12 मिनट पहले
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देव आनंद और जीनत अमान की फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ के सॉन्ग ‘दम मारो दम’ से जीनत अमान को इंडस्ट्री में एक अलग पहचान मिली थी। इस गाने में जीनत को चिलम फूंकते हुए दिखाया गया था। आमतौर पर तो स्टार्स ऐसे शूट के लिए सिर्फ नशे में होने की एक्टिंग करते हैं, लेकिन जीनत ने इस गाने के लिए सच में नशा किया था। इसका खुलासा एक्ट्रेस ने खुद किया है। उन्होंने बताया, ‘मेरी मां को जब इस बारे में पता चला तो वह भड़क गई थीं।’
एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर शेयर किया किस्सा
दरअसल, जीनत अमान ने इंस्टाग्राम पर ‘दम मारो दम’ सॉन्ग की एक फोटो शेयर की। जिसके कैप्शन उन्होंने इस गाने से जुड़ा एक किस्सा बताया है। जीनत ने लिखा, ‘हम काठमांडू में ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ की शूटिंग कर रहे थे। देव साहब ने ‘दम मारो दम’ सॉन्ग के लिए सड़कों से हिप्पियों के एक ग्रुप को इकट्ठा किया था। हिप्पी भी इसे करने के लिए काफी एक्साइडेट थे, क्योंकि एक तो उन्हें नेपाल में हशीश के साथ चिलम पैक करने का मौका मिल रहा था। दूसरा बॉलीवुड फिल्म में काम करने के लिए मुफ्त खाना मिल रहा था। साथ ही इसके लिए उन्हें पैसे भी मिल रहे थे।’
गाने के लिए सच में फूंका था चिलम
जीनत ने बताया, ‘देव आनंद इस सीन को पूरी तरह से रियल बनाना चाहते थे। उन्हें मेरे किरदार जेनिस को सच में नशे में धुत दिखाना था। इसके लिए सबसे आसान तरीका हिप्पी के साथ नशा करना था। उस समय मैं टीनएजर थी। इस गाने के लिए मैंने लगातार चिलम से लंबे कश लिए थे। ऐसे में जब हमारा शूट खत्म हुआ तब तक मैं नशे में धुत हो चुकी थी। मेरी हालत होटल जाने की बिल्कुल नहीं थी, तो टीम के कुछ लोग मुझे एक सुंदर जगह पर ले गए। जहां मुझे अच्छा महसूस हुआ और फिर धीरे-धीरे मैं होश में आई।’
मां ने सिनियर क्रू मेंबर्स को लगाई थी फटकार
जीनत ने आगे बताया, ‘मेरी मां को जब बाद में इस बारे में पता चला तो उन्हें काफी गुस्सा आया था। उन्होंने सिनियर क्रू मेंबर्स को कड़ी फटकार भी लगाई थी। हालांकि, मेरी किस्मत थी कि मैं उनके गुस्से से बच गई थी। खैर, मैं क्या कह सकती हूं, यह 70 का दशक था, और मैं एक फूल जैसी बच्ची थी।’
जीनत नहीं थीं फिल्म के लिए पहली पसंद
बता दें, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ फिल्म 1971 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को देव आनंद ने खुद ही डायरेक्ट किया था। साथ ही में बतौर लीड एक्टर काम भी किया था। अपने समय में ये फिल्म सबसे बड़ी हिट साबित हुई थी। कहा जाता है कि इस फिल्म के लिए जीनत अमान नहीं बल्कि एक्ट्रेस जहीदा हुसैन पहली पसंद थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जहीदा इस फिल्म में देव आनंद की बहन नहीं उनकी प्रेमिका बनना चाहती थीं जोकि मुमताज थीं।
हिप्पी कौन होते हैं
अमेरिका में 60 और 70 के दशक में हिप्पी कल्चर काफी अधिक था। ये लोग अलग-अलग कारणों से समाज से दूर जाकर रहना पसंद करते थे। हिप्पी कल्चर को फॉलो करने वाले इंड्स्ट्रियल प्रॉडक्ट का यूज नहीं करते थे। कई जगहों पर हिप्पी कल्चर को फॉलो करने वाले ग्रुप में रहते थे।
ये लोग खुद को नेचर के काफी करीब होने का दावा करते थे। हालांकि, आज भी अलग-अलग देशों में कुछ पैमाने पर हिप्पी कल्चर को फॉलो करने वाले लोग मौजूद हैं। समय-समय पर ये लोग अपने इवेंट भी करते रहते हैं। जिसमें कुछ बाहरी लोगों को भी इनके साथ रहने का मौका मिलता है।