US Indian Moonlighting Case Rules Explained; Mehul Goswami | Dual Job | न्यूयॉर्क में भारतीय IT कर्मचारी की मूनलाइटिंग: 42 लाख की अतिरिक्त कमाई, 15 साल जेल का खतरा; जानें मूनलाइटिंग क्या है

न्यूयॉर्क14 मिनट पहले

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अमेरिका में भारतीय मूल के एक व्यक्ति मेहुल गोस्वामी को मून-लाइटिंग के आरोप में 15 साल की जेल हो सकती है। मेहुल पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी नौकरी के दौरान प्राइवेट नौकरी की और इससे एक्स्ट्रा पैसा कमाया।

न्यूयॉर्क में ये एक गंभीर क्लास का अपराध है। 15 अक्टूबर को साराटोगा काउंटी शेरिफ ऑफिस ने गोस्वामी को सेकेंड डिग्री ग्रैंड लार्सेनी (बड़ी चोरी) के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मामले में गोस्वामी को अधिकतम 15 साल की जेल हो सकती है।

क्या है मामला?

न्यूयॉर्क में 39 साल के मेहुल स्टेट की सरकारी IT डिपार्टमेंट (ऑफिस ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सर्विसेज) में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के पोस्ट पर काम कर रहे थे। इस नौकरी से उन्होंने 2024 में करीब 1 करोड़ 18 लाख रुपए कमाए।

मार्च 2022 में मेहुल न्यूयॉर्क के पास माल्टा की सेमीकंडक्टर कंपनी ग्लोबल फाउंड्रीज में भी काम जॉइन किया जबकि वो पहले से सरकारी नौकरी कर रहे थे।

ऐसे में उन्होंने सरकारी नौकरी से सैलरी लेकर काम का दिखावा किया, जबकि अपना सारा फोकस प्राइवेट जॉब पर दिया। इससे उन्होंने एक्स्ट्रा 50,000 डॉलर (करीब 42 लाख रुपए) कमाए।

मेहुल गोस्वामी ने क्या गलत किया?

मेहुल ने सरकारी नौकरी के घंटों में प्राइवेट काम किया, जिससे टैक्सपेयर्स के पैसे का नुकसान हुआ। अमेरिकी कानून में इसे ‘ग्रैंड लार्सनी’ (बड़ी चोरी) माना गया, जो एक गंभीर अपराध है।

मूनलाइटिंग क्या है?

मूनलाइटिंग का मतलब है अपनी मुख्य नौकरी के अलावा खाली समय में दूसरा काम करना, जैसे फ्रीलांसिंग या ट्यूशन, ताकि अतिरिक्त कमाई हो सके। इसे ‘मूनलाइटिंग’ इसलिए कहते हैं क्योंकि पहले लोग रात के चांदनी में अतिरिक्त काम करते थे। यह पैसा कमाने, स्किल बढ़ाने या शौक पूरा करने के लिए किया जाता है।

कैसे पकड़े गए मेहुल गोस्वामी?

2024 में एक गुमनाम ईमेल से गोस्वामी के खिलाफ जांच शुरू हुई। ईमेल में गोस्वामी पर आरोप लगाया गया था कि वो स्टेट की नौकरी के दौरान उसी समय प्राइवेट कंपनी के लिए भी काम कर रहे थे।

मामले को देख रहे इंस्पेक्टर जनरल लूसी लैंग ने कहा,

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पब्लिक सेक्टर कर्मचारियों पर ईमानदारी से काम करने की जिम्मेदारी होती है। गोस्वामी का व्यवहार जनता के विश्वास का बड़ा उल्लंघन है। दूसरी फुल-टाइम जॉब करना सरकारी संसाधनों और टैक्सपेयर्स के पैसे का दुरुपयोग है। इसमें 15 साल तक की जेल हो सकती है।

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भारत में मूनलाइटिंग के लिए क्या नियम है?

भारत में कोई सीधा कानून नहीं है जो मूनलाइटिंग को पूरी तरह गैरकानूनी या अवैध घोषित करता हो। इसलिए ये अलग-अलग कंपनियों के लिए अलग-अलग है।

  • ज्यादातर कंपनियां कर्मचारी को किसी दूसरी कंपनी जॉइन करने या व्यवसाय करने की परमिशन नहीं देते।
  • सेंट्रल सिविल सर्विस कॉन्ट्रैक्ट 1964 के अनुसार, सरकारी कर्मचारी के लिए मूनलाइटिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  • अगर आपका दूसरा काम आपके मेन कंपनी के काम को प्रभावित करता है तो यह गलत माना जाएगा।

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