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- Why Was Yudhishthira Unhappy Even After Becoming King?, Krishna And Yudhishthir Story, Lesson Of Lord Krishna In Hindi, Prerak Katha
9 घंटे पहले
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महाभारत का युद्ध खत्म हो गया था। पांडवों ने कौरवों का पराजित कर दिया था, दुर्योधन की मृत्यु हो चुकी थी। सब कुछ ठीक होने के बाद युधिष्ठिर राजा बनने वाले थे। पांडवों के जीवन में जब सारी बातें व्यवस्थित हो गईं, तब एक दिन श्रीकृष्ण ने सोचा कि अब यहां मेरी जरूरत नहीं है, यहां सब ठीक हो गया है, इसलिए मुझे द्वारका लौट जाना चाहिए।
श्रीकृष्ण ने ये बात पांडवों से कही तो सभी दुखी हो गए। पांडवों की माता कुंती ने श्रीकृष्ण को रोकने की बहुत कोशिशें कीं, लेकिन श्रीकृष्ण ने कुंती को समझा दिया कि उनका जाना जरूरी है। इसके बाद जब वे आगे बढ़े तो युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण को रोका और कहा कि हमारी माता तो आपसे रुकने के लिए कह ही रही है और मैं भी आपसे प्रार्थना कर रहा हूं कि आप न जाएं। मैं अभी भी बहुत परेशान हूं।
श्रीकृष्ण ने कहा कि राजन अब क्या परेशानी है। तुम अभी इतना बड़ा युद्ध जीते हो, राजा बन गए हो, अब तो सब ठीक हो गया है।
युधिष्ठिर ने कहा कि मुझे ये सब कुछ अच्छा नहीं लग रहा है। अपने कुटुम्ब के लोगों को मारपर ये राजपाठ मिला है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि ये सफलता इतना दुख देगी।
श्रीकृष्ण ने मुस्कान के साथ कहा कि राजा बनना तो हमेशा से ही मुश्किल होता है। इस युद्ध में आपको धर्म बचाना था और इसके बाद आपको ही ये राजगादी मिलना थी। हमें एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर सफलता के पीछे एक असफलता छिपी होती है। उस असफलता और दुख के बारे में सोच-विचार करके उससे सीख लो और अपने अच्छे भविष्य के लिए वर्तमान में अच्छे काम करो।
तुम्हें ऐसा लग रहा है कि युद्ध में तुम्हारे परिवार के मारे गए तो युद्ध में तो ऐसा ही होता है। समझदार व्यक्ति वही है जो सफलता के पीछे छिपे दुख को समझता है और उससे सीख लेकर आगे बढ़ता है।
श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को ये बातें और अच्छे से समझाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने कहा कि हमें भीष्म पितामह के पास चलना चाहिए, वे तुम्हें राज धर्म के बारे में और अच्छी तरह समझा सकते हैं। इसके बाद श्रीकृष्ण और सभी पांडव भीष्म के पास पहुंचे और भीष्म ने पांडवों को राजधर्म की शिक्षा दी।
प्रसंग की सीख
हमें जब भी सफलता मिलती है तो उसका उत्सव मनाना चाहिए, लेकिन सफलता के साथ आने वाली नई बाधाओं के लिए तैयार हो जाना चाहिए। पुरानी समस्याओं से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।