गंगा महोत्सव के दूसरे दिन मंच से सधे हुए शास्त्रीय सुर गूंजे तो फिल्मी गीत और देसी बीट की भी धूम मची। दर्शकों ने ‘हर हर महादेव’ के उद्घोष के साथ कला के दोनों छोर का आनंद लिया। महोत्सव की सातवीं प्रस्तुति लेकर मंच पर आए साधो द बैंड के मयंक, शिवांग, जत
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साधो द बैंड ने बनारसियों को झूमाया।
साधो द बैंड ने श्रोताओं को झूमाया
‘छाप तिलक सब छीनी, मोसे नैना मिलाइके…’ जतिन एंड ग्रुप के ‘साधो द बैंड’ ने आलाप और ठहराव के साथ खुसरो को अपने अंदाज में पेश किया। रात 10 बजे से घाट पर पसरने लगा सन्नाटा कुछ ही देर में कोलाहल में बदल गया। दर्शक दीर्घाओं से ज्यादा भीड़ घाट की सीढ़ियों पर जुट गई। आधे घंटे बाद प्रस्तुति खत्म हुई तो झूमते युवाओं ने ‘वंस मोर’ की मांग कर डाली।
बनारस घराने के छोटे तबला वादन।
आकांक्षा त्रिपाठी ने छठ गीत गाया।
दूसरे दिन इन कलाकारों की रही प्रस्तुति
बंदा बैरागी,डा० श्रावणी विश्वास, सितार वादन ,डा० मधुमिता भट्टाचार्य, शास्त्रीय गायन,आकाक्षा त्रिपाठी गायन ,साधो दि बैण्ड, (जतिन एव समूह),नयनिका घोष, कथक नृत्य (गुरुग्राम हरियाणा),अनु सिन्हा कथक नृत्य (दिल्ली),जगदीश्वर प्रिया लक्ष्मी फाउण्डेशन, समूह नृत्यः,रिचा गुप्ता समूह नृत्य अरुण मिश्रा गायन हुआ।
कार्यक्रम में प्रमुख राम की गीत पर नृत्य।
श्रोताओं ने खचाखच भरा रहा दर्शक दीर्घा।
यादगार रहेगी गंगा किनारे पहली प्रस्तुति
सोशल मीडिया के फेवरेट साधो द बैंड के सदस्यों ने गंगा किनारे अपनी पहली प्रस्तुति को जीवन का यादगार पल करार दिया। बैंड के मयंक कश्यप ने कहा कि पहली बार का यह अनुभव दर्शकों की सराहनाओं ने खास बना दिया। इन युवाओं ने बताया कि काशी में पहले भी प्रस्तुति दी है मगर इतने दर्शकों के सामने प्रस्तुति देना याद रहेगा।
रिचा गुप्ता ने कथक किया।
आरती के दौरान रूका कार्यक्रम।
आरती के लिए रोकी गई प्रस्तुतियां
काशी गंगा महोत्सव की दूसरी निशा में संध्या गंगा आरती के लिए मंच पर प्रस्तुतियां रोक दी गईं। गंगा सेवा समिति के अर्चकों ने मंगलवार को पहले दिन महोत्सव के मंच से आरती की थी। दूसरे दिन मंच पर स्थान न होने के कारण अधिकारियों ने आरती स्थल से ही संध्या आरती करने के निर्देश दिए। आरती शुरु होने के दौरान मंच पर प्रस्तुति दे रहीं ऋचा गुप्ता ने मां गंगा के पूजन के लिए प्रस्तुति रोक दी। आरती संपन्न होने के बाद उन्होंने पुन: गायन शुरू किया।