मंदिरों से जुड़ी गुना की ये तीन घटनाएं, जिले से बाहर निकलकर प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गईं। इनमें पॉलिटिक्स के साथ एक्शन और ड्रामा भी खूब देखने को मिला। एक्शन ऐसा कि थाना प्रभारी और एसआई को लाइन अटैच कर दिया गया। ड्रामा ऐसा कि जिन्हें पुलिस ने आरोप
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- 12 नवंबर 2024: मृगवास में बालाजी मंदिर में प्रतिमा की आंखों पर गंदगी लगाई।
- 31 जनवरी 2024: बमोरी में शिव मंदिर में शिवजी और नंदी की प्रतिमा तोड़ी।
- 2 मई 2024: रुठियाई के नारौनी मोहल्ले में महुआ वाली माता की प्रतिमा खंडित की।
सर्व हिंदू समाज ने तो असली आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस को 10 दिन का अल्टीमेटम दे डाला है। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी तक दे दी है। दैनिक भास्कर ने मंदिर से जुड़ीं इन तीन घटनाओं की पड़ताल की और ग्रामीण आखिर क्यों पकड़े गए लोगों को आरोपी मानने को तैयार नहीं है, इसे लेकर बात की…पढ़िए रिपोर्ट
पहले दो जनप्रतिनिधियों के बयान पढ़िए
कीर्तन के बीच बालाजी की आंखों में गंदगी दिखी ताजा मामला मृगवास कस्बे का है। कस्बे की आबादी लगभग 7 हजार है। इसमें 60 प्रतिशत हिंदू और 40 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। घटना मंगलवार की है। उस दिन देवउठनी ग्यारस थी। घर-घर पूजा की तैयारी चल रही थी। मंगलवार होने से छत्री वाले बालाजी मंदिर से झंडा यात्रा भी निकाली जानी थी। यह यात्रा हर मंगलवार को निकलती है।
यात्रा निकालने की तैयारियों के बीच रात में करीब 7.30 बजे पुजारी कीर्तन कर रहे थे। तभी कुछ लोगों ने देखा कि बालाजी की आंखों पर कुछ लगा है। पास जाकर देखा तो यह मैला सा लगा। कोई अज्ञात व्यक्ति बालाजी की आंखों पर गंदगी लगा गया था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने पट बंद कर मूर्ति को साफ करा दिया।
खबर पूरे कस्बे में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग मंदिर के सामने इकट्ठा हो गए। पहले भी मंदिरों में दो ऐसी घटनाएं हो चुकी थीं इसलिए रोष ज्यादा था। लोग नारेबाजी करने लगे और थाने का घेराव कर दिया। बाजार को बंद करा दिया गया।
सूचना मिलने पर तहसीलदार अमिता सिंह मौके पर पहुंचीं। लोगों ने उनकी गाड़ी को कस्बे के बाहर ही रोक लिया। वहां से उन्हें पैदल ही थाने तक जाना पड़ा। मंगलवार रात को ही पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एसआई बुंदेल सुनारिया, थाना प्रभारी मृगवास को लाइन अटैच कर दिया गया।
बुधवार सुबह विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ता गुना से मृगवास पहुंचे और प्रदर्शन में शामिल हुए। लोगों से चर्चा करने पहुंचीं SDOP से विहिप नेता सुरेश शर्मा ने कहा कि थाना प्रभारी की मानसिकता समझो, किस मानसिकता वाले व्यक्ति को यहां थाने में बैठा रखा है। यहां आधे हिंदू हैं, आधे मुसलमान। एक व्यक्ति ने हिंदू धर्म के खिलाफ लिखा, उस पर FIR क्यों नहीं की थाना प्रभारी ने? ये लापरवाही है थाना प्रभारी की। अपराधियों को छोड़ रहे हैं और सीधे-सादे लोगों को बैठा रहे हैं।
मंदिर में तोड़फोड़ मामले को लेकर नागरिकों ने आंदोलन किया। पुलिस भी मौके पर पहुंची थी।
