Weather Update; Pollution Rise Stubble Burning City Aqi | Punjab Haryana Chandigarh | हवा के रुख ने बढ़ाया प्रदूषण: हरियाणा के 19 शहरों में फूली सांसें; चंडीगढ़-पंजाब की हालत चिंताजनक, पराली जलाने के 262 नए मामले दर्ज – Amritsar News

फरीदकोट में किसान पराली को आग लगाते हुए।

हवा का रुख ईस्ट की तरफ होने के बाद से ही लगातार उत्तर भारत में प्रदूषण में बदलाव देखने को मिल रहा है। हालात ऐसे हैं कि कुछ घंटों के बाद ही हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच रही है। हरियाणा के 20 में से 19 शहर ऐसे हैं, जहां हवा बहुत की खराब स्तर पर है। यही स्थ

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पहले पराली के धुएं और अब पटाखों से निकली गैसिस ने सांसों काे फुला दिया है। डॉक्टर्स के पास सांस की तकलीफ व एलर्जी के मर्जों की गिनती 10 गुणा तक बढ़ चुकी है। अमृतसर के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. बृज सहगल ने बताया कि अक्टूबर से पहले 4-5 मरीज रोज उनके पास आते थे। अक्टूबर में ये गिनती 20-25 के करीब थी। लेकिन अब रोजाना 50 से अधिक मरीज खांसी, जुकाम, अस्थमा, एलर्जी आदि के आ रहे हैं।

गुरुग्राम का एक्यूआई 500 पहुंचा

हरियाणा के 20 में से 19 शहरों की हवा सांस लेने योग्य नहीं है। सभी शहर ओरेंज कैटेगरी में आ चुके हैं। गुरुग्राम में तो सर्वाधित एक्यूआई 500 तक पहुंच गया। ऐसी हवा में अगर कोई अस्थमा या बीमार व्यक्ति अधिक समय तक सांस ले तो उसका बीमार होना लाजमी है।

वहीं भिवानी का सर्वाधिक एक्यूआई 405, अंबाला का 300, बहादुरगढ़ 456, बल्लभगढ़ 318, भिवानी 405, धारूहेड़ा 382, फरीदाबाद 389, फतेहाबाद 322, हिसार 384, जींद- 320, कैथल 397, करनाल 316, कुरुक्षेत्र 300, नारनौल 342, पलवल 301, पंचकूला 312, पानीपत 225, रोहतक 311, सिरसा 305 और यमुनानगर का एक्यूआई 314 दर्ज किया गया है।

पंजाब का प्रदूषण स्तर 400 के करीब पहुंचा

पंजाब के शहरों की स्थिति एक दिन बाद फिर से बिगड़ने लगी है। अमृतसर में एक दिन की राहत के बाद प्रदूषण फिर बढ़ गया है। अधिकतक प्रदूषण स्तर 397 तक पहुंच गया। वहीं, चंडीगढ़ का अधिकतम एक्यूआई 335 दर्ज किया गया है।

पंजाब और हरियाणा में हवा का रुख काफी अधिक असर डाल रहा है। पहाड़ों से आने वाली हवाओं के चलने के बाद प्रदूषण में गिरावट आती है, जबकि अगर हवा का रुख पाकिस्तान या दिल्ली की तरफ से हो तो हवा सांस लेने योग्य नहीं रहती।

हरियाणा में 5 किसानों पर 2 एफआईआर दर्ज

हरियाणा में पराली जलाने के दो मामलों में 5 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ये एफआईआर फतेहाबाद में दर्ज की गईं। हरियाणा के एग्रीकल्चर मिनिस्टर श्याम सिंह राणा ने बताया कि राज्य में 273 मामले पराली जलाने के दर्ज किए गए हैं। सैटेलाइट से 857 मामले पराली जलाने के सामने आए थे। जिनमें से 458 ही खेतों में पराली जलाने के थे।

पंजाब में 262 नए मामले दर्ज

पंजाब में सोमवार को पराली जलाने के 262 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे इस साल राज्य में कुल मामलों की संख्या 4,394 हो गई है। संगरूर जिले में सबसे अधिक 77 मामले सामने आए, उसके बाद बठिंडा और फिरोजपुर में 19-19 मामले दर्ज किए गए।

अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी और दिन भर में 3.1 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया। अब तक, राज्य ने 2,095 मामलों में कुल 54.65 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया है, जिसमें से 49.57 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है। सोमवार को 146 किसानों की जमीन के रिकॉर्ड में ‘रेड एंट्री’ दर्ज की गई।

देशभर में 10 हजार से अधिक मामले आए सामने

कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रोइकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस (CREAMS) के अनुसार 5 नवंबर तक मध्य प्रदेश में 2,875, उत्तर प्रदेश में 1,372, राजस्थान में 1,170, हरियाणा में 871 और दिल्ली में 12 मामले दर्ज किए गए। कुल मिलाकर, मंगलवार को 963 पराली जलाने के मामले दर्ज हुए, जिससे छह राज्यों में इस सीजन की कुल संख्या 10,694 तक पहुंच गई।

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