34 मिनट पहले
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आज, एमएसएमई यानी छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ऐसे समय में जब बाजार तेजी से बढ़ रहा है, एमएसएमई को फाइनेंशियल प्लानिंग, प्राइसिंग से जुड़ी रणनीति, कारोबार के पारंपरिक तरीकों और डिजिटलीकरण जैसी व्यावसायिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इन सब का उनके पूरे कामकाज पर असर पड़ता है। इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, उन्हें इन समस्याओं का समानधान करने, उनका डटकर सामना करने के साथ ही ऊपर उठने और आगे बढ़ने के लिए विशेषज्ञों के मार्गदर्शन की जरूरत होती है।
ऐसे में अनुभवी और बरसों से इस फील्ड में काम कर रहे वरिष्ठ बिजनेस लीडर इन उद्यमियों के लिए सलाहकार/मेंटर्स के रूप में कार्य कर सकते हैं। वे इन्हें बाजार के रुझान, ग्राहकों के व्यवहार और प्रतिस्पर्धी रणनीतियों के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
चूंकि इन लोगों ने वास्तविक दुनिया में बिजनेस का संचालन किया है, इसलिए वे आमतौर पर सही फैसला करने और नुकसान से बचने के बारे में बेहतर सलाह दे सकते हैं। उनका वर्षों का व्यावहारिक अनुभव और मजबूत नेटवर्क एमएसएमई को नए अवसर तलाशने और उन्हें हासिल करने में मदद कर सकता है। इन सलाहकारों के मार्गदर्शन से, छोटे व्यवसाय अपना संचालन बेहतर कर सकते हैं और स्थिर, निरंतर ग्रोथ हासिल कर सकते हैं।
ऐसे में वॉलमार्ट के सप्लायर डेवलपमेंट प्रोग्राम वृद्धि के बारे में जानना उल्लेखनीय होगा। इस प्रोग्राम ने पूरे भारत में 60,000 से ज्यादा एमएसएमई को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया है। ये प्रोग्राम एमएसएमई को निशुल्क डिजिटल प्रशिक्षण, व्यावसायिक सलाह और व्यक्तिगत परामर्श प्रदान करता है।
इसमें कई अनुभवी सलाहकार शामिल हैं जो इन एमएसएमई को उनकी क्षमता का एहसास करने, उनकी कमियों को दूर करने और लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बाजार में आगे बढ़ने में सहायता करते हैं।
वी.एस. कुमार आंत्रप्रेन्योर्स को वित्तीय मामलों में निपुण बना रहे
चेन्नई, तमिलनाडु के वी.एस.कुमार इस प्रोग्राम से जुड़े एक इन्फ्लुएंशियल मेंटर हैं। 73 साल के कुमार फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में विशेष अनुभव और लगाव रखते हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार की कंपनियों में काम किया है जिनमें पारंपरिक और नए जमाने की इंडस्ट्री दोनों ही शामिल हैं।
कुमार का मानना है कि आंत्रप्रेन्योर्स को आज दो क्षेत्रों में मार्गदर्शन की जरूरत है – प्रेरणा और वित्तीय नियंत्रण। “जब परिस्थितियां कठिन और नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं और वे नहीं जानते कि आगे कहां जाना है, तो आंत्रप्रेन्योर्स को एक खाली दीवार दिखाई देती है और उन्हें उन्हें ऊपर खींचने के लिए किसी की जरूरत होती है।
उन्हें अपनी प्रेरणा और उत्साह दोबारा हासिल करने की जरूरत होती है। दूसरा क्षेत्र जहां उन्हें आमतौर ध्यान देने की जरूरत होती है वह है फाइनेंशियल कंट्रोल यानी अपने लेन-देन, खर्च आदि को व्यवस्थित करना और उस पर नियंत्रण करना। कभी-कभी, बैलेंस शीट उनके लिए एक ब्लैक बॉक्स की तरह होती है।
मैं इस बात पर जोर देता हूं कि सफल व्यवसाय संचालन के लिए एक आंत्रप्रेन्योर्स में न केवल व्यावसायिक कौशल होना चाहिए बल्कि उसे हिसाब-किताब में भी मजबूत होना चाहिए।”
वी.एस. कुमार नए आंत्रप्रेन्योर्स के संघर्षों के बारे में बताते हुए कहते हैं, “मैंने कई ऐसे छोटे उद्यमियों के साथ काम किया है जिन्हें बैलेंस शीट समझ नहीं आती और वे उसको लेकर आशंकित रहते हैं। मैं उन्हें उनके बिजनेस के आंकड़ों को समझने और वित्तीय नियंत्रण में मदद करता हूं। यहां पर फाइनेंशियल रिपोर्टिंग के प्रति मेरा अनुभव और लगाव काम आता है।”
फाइनेंस को सरल और दिलचस्प बनाना