100 मीटर दूर से आरोपी को किया गिरफ्तार पुलिस ने छानबीन की तो गंदगी लगाने का आरोपी मंदिर से महज 100 मीटर दूर रहने वाला व्यक्ति ही निकला। गुरुवार को पुलिस ने आरोपी कैलाश शर्मा पुत्र मन्ना शर्मा निवासी मृगवास को गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। वह नशे का आदी था। कुछ समय पहले तक स्मैक का नशा करता था। हालांकि, कुछ दिन से उसने स्मैक पीना छोड़ दिया है और उसका इलाज भी चल रहा है।
कैलाश का नाम आते ही शुरू हुआ विरोध मामले में कैलाश शर्मा का नाम आते ही विरोध शुरू हो गया। कस्बे के लोगों का कहना है कि पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है। इस घटना के पीछे कोई और ही है। पुलिस उसकी तलाश करे। अगर कैलाश शर्मा ने ही घटना को अंजाम दिया है तो इसके पुख्ता प्रमाण और सबूत सामने लाए जाएं। हालांकि, आरोपी ने पुलिस पूछताछ में घटना करना स्वीकार किया है। उसने बताया-
ग्यारस वाले दिन सुबह घर के मंदिर पर अगरबत्ती लगाई, प्रसाद चढ़ाया था। बच्चों ने कहा कि सब्जी लेकर आओ तो मैं दोपहर करीब 12 बजे बस स्टैंड चला गया। इसके बाद मुझे घबराहट होने लगी। इस दौरान गोबर दिखा तो मैंने उठा लिया और बालाजी मंदिर में हनुमानजी के नेत्रों के ऊपर लगा दिया। इसके बाद घर आकर सो गया। मेरा डॉ. भाटी का ट्रीटमेंट चल रहा है। दवाई भी नहीं थी।
घटना के विरोध में स्थानीय नागरिकों ने रात में भी जमकर प्रदर्शन किया।
लोग बोले- प्रमाण दिखाएं, तभी विश्वास करेंगे मृगवास में शनिवार को सर्व हिंदू समाज की बैठक में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को दस दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा- पुलिस ने निर्दोष आदमी को आरोपी बनाया है। असली आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। दस दिन में घटनाओं के पीछे के आरोपियों को पकड़ा जाए। अगर यही आरोपी है तो इसके प्रमाण दिखाए जाएं, तभी विश्वास करेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो दस दिन बाद उग्र आंदोलन किया जाएगा।
दरअसल, वर्ष 2024 में जिले के मंदिरों में तीन बड़ी वारदातें हुई हैं। इन वारदातों के बाद आक्रोश देखने को मिला। नागरिकों ने प्रदर्शन भी किए। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल कार्यकर्ता भी इन प्रदर्शनों में शामिल रहे और आरोपियों को पकड़ने की मांग की।
हालांकि, लगभग सभी मामलों में पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया है। आरोपियों ने नशे की हालत में घटनाओं को अंजाम दिया था। प्रदर्शन के दौरान आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने जैसी मांगें की जा रही थीं लेकिन गिरफ्तारी के बाद वह मांगें शांत हो गईं। सर्व हिंदू समाज का कहना है कि गंदगी लगाने के मामले में बेकसूर लोगों को झूठा फंसाया गया है। सभी ग्रामीण उनके स्वभाव और उनकी दिनचर्या से वाकिफ हैं।
मृगवास में कार्रवाई नहीं होने पर स्थानीय नागरिकों ने धरना भी दिया था।
दो और घटनाएं, जो नशे की हालत में होना बताई गईं…
मामला-1 बमोरी: शिव मंदिर में तोड़फोड़ 31 जनवरी की रात बमोरी के शिव मंदिर में तोड़फोड़ हुई थी। दूसरे दिन 1 फरवरी की सुबह लोग सड़क पर उतर आए। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल ने भी प्रदर्शन किया था। ग्रामीणों ने 7 लोगों पर शक जताया था। पुलिस ने इन्हें हिरासत में भी लिया था। जांच के लिए एक टीम गठित की गई थी।
