You will have to fill a form for protocol darshan at Mahakal temple | महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल से अवैध एंट्री रोकने की कवायद: त्रिनेत्र कंट्रोल रूम में नया कार्यालय शुरू,दर्शन के लिए भरना होगा फॉर्म, दान की जानकारी भी देना होगी – Ujjain News

महाकाल मंदिर में वीआईपी श्रद्धालुओं को मिलने वाली प्रोटोकॉल दर्शन की व्यवस्था में सोमवार से बदलाव किया गया है। ऐसे श्रद्धालुओं से अब एक फॉर्म भरवाया जा रहा है। फॉर्म में पर्सनल डिटेल के साथ अगर वो दान राशि देना चाहते हैं, तो उसकी जानकारी के लिए भी फॉ

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प्रोटोकॉल कार्यालय अब त्रिनेत्र कंट्रोल रूम से संचालित होगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है और एक ही दिन में मंदिर समिति को वीआईपी श्रद्धालुओं ने 6000 रुपए से अधिक का दान देकर दर्शन भी किए हैं। नई व्यवस्था से मंदिर में प्रोटोकॉल से अवैध रूप से होने वाली एंट्री पर भी लगाम लग सकेगी।

जानकारी के अनुसार अब त्रिनेत्र के ग्राउंड फ्लोर पर सुसज्जित प्रोटोकॉल कार्यालय बनाया गया है। इसमें एक काउंटर सिर्फ दान राशि लेने के लिए रखा गया है। आने वाली वीआईपी श्रद्धालु यहीं पर एक फॉर्म भरेंगे। अगर वो दान राशि देना चाहते हैं तो दान राशि जमा कर प्रोटोकॉल के तहत मिलने वाली सुविधा लेकर मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। फ़ार्म में प्रोटोकॉल के तहत नंदी हाल या गणेश मंडपम दोनों में किसी एक जगह से दर्शन के बारे में भी जानकारी होगी।

ये फॉर्म भरना होगा

ये फॉर्म भरना होगा

ये सब जानकारी देना होगी VIP भक्तों को –

महाकाल मंदिर प्रशासक ने बताया कि प्रोटोकॉल से आने वाले कई भक्त 250 रुपए की रसीद से दर्शन करने जाते है। कुछ भक्त निशुल्क भी दर्शन करते थे। लेकिन उनके साथ कई बार अन्य लोगों को वीआईपी प्रोटोकॉल बताकर निशुल्क दर्शन करवा दिए जाते थे। ऐसे में अब प्रोटोकॉल से आने वाले सभी भक्तों को एक फॉर्म भरना होगा जिसमें नाम,पद, विभाग,मोबाइल नम्बर,सदस्य संख्या,अनुमति स्थान,दान राशि की जानकारी के कॉलम हैं। हालांकि निशुल्क दर्शनार्थियों को दान देना जरूरी नहीं होगा।

यहां होगा नया प्रोटोकॉल कार्यालय

यहां होगा नया प्रोटोकॉल कार्यालय

नए प्रोटोकॉल कार्यालय में मिलेगी कई सुविधाएं

  • नए प्रोटोकॉल कार्यालय के बाहर और अंदर बड़े सोफा लगाए गए हैं।
  • श्रद्धालुओं के लिए पीने के लिए पानी की व्यवस्था भी की गई है।
  • यहीं पर दान का काउंटर भी लगाया गया है।
  • श्रद्धालु यही से फार्म भरने के बाद प्रोटोकॉल की सुविधा लेकर दर्शन करने जा सकेंगे।
  • नई व्यवस्था से प्रोटोकॉल के नाम पर होने वाली अवैध वसूली पर लगाम लगेगी।
  • दिन भर में कितने श्रद्धालुओं ने प्रोटोकॉल दर्शन का लाभ लिया इसकी भी जानकारी लग सकेगी।

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