक विश्व धर्म संसद रही। जिसमें एक दिन ही साधु संतों की धर्म संसद हुई। जहां भी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बात रखी। पुलिस का कहना है कि विश्व धर्म संसद के लिए यति नरसिंहानंद ने एक वेबसाइट बनाई है। जहां एक धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। एसआई ध्रुव नारायण की तरफ से साइबर थाने में 10 दिन पहले केस दर्ज कराया है। पुलिस का कहना है कि यह वेबसाइट धर्म संसद के लिए यति नरसिंहानंद द्वारा बनाई गई है। जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम किया।

अब यति नरसिंहानंद गिरि के बारे में जानते हैं…

यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी है। वे उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के गांव के रहने वाले हैं। यति के मुताबिक, हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई करके वे 1989 में केमिकल टेक्नोलॉजी की डिग्री लेने मॉस्को चले गए थे।

1994 में उन्होंने डिग्री हासिल की और 1997 में भारत लौट आए। भारत लौटने से पहले दीपक त्यागी ने मॉस्को में ही इंजीनियर के तौर पर नौकरी की। 1997 में मां के बीमार होने की वजह से उन्हें भारत लौटना पड़ा।

साल-1998 में यति की मुलाकात भाजपा नेता बीएल शर्मा से हुई और इसके बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। घरेलू जीवन से संन्यास लेकर दीपक त्यागी ने अपना नाम दीपेंद्र नारायण सिंह रखा। बाद में वो यति नरसिंहानंद गिरि हो गए। साल-2007 से यति गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं। फिलहाल हिंदुओं के सबसे बड़े सम्प्रदाय जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हैं।

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