vijay-shekhar-sharma-barred-from-accepting-esops-for-3-year | SEBI ने पेटीएम पर ₹1.11 करोड़ का जुर्माना लगाया: CEO विजय के नए ESOPs लेने पर 3 साल का प्रतिबंध; नियमों के उल्लंघन का था आरोप

मुंबई1 घंटे पहले

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पेटीएम के फाउंडर और CEO विजय शेखर शर्मा (फाइल फोटो)। - Dainik Bhaskar

पेटीएम के फाउंडर और CEO विजय शेखर शर्मा (फाइल फोटो)।

SEBI ने ESOPs (एम्प्लॉयी स्टॉक ऑप्शन्स) मामले में सेटलमेंट के तहत पेटीएम के फाउंडर और CEO विजय शेखर शर्मा पर 3 साल तक नए ESOPs लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ One97 के दिए हुए को ESOPs रद्द कर दिया है।

SEBI ने पेटीएम और विजय शेखर दोनों पर ₹1.11 करोड़ का भी जुर्माना लगाया है। इसके अलावा कंपनी के CBO अजय शेखर शर्मा ₹57.11 लाख का फाइन लगाया गया है। अजय को ESOPs से मिले 3,720 शेयर बेचकर कमाए ₹35.86 लाख भी वापस करने होंगे।

विजय ने 2.1 करोड़ ESOPs सरेंडर की थी

इससे पहले 16 अप्रैल को विजय शेखर शर्मा ने 2019 में मिले 21 मिलियन यानी 2.1 करोड़ एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन (ESOPs) सरेंडर कर दिए थे। SEBI ने शेयर-बेस्ड एम्प्लॉई बेनेफिट्स देने के नियमों के उल्लंघन पर 2024 में कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

अगस्त 2024 में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बताया था कि विजय शेखर शर्मा को 2.1 करोड़ एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन (ESOPs) देना, शेयर-बेस्ड एम्प्लॉई बेनेफिट्स को कंट्रोल करने वाले उसके नियमों का उल्लंघन है। भारतीय नियमों के अनुसार, कंपनी के फैसलों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले बड़े शेयरधारक ESOPs नहीं रख सकते हैं।

ESOP या एम्प्लॉई स्टॉक ओनरशिप प्लान एक ऐसी योजना है जिसमें कंपनी अपने कर्मचारियों को कंपनी के शेयर ऑफर करती है जो आमतौर पर मार्केट वैल्यू से कम कीमत पर होते हैं। यह एक तरह का एम्प्लॉई बेनिफिट है जो एम्प्लॉइज को कंपनी में हिस्सेदारी देता है ।

