प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र विकास के लिए जिम्मेदार वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अक्टूबर महीने में ताबड़तोड़ अभियान चलाया। वीडीए ने शहर में मानकों को लेकर सर्वे और छापेमारी भी की। पांच जोन में टीमें भी लगातार सक्रिय नजर आईं।
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हालांकि, अभी वीडीए के पास कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं है लेकिन उसकी कमाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है। वाराणसी विकास प्राधिकरण के बीते अक्टूबर माह शमन शुल्क के जरिये साढ़े पांच करोड़ से अधिक की कमाई की है।
नम्बर एक पर जोन-2 की रिपोर्ट
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने वीडीए परिसर में मानचित्र दिवस कैंप बैठक में बताया कि अक्टूबर माह में शमन शुल्क वसूलने के मामले में जोन-2 नम्बर एक पर है। जोनल अधिकारी संजीव कुमार और उनकी टीम ने 2 करोड़ 42 लाख 23 हजार 893 रुपये शमन शुल्क वसूला है।
दूसरे नम्बर पर जोन-4 है, जोन-4 की टीम ने 1 करोड़ 34 लाख 83 हजार 462 रुपये शमन शुल्क वसूला। तीसरे नम्बर पर जोन-3 है, जोनल अधिकारी ने इस जोन से 70 लाख 96 हजार890 रुपए जमा कराया।
चौथे नम्बर पर जोनल एक की टीम रही। जोन-1 से अधिकारी व उनकी टीम ने 55 लाख 10 हजार 481 रुपये वसूले। सबसे फिसड्डी जोनल-5 की टीम रही। जोन 5 में 48 लाख 29 हजार 115 रुपए जमा कराए।
मानचित्र स्वीकृत कराने में भी जोन-2 ने मारी बाजी
शमन शुल्क वसूली में भी टॉप पर रहे जोनल 2 के अधिकारी। जोन- 2 व जोन- 1 में सर्वाधिक 18-18 मानचित्र अक्टूबर माह में स्वीकृत हुए। जोन-3 की टीम ने 16 व जोन-4 की टीम ने 12 मानचित्र स्वीकृत कराएं। शमन शुल्क वसूलने में सबसे नीचे स्थान पर रही जोन-5 की टीम ने एक महीने में महज 05 मानचित्र स्वीकृत कराएं।
सारनाथ में एक निर्माणाधीन मकान सील वाराणसी विकास प्राधिकरण की टीम ने शुक्रवार को सारनाथ के हीरामनपुर में राजेश पटेल द्वारा बनवाये जा रहे निर्माणाधीन मकान को सील कर दिया। राजेश पटेल बिना मानचित्र स्वीकृत कराए 92 वर्गमीटर में G प्लस1 का निर्माण करा रहे थे। वीडीए ने निर्माण के दौरान नोटिस जारी की थी लेकिन निर्माण चलता रहा जिसपर आज वीडीए की टीम ने कार्रवाई की।