World War II US Soldiers French Rape Case | US France | फ्रेंच महिला बोली-दूसरे विश्व युद्ध में मां का रेप हुआ: नशे में अमेरिकी सैनिक घर आए, उन्हें सिर्फ औरत चाहिए थी, मां मेरे लिए कुर्बान हुई


7 मिनट पहले

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तस्वीर उन महिलाओं की है, जिनके परिजनों के साथ वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान रेप हुआ। - Dainik Bhaskar

तस्वीर उन महिलाओं की है, जिनके परिजनों के साथ वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान रेप हुआ।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस में रहने वाली एक महिला एमी डूप्रे ने 1944 में उनकी मां के साथ हुए रेप पर पहली बार बात की। 99 साल की एमी ने AFP से बात करते हुए अपनी मां की एक चिट्ठी दिखाई। इसमें उन्होंने अमेरिकी सैनिकों के रेप करने से जुड़ी सारी बातें बताई हैं, जिससे सालों बाद भी फ्रेंच महिलाओं पर हुए जुल्मों को भूला न जा सके।

जून 1944 में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस जैसे देशों ने मिलकर यूरोप को नाजी जर्मनी के कब्जे से छुड़वाने की शुरुआत की थी। इसके लिए वे फ्रांस के नॉर्मंडी पहुंचे थे। इसे ऑपरेशन ओवरलोड नाम दिया गया था। जिस दिन सैनिक नॉर्मंडी पहुंचे उसे डी-डे कहा जाता है। AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, एमी उस वक्त 19 साल की थीं।

बाकी सब लोगों की तरह ही वह भी अमेरिकी सैनिकों को देखकर खुश हुईं। हालांकि, यह खुशी कुछ ही समय तक रही। 10 अगस्त, 1944 को 2 अमेरिकी सैनिक एमी के परिवार के खेत पर पहुंचे। वे नशे में थे और उन्हें एक महिला चाहिए थी।

फ्रांस में ऑपरेशन डी-डे से पहले अमेरिकी सैनिकों से बात करते तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहॉवर।

फ्रांस में ऑपरेशन डी-डे से पहले अमेरिकी सैनिकों से बात करते तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहॉवर।

मां का खत पढ़ते वक्त रो पड़ीं एमी
अपनी मां के खत को पढ़ते हुए एमी ने बताया, “सैनिकों ने मेरे (एमी) पिता की तरफ गोली चलाई। इसके बाद वे मेरी तरफ बढ़ने लगे। मुझे बचाने के लिए मां सैनिकों के साथ जाने को तैयार हो गईं। अमेरिकी सैनिक उन्हें एक मैदान में ले गए, जहां उन्होंने करीब 8 बार उनका रेप किया। इस दौरान हम अपने घर में इंतजार कर रहे थे। हम नहीं पता कि सैनिक मां को जीवित छोड़ेंगे या उनकी हत्या कर दी जाएगी।”

मां का खत पढ़ते हुए एमी की आंख में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि मेरी मां ने मुझे बचाने के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। मैं आज भी रोज उस दिन के बारे में सोचती हूं। AFP के मुताबिक, अक्टूबर 1944 में नॉर्मंडी की जंग जीतने के बाद अमेरिका के 152 सैनिकों पर फ्रांस की महिलाओं के साथ रेप के आरोप लगे।

समाज के बारे में सोचकर चुप रहीं दूसरे विश्व युद्ध की रेप विक्टिम्स
रिसर्चर मैरी रॉबर्ट्स के मुताबिक 1944 से लेकर 1946 में अमेरिकी सैनिकों के फ्रांस छोड़ने तक देशभर में रेप के सैकड़ों मामले दर्ज ही नहीं हुए। कई महिलाओं ने समाज में इज्जत की वजह से चुप रहना बेहतर समझा।

मैरी के मुताबिक, ऑपरेशन ओवरलोड से पहले अमेरिकी सेना के लीडर ने सैनिकों को कहा था कि फ्रांस की महिलाओं को हासिल करना आसान होता है। इस बात के जरिए उन्हें जंग के लिए राजी करने की कोशिश की गई थी।

इस दौरान अमेरिकी सेना का अखबार स्टार एंड स्ट्रिप्स ऐसी तस्वीरों से पटा पड़ा था जिसमें फ्रेंच महिलाएं अमेरिकी सैनिकों के साथ दिख रही थीं। इसके जरिए सैनिकों को फ्रेंच महिलाओं के साथ संबंध बनाने का लालच दिया गया।

तस्वीर अमेरिकी सेना के अखबार की कटिंग है, जिसमें फ्रांस की महिलाओं की तस्वीर लगी है। इस आर्टिकल की हेडलाइन में लिखा है, 'हम इसके लिए लड़ रहे हैं'।

तस्वीर अमेरिकी सेना के अखबार की कटिंग है, जिसमें फ्रांस की महिलाओं की तस्वीर लगी है। इस आर्टिकल की हेडलाइन में लिखा है, ‘हम इसके लिए लड़ रहे हैं’।

रेप के सैकड़ों मामलों में सिर्फ 29 सैनिकों को सजा हुई
रिसर्चर मैरी के मुताबिक, रेप के जरिए अमेरिकी सैनिक फ्रांस में लोगों के बीच अपना दबदबा बनाने की कोशिश करते थे। वे यह दिखाना चाहते थे कि फ्रांस के पुरुष वहां की महिलाओं को नाजियों से नहीं बचा सकते, लेकिन अमेरिकी सैनिकों ने ऐसा कर दिखाया।

रिपोर्ट के मुताबिक, रेप के मामलों में अमेरिकी सैनिकों पर मुकदमे चले। इसके बाद करीब 29 सैनिकों को मौत की सजा सुनाई गई। इनमें एमी की मां का रेप करने वाले सैनिक के अलावा 25 अश्वेत थे। सभी को फ्रांस के गांवों में सार्वजनिक तौर पर फांसी दी गई थी।

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