जांच में पाया गया कि आरोपी ग्यारसा प्रजापति (40) पिता भूरा प्रजापति है। वह बमोरी के ही मरघटशाला का रहने वाला है। पुलिस की जांच में यह जानकारी मिली थी कि आरोपी अक्सर मंदिर के पास ही सोता है। उसका कोई नजदीकी रिश्तेदार वहां नहीं रहता। वह शराब और गांजा पीने का आदी भी है। घटना के बाद से ही वह दिखाई नहीं दिया। इसी आधार पर उस पर शक हुआ।
आरोपी का इकरारनामा- बहुत ज्यादा शराब पी ली थी पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने ही मंदिर में तोड़फोड़ की है। भगवान से कई बार मन्नत मांगने के बाद भी उसकी शादी नहीं हो रही थी। 31 जनवरी की रात को उसने बहुत ज्यादा शराब पी ली थी। नशे में उसे गुस्सा आ गया। रात करीब 2 बजे उसने मंदिर के बाहर पड़े पत्थर उठाकर भगवान शिवजी और नंदी की प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाया।
इस मामले में पुलिस ने शक के आधार पर शाहरुख, रिहान, वफाती, अनवर, जीशान, बिट्टू, रहीश में से पांच को जेल भी भेज दिया था।
मामला-2 रूठियाई: मानसिक तनाव में तोड़ दी माता की प्रतिमा 2 मई को रुठियाई के नारौनी मोहल्ले में अज्ञात लोगों ने महुआ वाली माता की प्रतिमा को खंडित कर दिया। ठाकुर महाराज मंदिर में चबूतरे पर बनी माताजी की मढ़िया के गेट का ताला तोड़ा और इसके बाद मूर्ति को तोड़कर भाग गए। खंडित हुई मूर्ति को पुजारी और ग्रामीणों ने समेटा। इसकी शिकायत पुलिस को दर्ज कराई गई।
पुजारी ने पुलिस को बताया था कि रात करीब नौ बजे वह पूजा कर मंदिर में ताला लगाने के बाद घर चले गए थे। गुरुवार सुबह सात बजे मंदिर पर पूजन के लिए पहुंचे तो वहां काफी भीड़ देखी और माता की प्रतिमा चकनाचूर मिली। घटना रात 12 बजे के आसपास की बताई जा रही है।
असामाजिक तत्वों द्वारा भगवान के मंदिर में क्षति पहुंचाने से हिंदू धर्म की भावनाएं आहत हुई हैं। हिंदू संगठनों ने 48 घंटे में मामले में कार्रवाई की चेतावनी दी थी। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद जांच की।
आरोपी का इकरारनामा- मानसिक तनाव में कर दी वारदात आरोपी रामवीर बघेल को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला था कि वह मानसिक तनाव से ग्रस्त था। इसी कारण उसने वारदात को अंजाम दिया था।
नागरिकों के आक्रोश को देखते हुए पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह भी पहुंचे और कार्रवाई की बात कही थी।
पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह भी पहुंचे थे, कहा था-हम नहीं चाहते कि दंगा हो मृगवास में हुई इस घटना के बाद पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा था- मुझे भी पता लगा। ये सही है कि तीसरी घटना है। कुछ जानकारी मेरे पास भी थी, जो मैंने पुलिस से शेयर की है। पुलिस के पास भी जानकारी है। मैं समझता हूं कि बहुत जल्दी परिणाम आपके सामने आयेंगे। ये कौन लोग हैं, उन्हें पुलिस गिरफ्तार करेगी। इतना जरूर मैं कहना चाहूंगा, शासन भी नहीं चाहता कि दंगा हो। हम विपक्ष के लोग भी नहीं चाहते कि दंगा हो। दंगा हम किसी कीमत पर होने नहीं देंगे।
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