US Yemen Houthi Rebels Attack; Joe Biden | B2 Stealth Bombers | अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हमला किया: 5 हथियार डिपो तबाह किए, पहली बार B-2 बॉम्बर विमान का इस्तेमाल किया


वॉशिंगटन1 घंटे पहले

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अमेरिका में B-2 स्पिरिट बॉम्बर बनना बंद हो चुका है। फिलहाल इसे दुनिया का सबसे घातक विमान कहा जाता है। फुटेज- फाइल - Dainik Bhaskar

अमेरिका में B-2 स्पिरिट बॉम्बर बनना बंद हो चुका है। फिलहाल इसे दुनिया का सबसे घातक विमान कहा जाता है। फुटेज- फाइल

अमेरिकी एयर फोर्स ने बुधवार रात यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी की। अलजजीरा ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के हवाले से बताया कि B-2 स्टील्थ बॉम्बर से यमन की राजधानी सना के नजदीक 5 ठिकानों पर पर सटीक हमला हुआ।

ऑस्टिन ने कहा कि जमीन के भीतर हूती विद्रोहियों ने घातक हथियार छुपा रखे थे। इसका इस्तेमाल वे दूसरे देशों पर हमला करने और लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों को निशाना बनाने के लिए करते थे।

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि ये हमले राष्ट्रपति बाइडेन के निर्देश पर किए गए। उन्होंने कहा कि हमारे जवाब से साफ है कि दुश्मन अपने हथियारों को जमीन के कितने ही भीतर छुपाकर रख ले, हम उसे ढूंढ़कर बर्बाद कर देंगे।

हूती विद्रोहियों ने भी इस हमले की पुष्टि की है। हालांकि इसमें कितना नुकसान हुआ है इस बारे में उन्होंने जानकारी नहीं दी।

CNN के मुताबिक ये पहली बार है जब अमेरिका ने यमन में B-2 बॉम्बर का इस्तेमाल किया है। इसके पहले अमेरिकी सेना यमन में फाइटर जेट का इस्तेमाल करती रही है। अमेरिका ने एक महीने पहले ही में B-2 स्टील्थ बॉम्बर की तैनाती हिंद महासागर में मौजूद सीक्रेट मिलिट्री बेस डिएगो गार्सिया पर की थी।

अमेरिका के पास 19 B-2 स्टील्थ बॉम्बर रिपोर्ट्स के मुताबिक B-2 स्टील्थ बॉम्बर को अमेरिका का सबसे घातक हथियार माना जाता है। कोल्ड वॉर के दौरान अमेरिका और रूस खतरनाक हथियारों की रेस में लगे थे। तब अमेरिका में इसे तैयार किया गया था। साल 1987 से 2000 तक B-2 स्टील्थ बॉम्बर का निर्माण हुआ।

अमेरिका ने 132 यूनिट B-2 स्टील्थ बॉम्बर बनाने का टार्गेट रखा था मगर 21 का ही निर्माण किया जा सका। दो B-2 विमान 2008 और 2022 में हादसे का शिकार हो गए थे। अमेरिका के पास अब सिर्फ 19 B-2 स्टील्थ बॉम्बर बचे हैं।

B-2 विमान फाइटर जेट की तुलना में ज्यादा बमों को ले जाने में सक्षम है। यह परमाणु हथियार भी ले जा सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक बजट ज्यादा होने की वजह से अब B-2 विमान नहीं बनाया जाता है। अमेरिका ने आज तक किसी भी देश को यह विमान नहीं बेचा है।

अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के ठिकाने पर हमला क्यों किया इजराइल 7 अक्टूबर से ही गाजा पर हमला कर रहा है। इसके जवाब में हूती विद्रोही समंदर में इजराइल के सहयोगी देशों के जहाजों को निशाना बना रहे हैं। CNN के मुताबिक अब तक हूती विद्रोही समंदर में 100 से ज्यादा जहाजों पर हमले कर चुके हैं।

यमन के हूती विद्रोही इजराइल पर युद्ध को खत्म करने का दबाव बना रहे हैं।

यमन के हूती विद्रोही इजराइल पर युद्ध को खत्म करने का दबाव बना रहे हैं।

कौन हैं हूती विद्रोही

  • साल 2014 में यमन में गृह युद्ध शुरू हुआ। इसकी जड़ शिया-सुन्नी विवाद है। कार्नेजी मिडिल ईस्ट सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों समुदायों में हमेशा से विवाद था जो 2011 में अरब क्रांति की शुरुआत से गृह युद्ध में बदल गया। 2014 में शिया विद्रोहियों ने सुन्नी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
  • इस सरकार का नेतृत्व राष्ट्रपति अब्दरब्बू मंसूर हादी कर रहे थे। हादी ने अरब क्रांति के बाद लंबे समय से सत्ता पर काबिज पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह से फरवरी 2012 में सत्ता छीनी थी। हादी देश में बदलाव के बीच स्थिरता लाने के लिए जूझ रहे थे। उसी समय सेना दो फाड़ हो गई और अलगाववादी हूती दक्षिण में लामबंद हो गए।
  • अरब देशों में दबदबा बनाने की होड़ में ईरान और सऊदी अरब भी इस गृह युद्ध में कूद पड़े। एक तरफ हूती विद्रोहियों को शिया बहुल देश ईरान का समर्थन मिला। तो सरकार को सुन्नी बहुल देश सऊदी अरब का।
  • देखते ही देखते हूती के नाम से मशहूर विद्रोहियों ने देश के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 2015 में हालात ये हो गए थे कि विद्रोहियों ने पूरी सरकार को निर्वासन में जाने पर मजबूर कर दिया था।
  • ईरान से मिल रहे समर्थन की बदौलत हूती विद्रोही एक ट्रेंड लड़ाका दल में बदल चुके हैं। हूती विद्रोहियों के पास आधुनिक हथियार और यहां तक कि अपने हेलिकॉप्टर भी हैं।

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