Uttarakhand Scientist Wife Dowry Suicide Case; Akash Yadav | HC | उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वैक्सीन वैज्ञानिक की सजा पर रोक लगाई: कहा- देशहित में इनका बाहर रहना जरूरी; पत्नी की आत्महत्या के मामले में दोषी ठहराए गए थे

नई दिल्ली49 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
उत्तराखंड हाईकोर्ट कुमाऊं रीजन के नैनीताल में है। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

उत्तराखंड हाईकोर्ट कुमाऊं रीजन के नैनीताल में है। (फाइल फोटो)

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में वैक्सीन वैज्ञानिक डॉ. आकाश यादव की सजा और दोष पर फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने सोमवार को कहा कि डॉ. यादव का काम वैक्सीन विकास से जुड़ा है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और देशहित के लिए बेहद जरूरी है।

डॉ. यादव की पत्नी ने 2015 में आत्महत्या कर ली थी और सुसाइड नोट में पति को जिम्मेदार बताया था। शादी को उस वक्त 7 महीने ही हुए थे। डॉ. यादव को पहले दहेज उत्पीड़न और फिर पत्नी की आत्महत्या के मामले में आरोपी बनाया गया था।

डॉ. यादव को जनवरी में ट्रायल कोर्ट ने दहेज के आरोपों से बरी कर दिया था, लेकिन आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 5 साल और 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी।

वैज्ञानिक की भूमिका और याचिका

डॉ. यादव इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं और वैक्सीन को लेकर रिसर्च कर रहे हैं। सजा के बाद उन्हें संस्थान से बाहर कर दिया गया था, जिससे उनके रिसर्च कार्य पर असर पड़ा। इस पर उन्होंने कोर्ट में अपील कर सजा और दोष पर रोक लगाने की मांग की थी।

कोर्ट ने कहा- सजा से देशहित को नुकसान

जस्टिस रवींद्र मैठानी की बेंच ने कहा कि अगर सजा नहीं रोकी गई, तो यह सिर्फ याचिकाकर्ता का पेशेवर नुकसान नहीं होगा, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और देशहित का भी नुकसान होगा।

HC ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया

हाईकोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों (राम नारंग बनाम रमेश नारंग 1995 और नवजोत सिंह सिद्धू बनाम पंजाब सरकार 2007) का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि अपवाद वाले मामलों में दोष पर भी रोक लगाई जा सकती है, अगर उससे किसी व्यक्ति के करियर और सार्वजनिक हित को नुकसान हो रहा हो।

———————-

ये खबर भी पढ़ें…

पति को मारने वाली प्रोफेसर पत्नी को जाना होगा जेल:हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा रखी बरकरार, तत्काल ट्रायल कोर्ट में सरेंडर के निर्देश

छतरपुर जिले में 4 साल पहले 2021 में हुए बहुचर्चित डॉ. नीरज हत्याकांड मामले में सेशन कोर्ट ने उनकी प्रोफेसर पत्नी ममता पाठक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उन पर आरोप था कि अवैध संबंधों के शक के चलते उन्होंने डॉक्टर पति को जहर देने के बाद नींद में करंट लगाकर मार डाला था। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *