राजकीय अध्यापक संघ की नई कार्यकारिणी का फूल मालाओं से स्वागत करते हुए।
यमुनानगर में शहीद नवीन वैद्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मॉडल टाउन में आज रविवार को राजकीय अध्यापक संघ 70 की जिला कार्यकारिणी का चुनाव तीखी नोकझोंक और गहमागहमी के बीच संपन्न हुआ। दिनभर चली बहस और तनाव के बाद शाम को मतदान हुआ, जिसमें अनिल कांबोज
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चुनाव में शुरू में 14 शिक्षकों ने जिला प्रधान पद के लिए नामांकन दाखिल किया था, लेकिन 12 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया। इसके बाद केवल अनिल कांबोज और संदीप गुप्ता ही मैदान में बने रहे। सर्वसम्मति से प्रधान चुनने की कोशिश की गई, लेकिन सहमति न बनने पर मतदान का सहारा लिया गया। केवल खंड प्रधान और सचिवों ने वोटिंग में हिस्सा लिया, जिसमें छह खंडों के 12 मतदाताओं ने अनिल कांबोज के पक्ष में मतदान किया।
चुनाव के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई और माहौल तनावपूर्ण रहा। कुछ सूत्रों के अनुसार, बहस इतनी बढ़ गई कि हाथापाई की नौबत आते आते टली, हालांकि जिला पदाधिकारियों ने इससे इनकार किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य मौजूद रहे।

शहीद नवीन वैद्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मॉडल टाउन में राजकीय अध्यापक संघ चुनाव में मौजूद शिक्षक।
चुनाव प्रक्रिया और पर्यवेक्षक: चुनाव की निगरानी के लिए राज्य महासचिव राजेश शर्मा (पंचकूला), राज्य वरिष्ठ उप प्रधान संदीप शर्मा (कैथल), और राज्य उप प्रधान विजय कौशिक को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया। सहायक चुनाव अधिकारी के रूप में पंचकूला प्रधान मदन गोपाल ने जिम्मेदारी संभाली। कार्यक्रम का नेतृत्व राज्य चेयरमैन यशपाल ढांडा ने किया, जबकि राज्य प्रधान मनोज सेहरावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

शहीद नवीन वैद्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मॉडल टाउन में राजकीय अध्यापक संघ चुनाव के परिणाम घोषित करते हुए।
नई कार्यकारिणी का गठन: चुनाव के बाद अनिल कांबोज को जिला प्रधान घोषित किया गया। इसके साथ ही नई जिला कार्यकारिणी का गठन भी किया गया। खेमलाल सैनी को महासचिव, मनोज कुमार को वरिष्ठ उप प्रधान, विनोद जिंदल को चेयरमैन, साहब सिंह को मुख्य संरक्षक, रविंद्र कांबोज को मुख्य सलाहकार, सुशील सैनी को सलाहकार, संजीव शर्मा (बिलासपुर), प्रीतम पवार और राजेंद्र अत्रि को उप-प्रधान चुना गया। कुलदीप सिंह को कोषाध्यक्ष, नरेश कुमार को सह-सचिव और संजीव कुमार प्रजापत को ऑडिटर की जिम्मेदारी सौंपी गई।
चुनाव के बाद कुछ असंतुष्ट पक्षों ने हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन पदाधिकारियों ने स्थिति को शांत करवाया। अनिल कांबोज ने नई जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए शिक्षकों के हित में काम करने का वादा किया।
