uttar pradesh agra 58 crore fine, still drains are falling into Yamuna | 58 करोड़ जुर्माना, फिर भी यमुना में गिर रहे नाले: नदी में कम नहीं हो रहा प्रदूषण, कैलाश घाट की अपेक्षा ताजमहल के पास यमुना अधिक गंदी – Agra News

यमुना में मिलता नाले का गंदा पानी।

आगरा में यमुना गंदे नाले का रूप लेती जा रही है। ये इतनी मैली हो गई है कि इसका पानी स्नान ताे दूर आचमन करने के लिए भी ठीक नहीं है। ये स्थिति तब है कि जब हाल ही में NGT ने यमुना को गंदा करने पर नगर निगम पर 58 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

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यमुना में सीधे जाता नाले का गंदा पानी।

यमुना में सीधे जाता नाले का गंदा पानी।

NGT के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे नगर निगम को कोर्ट ने खूब सुनाई थी। इसे निगम की बड़ी लापरवाही माना था। नदी में पर्यावरणीय गिरावट की गंभीरता से लिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) DY चंद्रचूड़, जस्टिस JB पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की थी। इस दौरान इस मामले में कड़ी असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि नगर निगम ने यमुना को नरक बना दिया है।

यमुना किनारे फैली गंदगी।

यमुना किनारे फैली गंदगी।

कहा था, “ये निष्कर्ष बहुत परेशान करने वाले हैं। इन लोगों ने नरक बना दिया है। आपने कुछ नहीं किया है। नदियों में इस तरह के अंधाधुंध निर्वहन के कारण सभी नदियां प्रदूषित हो रही हैं। दरअसल, इस मामले में NGT ने नगर निगम के खिलाफ अप्रैल में आदेश दिया था। नगर निगम को दोषी मानते हुए उस पर पैनल्टी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने NGT के आदेश के निष्कर्षों का हवाला देते हुए बताया कि नगर निगम पर्यावरण मानकों का पालन करने में विफल रहने के लिए जवाबदेही से बच नहीं सकते। NGT ने आगरा में मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों (STP) की विफलता का लेखा जोखा दिया था। पीठ ने कहा, “नए STP के बारे में भूल जाइए, आपके मौजूदा STP न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं कर रहे हैं। NGT ने 2023 CPCB रिपोर्ट से नोट किया है। अनुपचारित अपशिष्टों को नदियों में बहा दिया जा रहा है।”

धांधूपुरा एसटीपी से निकलते गंदे पानी का झाग।

धांधूपुरा एसटीपी से निकलते गंदे पानी का झाग।

बता दें कि तमाम कोशिशों के बावजूद यमुना में नालों का गंदा पानी जाने से नहीं रोका जा सका है। 90 में से अभी भी 61 नाले ऐसे हैं, जिनका गंदा पानी सीधे यमुना में जा रहा है। 29 नालों काे टेप कर गंदे पानी को STP में शोधित किया जा रहा है। इनमें से 21 नाले पूरी तरह से टेप्ड हैं और 8 नाले आंशिक टेप्ड हैं। पिछले महीने DM अरविंद मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसका खुलासा हुआ था। इसमें बताया गया कि 90 नालों से 286 MLD गंदा पानी निकलता है।

यमुना में फैली गंदगी।

यमुना में फैली गंदगी।

61 नालों में से 23 नाले टेप्ड करने का कार्य नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कराया जा रहा है। शेष नालों को टैपिंग करने के लिए बजट का आकलन कर शासन को भेज दिया गया है। यमुना में अभी भी गंदा पानी जा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर में प्रवेश करने के बाद यमुना ज्यादा गंदी हाे रही है।

यमुना नदी में सीधे जाता नाले का गंदा पानी।

यमुना नदी में सीधे जाता नाले का गंदा पानी।

शहर में यमुना का एंट्री प्वाइंट कैलाश घाट है। यहां का पानी ताजमहल के पास से अधिक स्वच्छ है। इसका खुलासा पिछले दिनों उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच रिपोर्ट से हुआ है। 9 सितंबर 2024 की जांच रिपोर्ट के अनुसार, कैलाश घाट पर यमुना के पानी का DO 6.8 और BOD 6.4 था। वहीं, ताजमहल के पास DO 6 और BOD 7.2 था। यानि के कैलाश घाट की अपेक्षा ताजमहल के पास यमुना नदी में डिजॉल्विंग ऑक्सीजन की डिमांड कम और बायो ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी हुई थी।

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