इंदौर में एक्स-रे की खोज का 129वां जन्मदिवस मनाया गया। इस अवसर पर डॉक्टरों ने बताया कि एक्स-रे, मरीजों के इलाज में जितना सहायक है, उतना ही नुकसानदायक भी हो सकता है। एक्स-रे से निकलने वाले रेडिएशन के कारण कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, और यदि इसमें जरा भी
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मप्र रेडिएशन एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवाकांत वाजपेयी ने कहा कि भारत सरकार का विकिरण संरक्षण परिषद समय-समय पर निर्देश जारी करता है और निरीक्षण कर अमानक इकाइयों को बंद कर जुर्माना भी लगाता है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हमें भी इस दिशा में जागरूक होना होगा। संघ, 1996 से इस बारे में स्कूलों, कॉलेजों और कई संस्थानों में जागरूकता अभियान चला रहा है।
मध्यप्रदेश में दिया जाए रेडिएशन भत्ता
शासकीय कैंसर अस्पताल के अधीक्षक, डॉ. रमेश आर्य ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि सभी रेडिएशन कर्मचारियों का ग्रुप इंश्योरेंस किया जाना चाहिए। प्रो. गुर्जर ने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी रेडिएशन भत्ता दिया जाना चाहिए।
कैंसर अस्पताल की डॉ. प्रीति जैन ने सुरक्षा मानकों के प्रयोग पर जोर दिया। गोकरण चतुर्वेदी ने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश में रेडियोग्राफी में एमएससी का पाठ्यक्रम शुरू किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में एमवाय अस्पताल के सभी रेडियोग्राफर, स्टूडेंट भी शामिल रहें।
एक्स-रे कराने से पहले ध्यान रखें
- केवल तभी एक्स-रे कराएं जब डॉक्टर इसे अत्यंत जरूरी बताए।
- आपका डॉक्टर यह तय करेगा कि नुकसान की तुलना में लाभ अधिक है, तभी आगे बढ़ें।
- गर्भवती महिलाएं और बच्चे एक्स-रे कक्ष के पास भी न जाएं।
- जिस अंग का एक्स-रे होना है, उसे छोड़कर अन्य सभी अंगों को लेड एप्रन से ढंकें।
- हमेशा किसी प्रतिष्ठित सेंटर में ही एक्स-रे करवाएं।
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