US-India finalize terms of trade deal | अमेरिका-भारत ने ट्रेड डील के लिए शर्तें फाइनल की: उपराष्ट्रपति जेडी वेंस बोले- इससे दोनों देशों के बीच फाइनल डील का रोडमैप तैयार होगा

जयपुर16 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
जयपुर में एक इवेंट में बोलते हुए अमेरिकी का वाइस प्रेसिंडेंट जेडी वेंस - Dainik Bhaskar

जयपुर में एक इवेंट में बोलते हुए अमेरिकी का वाइस प्रेसिंडेंट जेडी वेंस

अमेरिका और भारत ने ट्रेड डील के लिए शर्तों को फाइनल कर दिया है। इसे टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToRs) कहते हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने आज यानी, मंगलवार 22 अप्रैल को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक इवेंट में ये जानकारी दी।

जेडी वेंस ने कहा “मेरा मानना ​​है कि यह राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के विजन को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह फाइनल डील का एक रोडमैप तैयार करेगा।”

वेंस चार दिन के भारत दौरे पर हैं। सोमवार 21 जनवरी को वे दिल्ली पहुंचे थे। वे सुबह अक्षरधाम मंदिर गए, शाम को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद रात में ही जयपुर पहुंच गए।

खबर में आगे बढ़ने से पहले जेडी वेंस के भारत दौरे की तीन तस्वीरें…

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस मंगलवार सुबह सपरिवार आमेर महल देखने पहुंचे।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस मंगलवार सुबह सपरिवार आमेर महल देखने पहुंचे।

आमेर महल में हथिनी पुष्पा और चंदा ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति और उनके परिवार का स्वागत किया।

आमेर महल में हथिनी पुष्पा और चंदा ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति और उनके परिवार का स्वागत किया।

पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के तीनों बच्चों को मोरपंख दिया।

पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के तीनों बच्चों को मोरपंख दिया।

जेडी वेंस की 5 बड़ी बातें…

1. हमारा प्रशासन निष्पक्षता और साझा राष्ट्रीय हितों के आधार पर ट्रेड पार्टनर्स की तलाश करता है। हम अपने विदेशी साझेदारों के साथ ऐसे रिश्ते बनाना चाहते हैं जो अपने वर्कर्स का सम्मान करते हों, जो निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उनके वेतन में कटौती नहीं करते।

2. हम ऐसे साझेदार चाहते हैं जो अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हों। हमें ऐसे ग्लोबल ट्रेड सिस्टम को बनाने की जरूरत है जो बैलेंस्ड, ओपन, स्टेबल और निष्पक्ष हो।

3. अमेरिकन एनर्जी भारत के न्यूक्लियर पावर प्रोडक्शन गोल्स को साकार करने में मदद कर सकती है। भारत के एआई महत्वाकांक्षाओं के लिए भी यह जरूरी है। अमेरिका और भारत दोनों जानते हैं, कि ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा प्रभुत्व के बिना एआई का कोई भविष्य नहीं है।

4. मुझे लगता है भारत-अमेरिका के तीन आपसी लक्ष्य हैं। पहला- अपने देशों की सुरक्षा, दूसरा- अपने देशों की अर्थव्यवस्था मजबूत करना और तीसरा- नई तकनीक विकसित करना।

5. वेंस ने पीएम मोदी को टफ नेगोशिएशटर बताया। उन्होंने यह भी कहा कि जब राष्ट्रपति ट्रम्प और पीएम मोदी ने फरवरी में इस दशक के अंत तक आपसी व्यापार को 500 बिलियन डॉलर से अधिक करने की घोषणा की थी, – मुझे पता है कि दोनों इस बात को गंभीरता से लेते हैं।

स्पीच खत्म होने के बाद इवेंट में मौजूद लोगों को नमस्ते करते हुए जेडी वेंस।

स्पीच खत्म होने के बाद इवेंट में मौजूद लोगों को नमस्ते करते हुए जेडी वेंस।

टर्म्स ऑफ रेफरेंस में 19 चैप्टर शामिल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रस्तावित बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToRs) में 19 चैप्टर है। इसमें टैरिफ, गुड्स, नॉन-टैरिफ बैरियर्स और कस्टम्स फैसिलेशन जैसे इश्यू शामिल है। एग्रीमेंट में तेजी लाने के लिए इंडियन ऑफिशियल्स की एक टीम अमेरिका जा रही है।

इंडियन ऑफिशियल्स की तीन दिवसीय वार्ता बुधवार, 23 अप्रैल से शुरू होगी। डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स में एडिशनल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल इस टीम को लीड करेंगे। अग्रवाल को 18 अप्रैल को कॉमर्स सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था। वे 1 अक्टूबर से पदभार ग्रहण करेंगे।

ट्रम्प ने 2 अप्रैल को टैरिफ लगाया, फिर 90 दिनों की राहत दी

2 अप्रैल को डोनाल्ड ट्रम्प ने करीब 100 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, ‘आज लिबरेशन डे है, जिसका अमेरिका लंबे समय से इंतजार कर रहा था।’

हालांकि 9 अप्रैल को उन्होंने चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया। ऐसे में भारत 90 दिनों के भीतर ट्रेड एग्रीमेंट करना चाहता है।

ट्रम्प कहते आए हैं कि अगर कोई देश अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आने वाली चीजों पर ज्यादा टैरिफ बढ़ाएगा।

अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड डेफिसिट 41.18 बिलियन डॉलर

अमेरिका के साथ भारत का 2024-25 में वस्तुओं के मामले में ट्रेड डेफिसिट यानी, आयात और निर्यात के बीच का अंतर 41.18 बिलियन डॉलर था। 2023-24 में यह 35.32 बिलियन डॉलर, 2022-23 में 27.7 बिलियन डॉलर, 2021-22 में 32.85 बिलियन डॉलर और 2020-21 में 22.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। अमेरिका ने बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताई है।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *