वॉशिंगटन2 मिनट पहले
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चीन ने 11 अप्रैल को अमेरिकी सामान पर 125% टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में ट्रम्प ने नया टैरिफ लगाया है।
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर और आगे बढ़ गया है। अमेरिका ने अब चीन पर 100% और टैरिफ लगा दिया है। इसके साथ चीनी सामान पर कुल टैरिफ 245% हो गया है।
चीन ने 11 अप्रैल को अमेरिकी सामान पर 125% टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में ट्रम्प ने नया टैरिफ लगाया है।
इससे पहले चीन ने कहा था कि अब वह अमेरिका की तरफ से लगाए जाने वाले किसी भी अतिरिक्त टैरिफ का जवाब नहीं देगा।
चीन ने कहा था- अमेरिकी टैरिफ अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते हैं
11 अप्रैल को चीन ने कहा कि अमेरिका की तरफ से लगाए गए असामान्य टैरिफ अंतरराष्ट्रीय और आर्थिक व्यापार नियमों का गंभीर रूप से उल्लंघन करते हैं। यह पूरी तरह से एकतरफा दबाव और धमकाने की नीति है।
चीन ने ये भी कहा कि अमेरिका भले ही टैरिफ को और ज्यादा बढ़ा दे लेकिन अब इसका कोई मतलब नहीं होगा। आखिर में वह ग्लोबल इकोनॉमी के इतिहास में हंसी का पात्र बन जाएगा।
शी जिनपिंग बोले- चीन किसी से नहीं डरता
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका से बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चीन किसी से डरता नहीं है। पिछले 70 साल में हुआ चीन का विकास कड़ी मेहनत और खुद पर निर्भर रहने का नतीजा है।
जिनपिंग ने कहा-

चीन कभी दूसरों के दान के भरोसे नहीं रहा है। न ही कभी किसी की जबरदस्ती से डरा है। दुनिया कितनी भी क्यों न बदल जाए, चीन परेशान नहीं होगा।
जिनपिंग ने कहा कि ट्रेड वॉर में कोई विजेता नहीं होता। दुनिया के खिलाफ जाने का मतलब खुद के खिलाफ जाना है। जिनपिंग ने यह बातें स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज से मुलाकात के दौरान कहीं। सांचेज शुक्रवार को चीन दौरे पर पहुंचे हैं।
सांचेज ट्रम्प के टैरिफ का ऐलान करने के बाद चीन जाने वाले पहले यूरोपीय नेता हैं। पिछले 2 साल में वे तीन बार चीन जा चुके हैं। टैरिफ को लेकर सांचेज ने भी ट्रम्प की आलोचना की थी।
उन्होंने 8 अप्रैल को कहा था कि ट्रम्प के टैरिफ की वजह से यूरोप नए बाजार तलाशने पर मजबूर होगा। इसके अलावा यूरोपीय देश और चीन दोनों अपने संबंधों को बेहतर करने पर विचार करेंगे।

चीन नई इंडस्ट्री व इनोवेशन बढ़ाने पर जोर दे रहा
चीन के पास अमेरिका के करीब 600 अरब पाउंड (करीब 760 अरब डॉलर) के सरकारी बॉन्ड हैं। मतलब ये कि चीन के पास अमेरिकी इकोनॉमी को प्रभावित करने की बड़ी ताकत है। वहीं, चीन ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है।
चीन ने 1.9 लाख करोड़ डॉलर का अतिरिक्त लोन इंडस्ट्रियल सेक्टर को दिया है। इससे यहां फैक्ट्रियों का निर्माण और अपग्रेडेशन तेज हुआ। हुआवेई ने शंघाई में 35,000 इंजीनियरों के लिए एक रिसर्च सेंटर खोला है, जो गूगल के कैलिफोर्निया हेडक्वार्टर से 10 गुना बड़ा है। इससे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन कैपेसिटी तेज होगी।
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जैसे को तैसा… ये फॉर्मूला अपनाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अब बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। 2 अप्रैल को करीब 100 देशों पर टैरिफ लगाने के 7 दिन बाद ही उन्होंने इस फैसले पर 90 दिनों की रोक लगा दी है, लेकिन चीन पर 125% टैरिफ लगाकर तगड़ा झटका दिया है। आखिर ट्रम्प ने 7 दिनों के अंदर ही टैरिफ वापस क्यों लिया, अमेरिका के फैसले से भारत पर क्या असर पड़ेगा और 90 दिन बाद कैसे टैरिफ को दोबारा शुरू किया जाएगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…
7 दिन में ही बैकफुट पर ट्रम्प:90 दिनों के लिए टैरिफ रोका, चीन पर बढ़ाकर 125% किया

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