नई दिल्ली12 मिनट पहले
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उपराष्ट्रपति धनखड़ 21 जुलाई को राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे।
जगदीप धनखड़ का पद से इस्तीफा देने के 2 दिन बाद ही नए उपराष्ट्रपति चुनने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव आयोग (ECI ) ने बुधवार को प्रेस नोट में कहा- चुनाव की औपचारिक शुरुआत हो गई है। जब सारी तैयारियां पूरी हो जाएंगी, फिर चुनाव की आधिकारिक घोषणा करेंगे।
चुनाव आयोग ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई को अपने गजट अधिसूचना से जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे की जानकारी दी है। ECI को संविधान के आर्टिकल 324 के तहत उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव कराने का अधिकार है।
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। अगले ही दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।

चुनाव आयोग ने प्रेस नोट में कहा- नए उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव ‘राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952’ और ‘राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974’ के अनुसार होगा।
चुनाव आयोग की 3 मुख्य तैयारियां शुरू कर दी है…
- इलेक्टोरल कॉलेज (मतदाता समूह) की तैयारी, जिसमें राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल हैं।
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति।
- पिछले सभी उपराष्ट्रपति चुनावों पर पृष्ठभूमि सामग्री तैयार करना और उसे साझा करना।
21 जुलाई को धनखड़ ने इस्तीफा दिया था

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्यागपत्र सौंपा था। उन्होंने लिखा था- स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं।
उन्होंने पत्र में राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया। पूरी खबर पढ़ें…
उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की 2 थ्योरी
पहली: राष्ट्रपति को लिखे त्यागपत्र में धनखड़ ने पद छोड़ने की वजह स्वास्थ्य बताया था।
दूसरी: विपक्ष इस्तीफे पर सवाल कर रहा है। कह रहा है कि इसकी वजह कुछ और है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को बताया, ’21 जुलाई को दोपहर 12:30 बजे श्री जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज़्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी।
शाम 4:30 बजे धनखड़ जी की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतज़ार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए। सबसे हैरानी की बात यह थी कि धनखड़ जी को व्यक्तिगत रूप से यह नहीं बताया गया कि दोनों मंत्री बैठक में नहीं आएंगे। स्वाभाविक रूप से उन्हें इस बात का बुरा लगा और उन्होंने BAC की अगली बैठक आज दोपहर 1 बजे के लिए टाल दी।
इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए, श्री जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए। लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं। श्री जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही, यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।
देश के पहले उपराष्ट्रपति जिनके खिलाफ महाभियोग लाया गया था

देश में 72 साल के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में धनखड़ पहले ऐसे राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति रहे, जिनके खिलाफ दिसंबर 2024 में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। जो बाद में तकनीकी कारणों से खारिज हो गया था।
विपक्ष धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाता रहा है। विपक्ष का दावा था कि वह सिर्फ विपक्ष की आवाज व उनके सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों को दबाते हैं।
धनखड़ के पिछले कार्यकाल को देखें तो कई अहम पदों पर रहे, लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा होते नहीं देख पाए। एक बार विधायक के तौर पर उनके पांच साल एकमात्र अपवाद है।

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10 जुलाई, 2025 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में स्पीच दे रहे थे। बोले- ‘I will retire at the right time, August 2027, subject to divine intervention.’ मतलब- मैं सही समय पर रिटायर होऊंगा। और वह समय है अगस्त 2027, अगर कोई दिव्य शक्ति आ जाए तो बात अलग है।’ पूरी खबर पढ़ें…