5 पॉइंट में पूरा मामला समझें…

  • नवंबर 2021 में, पेटीएम ने भारत के सबसे बड़े आईपीओ में से एक में ₹16,600 करोड़ जुटाए। आईपीओ से पहले, पेटीएम ने शर्मा और दूसरे एम्प्लॉइज को पुरस्कृत करने के लिए अपने ईएसओपी पूल को 24 मिलियन से बढ़ाकर 61 मिलियन कर दिया। ESOP को ₹2,150 के आईपीओ मूल्य की तुलना में केवल ₹9 प्रति शेयर पर दिया गया।
  • जब पेटीएम ने अपने आईपीओ दस्तावेज दाखिल किए, तो शर्मा को प्रमोटर के बजाय नॉन-प्रमोटर (पब्लिक शेयरहोल्डर) के रूप में क्लासिफाई किया था। पेटीएम ने खुद को एक प्रोफेशनली मैनेज्ड कंपनी बताया, जिसमें कोई पहचान योग्य प्रमोटर नहीं है। सेबी के नियमों के तहत इसकी अनुमति है, यदि किसी व्यक्ति या संस्था का कंपनी पर स्पष्ट नियंत्रण नहीं है।
  • इस क्लासिफिकेशन की वजह से शर्मा को 2019 में 21 मिलियन ईएसओपी मिली, जिसका मूल्य आईपीओ के समय लगभग 500 मिलियन डॉलर (करीब 4250 करोड़ रुपए) था। सेबी ने तर्क दिया कि पेटीएम पर शर्मा के प्रभाव और नियंत्रण से पता चलता है कि उन्हें प्रमोटर के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए था, जिससे वे ईएसओपी के लिए अयोग्य हो गए।
  • सेबी के नियम किसी कंपनी के 10% से अधिक शेयर (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) रखने वाले प्रमोटरों और निदेशकों को ईएसओपी प्राप्त करने से रोकते हैं। ऐसे में शर्मा ने आईपीओ से पहले अपनी शेयरहोल्डिंग को 10% से कम रखने के लिए 14.7% से घटाकर 9.1% कर दिया। उन्होंने एक्सिस ट्रस्टी मैनेज्ड फैमिली ट्रस्ट को ये शेयर ट्रांसफर किए थे।
  • जनवरी 2023 में, प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (IiAS) ने कहा कि शर्मा ने खुद को प्रमोटर के रूप में क्लासिफाई नहीं किया है, इसके बावजूद वह पर्मानेंट बोर्ड सीट जैसे अधिकारों को एन्जॉय कर रहे हैं। IiAS ने तर्क दिया कि पेटीएम पर उनका नियंत्रण, उनके प्रत्यक्ष (9%) और अप्रत्यक्ष (शर्मा फैमिली ट्रस्ट के माध्यम से 4.7%) शेयरहोल्डिंग के साथ मिलकर, 10% सीमा का उल्लंघन करता है।

विजय और अजय दोनों ने छोड़े ESOP

  • विजय शेखर ने 2.1 करोड़ ESOPs सरेंडर किए हैं जो उन्हें 2019 में दिए गए थे।
  • विजय शेखर शर्मा के भाई अजय शर्मा ने भी 2.25 लाख ESOPs छोड़ दिए हैं।
  • विजय अगले तीन साल तक किसी भी नए ESOP को नहीं लेंगे।
  • अजय शर्मा ने 35 लाख रुपए की राशि भी सेबी को चुकाई है।
  • इन अनवेस्टेड ESOPs का मूल्य अभी लगभग ₹1,800 करोड़ है।
  • इन्हें पेटीएम के ईएसओपी पूल में वापस कर दिया गया है।

चौथी तिमाही में ESOP एक्सपेंस में ₹492 करोड़ की बढ़ोतरी होगी

फाइलिंग में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में ESOP एक्सपेंस में ₹492 करोड़ की बढ़ोतरी होगी और भविष्य के सालों में ESOP एक्सपेंस में कमी आएगी।

पेटीएम ने कहा कि कंपनी अपने Q4 वित्त वर्ष 2025 के रिजल्ट के साथ अपनी ESOP कॉस्ट शेड्यूल पर डिटेल्स शेयर करेगी।

पेटीएम को तीसरी तिमाही में ₹208 करोड़ का घाटा

पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में नेट लॉस कम होकर 208 करोड़ रुपए हो गया है।

एक साल पहले की समान तिमाही में पेटीएम का घाटा 220 करोड़ रुपए था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 36% गिरकर 1,828 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही यानी, Q3FY24 में यह 2,850 करोड़ रुपए था।

दूसरी तिमाही में पेटीएम को ₹930 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ था, मूवी टिकटिंग बिजनेस की ब्रिक्री का कंपनी के नेट प्रॉफिट में ₹1,345 करोड़ का एकमुश्त योगदान रहा था। इस अमाउंट को छोड़कर पेटीएम को ₹415 करोड़ का घाटा हुआ था।

2009 में हुई थी पेटीएम की शुरुआत

पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने अगस्त 2009 में पेटीएम पेमेंट ऐप को लॉन्च किया था। इसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा है। अभी देश में पेटीएम के 30 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। पेटीएम का मार्केट कैप करीब 28 हजार करोड़ रुपए है।

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