मेडिकल कॉलेजों में महिला डॉक्टरों (सर्जन) के साथ होने वाली घटनाओं पर रोक लगाने के साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसकी पहल एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (एएसआई) ने की है।
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टास्क फोर्स में आईएमएस बीएचयू समेत देश भर के मेडिकल कॉलेजों में तैनात वरिष्ठ महिला सर्जन को शामिल किया गया है। उन्हें मेंटर की जिम्मेदारी दी गई है। इसके माध्यम से सर्जन की शैक्षणिक, कॅरिअर, सुरक्षा आदि समस्याओं का 48 घंटे के भीतरसमाधान करवाया जाएगा। यह गठन बीएचयू में आयोजित UPMASICON 2024 सम्मेलन में लिया गया। इसमें भारत के लगभग 30 शहरों से आए 700 से अधिक सर्जन ने भाग लिया। इसके साथ ही, आस-पास के SAARC देशों से आए 10 सर्जन भी इसमें भाग लिए और अपने विचार रखा।
आईएमएस बीएचयू के निदेशक डॉ. एस.एन. शंखवार संगोष्ठी में बोले हुए।
कोलकाता घटना के बाद एएसआई ने लिया फैसला
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना के बाद से मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा के मुद्दे को लेकर डॉक्टर आवाज उठा रहे हैं। इस बीच आईएमएस बीएचयू में एएसआई यूपी चैप्टर के अधिवेशन में कोलकाता की घटना की चर्चा करते हुए सुरक्षा पर मंथन किया गया।
देशभर के 700 सर्जन डाक्टरों ने लिया हिस्सा।
48 घंटे के भीतर टास्क फोर्स कराएगा समाधान
डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल नई दिल्ली में सर्जरी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सीके दुर्गा को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा आईएमएस बीएचयू की प्रो. सीमा खन्ना सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में सर्जरी की वरिष्ठ डॉक्टर को मेंटर की जिम्मेदारी दी गई है। संबंधित संस्थान में जो भी महिला रेजिडेंट सर्जन होंगी, वो अपनी समस्या को टास्क फोर्स के पदाधिकारियों को मेल कर सकती हैं। उनकी सभी समस्याओं का 48 घंटे के भीतर समाधान कराया जाएगा।