We will solve the problems of agriculture by making farmers partners | किसानों को भागीदार बनाकर निपटाएंगे कृषि की समस्याएं – Bhagalpur News


बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में दो दिवसीय सस्य विज्ञान और मृदा विज्ञान से संबंधित ओएफटी कार्यशाला बुधवार को समाप्त हुई। कार्यशाला में वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया कि किसानों की समस्याओं की सटीक जानकारी के लिए 10-15 दिनों तक उनके साथ बिताना अच्छा होगा।

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किसानों को भागीदार बनाकर कृषि समस्याओं का निराकरण स्थायी रूप से किया जाना चाहिए। वैज्ञानिकों ने सस्य विज्ञान की व्यवहारिक समस्याओं में कृषि पारिस्थितिकी के आलोक में उन्नत फसल प्रभेद के चयन, प्रजाति के परिपक्व होने की अनुशंसा, रासायनिक उर्वरकों के साथ जैव उर्वरकों के व्यवहार के विकल्प सहित नैनो यूरिया व नैनो फास्फेट उर्वरक के उचित मात्रा में व्यवहार की अनुशंसा की। मृदा विज्ञान विषय में जैविक खाद, सूक्ष्म पोषक तत्व के महत्व के साथ उचित पोषक व्यवहार के जल प्रबंधन को परीक्षण में शामिल करने की अनुशंसा की गई।

खेतों में होने वाले परीक्षणों के तकनीकी बिन्दुओं पर वैज्ञानिक पक्ष को शामिल करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी कानपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस के सिंह, पटना के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डीवी सिंह, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसआर सिंह, क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, दुमका के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार ने वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन किया।

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