नई दिल्ली54 मिनट पहले
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मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील 3 दिन के दौरे पर भारत आए हुए हैं।
मालदीव ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठा करार दिया है। भारत के दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने शनिवार को एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू में कहा कि कुछ लोग दोनों देशों के रिश्तों में दरार डालना चाहते हैं। हमने वो खबर देखी है। हमें नहीं पता कि उन्हें ये जानकारी कहां से मिली।
खलील ने कहा-
ये रिपोर्ट फर्जी, झूठी और बेबुनियाद है। इस रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है। मालदीव और भारत सरकार दोनों समझते हैं कि हम आपस में अच्छे और मजबूत रिश्ते रखने के लिए काम कर रहे हैं।
अब्दुल्ला खलील भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। इस दौरान भारत-मालदीव के बीच द्विपक्षीय व्यापार में स्थानीय मुद्रा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की बात हुई। जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील नई दिल्ली में शुक्रवार को एक बैठक के दौरान।
भारत ने कहा था- वॉशिंगटन पोस्ट की कोई साख नहीं
भारत ने शुक्रवार को इस रिपोर्ट को झूठा बताया था और वॉशिंगटन पोस्ट की साख पर सवाल उठाए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था-
आप उनकी एक्टिविटी में एक पैटर्न देख सकते हैं। मैं उन पर यकीन करने या फिर न करने का काम आप पर छोड़ता हूं। जहां तक हमारा सवाल है, हम मानते हैं कि उनकी साख नहीं है।
रिपोर्ट में दावा- भारत ने चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की 30 दिसंबर को छपी वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत ने मालदीव में हुए चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की थी। मोदी सरकार, भारत समर्थक इब्राहिम सोलिह को चुनाव जिताना जाहती थी। जब मुइज्जू ने चुनाव जीत लिया तो मोदी सरकार ने भारत समर्थक नेता को मालदीव का राष्ट्रपति बनाने की कोशिश की थी।
इसमें यह भी दावा किया गया था कि भारत की खुफिया एजेंसी RAW ने मालदीव के विपक्षी पार्टी के नेताओं से राष्ट्रपति मुइज्जू को हटाने पर चर्चा भी की थी।
वॉशिंगटन पोस्ट की यह रिपोर्ट 30 दिसंबर को आई थी।
वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया था कि उसके पास डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव नाम के कुछ दस्तावेज मौजूद हैं। इनमें मुइज्जू को सत्ता से हटाने की प्लानिंग है। रिपोर्ट के मुताबिक मुइज्जू को सत्ता से हटाने के लिए 40 सांसदों को रिश्वत देने का प्लान बनाया गया था। इनमें मुइज्जू की पार्टी के सांसद भी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों के अलावा सेना और पुलिस के 10 सीनियर अधिकारियों और कुछ आपराधिक गिरोहों को भी पैसे देने का प्लान बनाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए साजिश करने वालों ने 51 करोड़ रुपए की मांग रखी थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने मालदीव के दो अधिकारियों के हवाले बताया है कि ये रकम भारत से मांगी जानी थी।
पूर्व राष्ट्रपति नशीद बोले- भारत कभी ऐसा नहीं करेगा
हालांकि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी पार्टी के नेता, मोहम्मद नशीद ने भी इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसी किसी साजिश की जानकारी नहीं और भारत कभी भी ऐसी साजिश का समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत कभी ऐसा कदम नहीं उठाएगा, क्योंकि वह हमेशा मालदीव के लोकतंत्र का समर्थन करता है। भारत ने कभी हम पर शर्तें नहीं थोपीं।
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