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- US Markets Fell For The Second Consecutive Day Due To Tariff Announcement, Dow Jones Fell By 1,200 Points, Boeing Intel Shares Fell By 8%
वॉशिंगटन2 घंटे पहले
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दो दिन में अमेरिकी मार्केट का इंडेक्स डाउ जोन्स अब तक 7% से ज्यादा गिर चुका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद लगातार दूसरे दिन 4 अप्रैल को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट है। डाउ जोन्स इंडेक्स करीब 1,450 पॉइंट (3.59%) गिरकर 39,090 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। एक दिन पहले भी ये 3.98% गिरा था। यानी दो दिन में डाउ जोन्स अब तक 7% से ज्यादा गिरा है।
वहीं, S&P 500 इंडेक्स में करीब 220 पॉइंट (4.06%) की गिरावट है। ये 5,180 के स्तर पर आ गया। नैस्डेक कंपोजिट 740 अंक (4.47%) गिरकर 15,800 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। बोइंग, इंटेल, गोल्डमैन सैक और डाउ INC जैसी कंपनियों के शेयरों में 8% तक की गिरावट है।
डाउ जोन्स इंडेक्स के टॉप लूजर

नोट: शेयर के भाव शाम करीब 07:30 बजे के हैं।
अमेरिकी बाजार में गिरावट के 4 कारण
- चीन ने भी अमेरिका पर 34% टैरिफ लगाया: चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। इसमें चीन पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था। अब चीन ने उतना ही टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया है।
- कंपनियों को मुनाफा कम होने का डर: अमेरिका ने सभी आयातित सामानों पर 10% न्यूनतम टैरिफ और कुछ देशों (जैसे चीन पर 34%, वियतनाम पर 46%) पर इससे भी ज्यादा शुल्क लगाने का ऐलान किया है। इससे वहां से आने वाले सामानों की कीमत बढ़ जाएगी। इससे कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसका असर उनके मुनाफे पर पड़ेगा। मुनाफा कम होने की आशंका से निवेशकों ने शेयर बेचना शुरू कर दिया है, जिससे बाजार में गिरावट है।
- ग्लोबल ट्रेड वॉर का डर: अमेरिकी की ओर से टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद दूसरे देश भी जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं। मिसाल के तौर पर, अगर भारत पर 26% टैरिफ लगा है, तो भारत भी अमेरिकी सामानों पर शुल्क बढ़ा सकता है। इससे ग्लोबल ट्रेड में रुकावट आ सकती है, जिससे सप्लाई चेन प्रभावित होगी। इस अनिश्चितता से निवेशक घबरा गए है और उन्होंने शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है।
- इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता: टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरीं है (अमेरिकी क्रूड $69.63 प्रति बैरल)। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी संकेत है। इससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है और बाजार में गिरावट तेज हुई है।
3 अप्रैल को डाउ जोन्स 3.98% गिरकर 40,545 के स्तर पर बंद हुआ था
डाउ जोन्स एक दिन पहले 1,679 पॉइंट (3.98%) गिरकर 40,545 के स्तर पर बंद हुआ। था वहीं, S&P 500 इंडेक्स में 274 पॉइंट (4.84%) की गिरावट रही। ये 5,450 के स्तर पर आ गया। नैस्डेक कंपोजिट सबसे ज्यादा 1,050 अंक (5.97%) गिरकर बंद हुआ।
बीते 10 साल में S&P 500 इंडेक्स की 4% से ज्यादा की गिरावट
तारीख | गिरावट |
16/3/2020 | 12.0% |
12/3/2020 | 9.5% |
9/3/2020 | 7.6% |
11/6/2020 | 5.9% |
18/3/2020 | 5.2% |
11/3/2020 | 4.9% |
3/4/2025 | 4.8% |
27/2/2020 | 4.4% |
1/4/2020 | 4.4% |
20/3/2020 | 4.3% |
13/9/2022 | 4.3% |
5/2/2018 | 4.1% |
18/5/2022 | 4.0% |
9 अप्रैल से लागू होंगे रेसिप्रोकल टैरिफ
अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगेगा। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल को और रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।

सेंसेक्स 930 अंक गिरकर 75,364 पर बंद हुआ
सेंसेक्स आज यानी 4 अप्रैल को 930 अंक (1.22%) की गिरावट के साथ 75,364 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में 345 अंक (1.49%) की गिरावट रही, ये 22,904 के स्तर पर बंद हुआ।
NSE सेक्टोरल इंडाइसेज में निफ्टी मेटल इंडेक्स करीब 6.56% टूटा। फार्मा, रियल्टी और आईटी इंडेक्स में करीब 4% की गिरावट रही। ऑटो, मीडिया इंडेक्स में करीब 3% की गिरावट रही।