एक तरफ जहां वी.एस. कुमार प्रेरणा और वित्तीय नियंत्रण के महत्व पर जोर देते हैं, वहीं एक अन्य मेंटर भी हैं जो नए व्यवसायों के लिए डिजिटल जानकारी को महत्वपूर्ण मानते हैं। डिजिटल मार्केटिंग से जुड़े ई. जी. संतोष भी छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमियों को मार्गदर्शन देने का नेक काम कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि वह छोटे उद्योग चलाने वालों को उन क्षेत्रों के बारे में बताते हैं जिनमें बेहतर करने की जरूरत है।
ई.जी. संतोष – एमएसएमई को डिजिटल रूप से सशक्त बना रहे
बैंगलोर, कर्नाटक के ई.जी.संतोष को कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने का 20 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। अभी तक, उन्होंने वृद्धि प्रोग्राम के जरिए डिजिटल मार्केटिंग और ब्रांड प्रपोजिशन में 80 से अधिक एमएसएमई को प्रशिक्षित किया है। वह कहते हैं, “अपने पूरे करियर में, चाहे एजेंसी में, एफएमसीजी के साथ या प्रकाशन के क्षेत्र में, मैंने देखा है कि बड़े कॉरपोरेट्स के पास ढेरों विकल्प और संसाधन होते हैं।
इसके विपरीत, एमएसएमई के पास अक्सर ऐसे संसाधनों की कमी होती है। यही वजह थी जिसने मुझे मेंटरशिप के जरिए सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित किया।”
एक मेंटर के रूप में , संतोष ने उद्यमियों को फाइनेंस और मार्केटिंग के बारे में रणनीतिक और व्यावहारिक रूप से सोचना सिखाया है। सलाह देने की उनकी शैली के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने हमें बताया “एक सलाहकार के दृष्टिकोण से, मेरा मानना है कि सहानुभूति बहुत महत्वपूर्ण है।
पहली बार की बातचीत से ही उनकी समस्याओं को समझना और सहानुभूति रखना जरूरी है। मैं आंतरिक रूप से अपनी टीम में और प्रोग्राम के साथ भी इस पर जोर देता हूं। उनकी समस्याओं के प्रति समझ और सहानुभूति रखने से उन्हें समाधान के लिए प्रभावी मार्गदर्शन करने में मदद मिलती है।”
व्यवसायों के लिए धन का रणनीतिक उपयोग और भविष्य की तैयारी जरूरी
आंत्रप्रेन्योर्स को कभी-कभी रणनीतिक सोच और फंड के उपयोग को लेकर परेशानी होती है। संतोष इस अंतर के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि आज के व्यवसायों को भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए। “एक सलाहकार के नजरिए से, एक बात जो कई आंत्रप्रेन्योर्स गहराई से समझते हैं वह है धन की कीमत। वे बिजनेस में हैं और इसलिए धन का महत्व पहले से समझते हैं।
दूसरा महत्वपूर्ण पहलू उनके व्यवसाय की भविष्य की तैयारी है। कई उद्यमी आज के रोजमर्रा के कामों में इतने डूबे हैं कि वे भविष्य के लिए रणनीतिक रूप से सोचने में विफल रहते हैं या ऐसी सोच को नजरअंदाज कर देते हैं और बड़ी या लंबी अवधि की योजनाओं पर ध्यान ही नहीं देते।
वे थोड़े से तात्कालिक लाभ में उलझकर भविष्य के बहुत बड़े फायदों से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में एक मेंटर या सलाहकार का मार्गदर्शन उन्हें आगे की सोच और भविष्य की तैयारी के महत्व पर जोर देकर मदद करता है।”
एक अनुभवी मेंटर और सीखने वाले के बीच सौहार्द्र और समझ होना जरूरी है। इससे आगे बढ़ने में मदद मिलती है। वी.एस. कुमार और ई.जी. संतोष जैसे सलाहकारों से एमएसएमई आंत्रप्रेन्योर्स को बहुत मूल्यवान सबक मिल सकते हैं।
उनके जैसे जानकार और अनुभवी सलाहकार आंत्रप्रेन्योर्स को बिजनेस के माहौल के हिसाब से खुद को ढालने के साथ ही स्मार्ट और आत्मविश्वास से भरपूर बनने में मददगार साबित हो सकते हैं। ये अनुभवी मेंटर आज के आंत्रप्रेन्योर्स को व्यावसायिक माहौल में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक जानकारी और सपोर्ट हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अगर आप एक आंत्रप्रेन्योर हैं और पर्सनलाइज्ड मेंटरशिप और गाइडेंस चाहते हैं तो यहां से वॉलमार्ट वृद्धि प्रोग्राम के बारे में अधिक जानकारी हासिल करें।