Varuthini Ekadashi fast on 4 May 2024, significance of varuthini ekadashi in hindi, how to worship to god vishnu on ekadashi | 4 मई को वरुथिनी एकादशी व्रत: वैशाख मास, शनिवार और एकादशी के योग विष्णु जी के साथ ही शनिदेव की करें पूजा, जल का करें दान

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3 घंटे पहले

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शनिवार, 4 मई को वरुथिनी एकादशी व्रत किया जाएगा। ये मई महीने का पहला बड़ा व्रत है। अभी वैशाख मास चल रहा है और इस मास का महत्व काफी अधिक माना जाता है। वैशाख, शनिवार और एकादशी के योग धर्म-कर्म के नजरिए से बहुत शुभ है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत करें और मौसमी फल जैसे आम, तरबूज, खरबूजे का दान भी खासतौर पर करना चाहिए।

ये हैं वरुथिनी एकादशी से जुड़ी मान्यताएं

  • इस एकादशी के व्रत से भक्तों के सभी पाप और दुख दूर होते हैं।
  • माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के समय दान-पुण्य करने से जो पुण्य मिलता है, वही पुण्य वरुथिनी एकादशी के व्रत और इस दिन दान करने से मिलता है।
  • भगवान विष्णु की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

एकादशी पर कर सकते हैं ये शुभ काम

  • वरुथिनी एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए।
  • घर के मंदिर में गणेश पूजा करें। गणेश जी को जल और पंचामृत से स्नान कराएं। वस्त्र-हार-फूल से श्रृंगार करें। चंदन का तिलक लगाएं। दूर्वा अर्पित करें। लड्डू का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं। श्री गणेशाय नम: मंत्र का जप करें।
  • गणेश पूजा के बाद भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा करें। विष्णु-लक्ष्मी का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक में दूध का इस्तेमाल करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा। हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। इसके बाद मिठाई का भोग तुलसी के साथ लगाएं। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
  • शनिवार को शनिदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए। शनि मंदिर जाएं और शनिदेव का तेल से अभिषेक करें। शनि भगवान को नीले फूल और नीले वस्त्रों के साथ काले तिल भी चढ़ाएं। तिल से बने व्यंजन का भोग लगाएं। तेल का दान करें। जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल का भी दान जरूर करें।
  • शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े फूलों से श्रृंगार करें। शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं। मिठाई का भोग लगाएं और दीपक जलाएं। शिव जी के सामने राम नाम का जप करना चाहिए।

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