VDO, LDC and Mate removed names from job cards of mill workers, SDM sought factual report from BDO | वीडीओ, एलडीसी और मेट ने मिल श्रमिकों के जॉबकार्ड से नाम हटाए, एसडीएम ने बीडीओ से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी – Udaipur News

भास्कर न्यूज | उदयपुर उपखंड नयागांव के ग्राम पंचायत गुड़ा के महात्मा गांधी नरेगा श्रमिकों ने नयागांव उपखंड अधिकारी जवाहरराम चौधरी को खेरवाड़ा उपखंड को ज्ञापन सौंप कर मनरेगा श्रमिकों के जॉब कार्ड से नाम हटाने की परेशानी को लेकर नरेगा श्रमिक खेरवाड़ा उपखं

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शिकायत में बताया कि ग्राम पंचायत गुड़ा के राजस्व गांव भाणवा में ग्राम विकास अधिकारी, एलडीसी, मेट एवं वार्डपंच मिलकर मनरेगा श्रमिकों के आवेदन करने पर भी आवेदकों के नाम काट देते हैं। मनरेगा के आवेदन करने के बावजूद मस्टररोल में नाम नहीं आता है। पूछने पर बताया जाता है कि आगे से नाम नहीं आ रहे हैं। उपखंड अधिकारी जवाहरराम चौधरी ने नयागांव बीडीओ को तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर सौंपने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक पखवाड़े वसूलते हैं मनरेगा श्रमिकों से राशि: श्रमिकों ने यह भी आरोप लगाया कि मेट प्रत्येक पखवाड़े में प्रत्येक मनरेगा श्रमिक से ग्राम विकास अधिकारी, एलडीसी एवं वार्डपंच के नाम से कभी 100 तो कभी 200 रुपए की वसूली करता है। जो मनरेगा श्रमिक रुपए देने से मना करता है, उसका आवेदन नहीं करते हैं और जॉब कार्ड से नाम हटा देते हैं। मनरेगा श्रमिकों ने संबंधित कार्मिकों के खिलाफ एवं मेट के खिलाफ कार्रवाई करने एवं नरेगा श्रमिकों को आवेदन करने पर मजदूरी देने की मांग की है। बाणवा के बाबूलाल, राजेश कुमार, वक्सीराम, मीठालाल, जीवा, पूनमचंद कांतिलाल, संजय कुमार, कुरीचंद सहित कई ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी जवाहरराम चौधरी को ज्ञापन सौंप कर मेट एवं दोषी कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है। इनको नहीं मिल रहा है काम: जीवा थावरा, रतनी, लक्ष्मण कावा, मन्ना नगा, कोदरी, भूरा नाथु, बंशीलाल नगा, अरविन्द भीमचंद, शांति जीवा, नरेश छगन, अनिता हाजा, कुरी चंद कमजी, कालूराम पप्पू, पंकज शंकर, बंशी हाजा, तारादेवी महेश, कमलेश खेमा, सुमित्रा देवी कमलेश, पीयूष बाबू, प्रकाशचंद खराड़ी जीवा, राजेश जीवा, मीठा लाल फता, सतीश बसु, प्रियंका विपीन, जितेन्द्र शंकर, कांतिलाल शंकर, संजय कुमार साकरचंद, थावरा नाथा, प्रताप मूलचंद सहित अन्य कई नरेगा श्रमिकों ने बताया कि वे मनरेगा में काम के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन पंचायत के कर्मचारी मिलकर आवेदन को रिजेक्ट कर देते हैं। बता रहे हैं कि आवेदक काम करने के इच्छुक नहीं है।

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