फतेहपुर जिले के असोथर ब्लाक क्षेत्र के राजकीय बीज भंडार पर एक गंभीर आरोप सामने आया है। यहां गोदाम प्रभारी द्वारा गेहूं बीज के नाम पर किसानों से सरकारी रेट से अधिक पैसे वसूलने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। किसानों का कहना है कि गोदाम प्रभारी शालू गौ
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गोदाम प्रभारी पर मनमानी का आरोप राजकीय बीज भंडार असोथर पर किसानों को गेहूं बीज सरकारी रेट पर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी गोदाम प्रभारी शालू गौतम पर है। लेकिन किसानों का कहना है कि बीज के साथ “कल्चर” पाउडर की आड़ में उन्हें अधिक पैसे वसूल किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीज की एक बोरी के साथ तीन पैकेट कल्चर दिया जाता है, जिसके कारण प्रति बोरी 980 रुपये की बिक्री की जा रही है, जबकि सरकारी रेट केवल 950 रुपये है।
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि गोदाम प्रभारी की ओर से कल्चर पाउडर का नाम लिया तो जाता है, लेकिन किसानों को वास्तव में यह पाउडर नहीं दिया जाता। इसके बावजूद उसका पैसा उनसे लिया जाता है। किसान चुन्नू गुप्ता, घनश्याम और संदीप कुमार ने इस पर विरोध जताया और बताया कि गोदाम प्रभारी उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं।
किसानों में गुस्सा, आंदोलन की चेतावनी किसानों की लगातार बढ़ रही शिकायतों के बाद भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के ब्लॉक अध्यक्ष सोनू सिंह गौतम ने कहा कि अगर यह मनमानी बंद नहीं हुई, तो किसान जल्द ही आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान अब चुप नहीं बैठेंगे, और वे अपनी आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
इस मामले में भाकियू नेता सोनू सिंह गौतम और क्षेत्र के किसानों ने फतेहपुर के डी डी ए राममिलन परिहार को भी फोन करके जानकारी दी, लेकिन जिले के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने से किसानों में नाराजगी और बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन गोदाम प्रभारी की उदासीनता के कारण योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है।
किसान कल्याण योजनाओं के प्रति उपेक्षा किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि गोदाम प्रभारी के इस रवैये से सरकारी योजनाओं का सही तरीके से लाभ नहीं मिल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की है, लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन में खामियां नजर आ रही हैं। किसानों का कहना है कि जब तक इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक ऐसे अधिकारियों की मनमानी जारी रहेगी और किसानों को उनके अधिकार से वंचित रखा जाएगा।
किसानों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अधिकारियों से कार्रवाई की मांग अब किसानों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर गोदाम प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे उग्र आंदोलन का रास्ता अपना सकते हैं।
फिलहाल इस मामले में विभागीय अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन किसानों के इस गुस्से के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। यह घटना क्षेत्रीय प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल बन चुकी है कि कैसे ऐसे अधिकारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए, जो सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू नहीं कर रहे हैं।