Vaishakh month till 12th May, how to worship to lord Shiva in vaishakh month, significance of vaishakh month in hindi | वैशाख मास 12 मई तक: पूजा और दान करने के साथ पक्षियों के लिए दाने-पानी की भी करें व्यवस्था, शिवलिंग पर करें चंदन का लेप

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6 घंटे पहले

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हिन्दी पंचांग का दूसरा महीना वैशाख इस वर्ष 13 अप्रैल से प्रारंभ हो गया है, ये महीना 12 मई तक चलेगा। यह मास धार्मिक आस्था, तप, सेवा और पर्यावरण संरक्षण की भावना से भरपूर होता है। गर्मी के इस मौसम में जल और छाया का दान जितना धार्मिक दृष्टि से फलदायक है, उतना ही मानवीय और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी आवश्यक है।

इस माह में दो विशेष तिथियां रहेंगी, अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। यह तिथि बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ करने की उत्तम मानी जाती है। बुद्ध पूर्णिमा 12 मई को है। ये भगवान बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाती है, साथ ही यह वैशाख स्नान का अंतिम दिन भी होता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा बताते हैं कि इस माह में भीषण गर्मी के कारण प्राकृतिक जल स्रोत जैसे तालाब और नदियां सूखने लगती हैं। ऐसे में पक्षियों के लिए दाने और पानी की व्यवस्था, गायों के लिए हरी घास, और जरूरतमंदों के लिए जूते-चप्पल, छाते व वस्त्रों का दान अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यह दान न केवल धार्मिक कर्म है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की सच्ची अभिव्यक्ति भी है।

अब जानिए वैशाख मास में कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं

  • वैशाख महीने में शिव मंदिरों में शिवलिंग पर लगातार जलधारा की अभिषेक किया जाता है। शिवलिंग के ऊपर मिट्टी के कलश स्थापित किए जाते हैं और शिव जी को शीतलता देने के लिए उसमें से लगातार गिरती हुई जल की धारा से अभिषेक करते हैं। इस शुभ काम के लिए मंदिरों में मिट्टी के कलश दान करना चाहिए। शिव पूजा में शिवलिंग पर चंदन का लेप भी करना चाहिए। चंदन शीतलता देता है, इसी वजह से शिव जी को खासतौर पर चंदन चढ़ाते हैं।
  • भगवान शिव को बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, इत्र, जनेऊ, हार-फूल आदि शुभ चीजें अर्पित करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। धूप-दीप जलाएं और आरती करें।
  • इस महीने में पीपल को रोज पानी चढ़ाना चाहिए। पीपल को श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है। इस वजह से इस वृक्ष की पूजा से श्रीकृष्ण की प्रसन्नता मिल सकती है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर स्थित अन्य पेड़-पौधों को पानी मिलता रहे, इसकी व्यवस्था करनी चाहिए।
  • वैशाख महीने में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए।
  • सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ लगवाएं। अगर ये संभव न हो तो किसी प्याऊ में मटके का दान करें, पानी व्यवस्था करें।
  • भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का दूध से अभिषेक करना चाहिए। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
  • जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल और छाते का दान करें। सूती वस्त्रों का दान करें। गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
  • इस महीने में गर्मी अधिक रहती है, इसलिए खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खाने में ऐसी चीजें अधिक शामिल करें, जिनसे शरीर को पानी मात्रा पर्याप्त में मिलता रहे।

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