World News Updates| Trump Pakistan China| Russia US| Trump modi| Louvre Museum France | वर्ल्ड अपडेट्स: फ्रांस के लूव्र म्यूजियम में चोरी हुए ₹895 करोड़ के शाही गहनों का पता लगाने में जुटे 100 स्पेशल एजेंट


21 मिनट पहले

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दुनियाभर में मशहूर पेरिस के लूव्र म्यूजियम में रविवार को चोरी हुई ताज के आठ गहनों के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है। पेरिस के अभियोजक लॉर बेक्कुओ ने बुधवार को बताया कि चोरी हुई ज्वेलरी की कीमत करीब 895 करोड़ रुपए है। इनमें शाही नीलम का हार, शाही पन्ना का हार और मैचिंग इयररिंग्स, और नेपोलियन III की पत्नी महारानी यूजिनी का एक ताज भी शामिल है।

बेक्कुओ ने कहा कि यदि चोर इन टुकड़ों को तोड़कर पिघला देते हैं, तो भी इतनी बड़ी रकम में गहने बेचना संभव नहीं होगा। उधर, फ्रांस के गृह मंत्री लॉरेंट न्यूनेज, संस्कृति मंत्री राशिदा दाती और न्याय मंत्री जेराल्ड डार्मनिन ने भी म्यूजियम में बैठक की।

बैठक में डार्मनिन ने कहा कि मौके पर पर्याप्त सीसीटीवी भी नहीं थे। वहां अलार्म बजने के बाद भी पुलिस एक्टिव नहीं दिखी। वहीं अभियोजक का मानना है कि इन रत्नों को ‘ब्लैक मार्केट’ में बेचा जा सकता है। जांच टीम में अब 60 के बजाय 100 स्पेशल एजेंट लगाए गए हैं। टीम खोजबीन कर रही है।

लूव्र की सुरक्षा में 1200 गार्ड और 52 से अधिक दमकलकर्मी दो स्तरीय सुरक्षा से घिरे लूव्र में 1,200 गार्ड और सेना के 52 दमकलकर्मी की टीम पहरा देती है। यहां सुरक्षा गार्ड लंबे समय से काम की खराब स्थिति की शिकायत कर रहे हैं। मोनालिसा पेंटिंग को बुलेटप्रूफ बॉक्स में रखा गया है। वहीं, चोरी हुए गहनों में कुछ वे हैं जो 1887 की नीलामी के बाद दोबारा खरीदे गए थे।

म्यूजियम के इतिहास में कई बार बड़ी कलाकृतियों की चोरी हो चुकी है। 1792 में फ्रांसीसी क्रांति के दौरान 10 हजार से ज्यादा कीमती पत्थर और मोती यहां से चोरी हुए थे। इनमें ‘फ्रेंच ब्लू हीरा’ शामिल था। 1976 में किंग चार्ल्स-10वें की हीरे जड़ी तलवार और 1998 में ‘द पाथ ऑफ सेव्रेस’ पेंटिंग भी चुराई गई, जो नहीं मिली।

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अमेरिका ने रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर बैन लगाया

अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लूकोइल पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया। इसका मकसद रूस को जंग में मिल रही फंडिंग पर रोक लगाना है।

यूएस ट्रेजरी विभाग ने कहा कि रूस जंग रोकने को लेकर गंभीर नहीं है इसलिए ये प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस फैसले से अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाली इन कंपनियों की सभी संपत्ति और हितों को प्रभावी रूप से ब्लॉक कर दिया गया है।

रोसनेफ्ट एक सरकारी कंपनी है जो तेल की खोज, रिफाइनिंग और वैश्विक बिक्री में विशेषज्ञता रखती है, जबकि लूकोइल एक निजी स्वामित्व वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो रूस और विदेश दोनों जगह तेल और गैस के खोज, रिफाइनिंग, मार्केटिंग और वितरण में काम करती है।

इन दोनों कंपनियों की 50 प्रतिशत या उससे अधिक की सीधी या अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी वाली सभी सहायक कंपनियों पर भी प्रतिबंध लागू होते हैं।

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