US China Tariff War Vs Indian Economy; Impact | Global Markets Risks | टैरिफ वॉर से चीनी-अमेरिकी इकोनॉमी तबाह हो सकती हैं: दोनों देशों के बीच 8 साल से चल रहा टैरिफ युद्ध, जानें इसका क्या होगा असर

12 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

90 साल पहले फ्रैंकलिन डेलानो रूजवेल्ट ने दुनिया की सबसे बड़ी महामंदी के कारणों की छानबीन की थी। कुछ ठोस वजहें निकलकर आईं। निचोड़ ये था… ‘आसमान छूते आयात शुल्क’ (टैरिफ) पर दुनिया की जवाबी कार्रवाई ने अमेरिका को विनाश की राह पर ला खड़ा किया था। यह अमेरिका के लिए बड़ा सबक था।’

इसके बाद अमेरिकी नेतृत्व ने कई दशकों तक टैरिफ कम रखा। वैश्विक कारोबार बढ़ाने के लिए तमाम सुधार किए। हालांकि, दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ को अचूक शस्त्र मानते हैं। उन्होंने चीन के खिलाफ सख्त टैरिफ पॉलिसी लागू करने का ऐलान किया है।

वहीं चीन ने इसकी शिकायत वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन से की है। अगर दोनों देशों में विवाद नहीं सुलझा तो ये टैरिफ वॉर जल्द ही ट्रेड वॉर में बदल सकता है। ऐसा करके क्या ट्रम्प अमेरिका को फिर गर्दिश में ले जा रहे हैं? इसका चीनी इकोनॉमी पर क्या असर होगा? चीन अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर का भारत और अन्य देशों पर क्या असर होगा? आइए समझते हैं…

सवाल: ट्रम्प के पहले कार्यकाल में लगाए टैरिफ का क्या असर हुआ? जबाव: द इकोनॉमिस्ट मैगजीन के मुताबिक पहले टर्म की चीन के खिलाफ सख्त टैरिफ पॉलिसी से अमेरिकी व्यापार घाटे में कमी नहीं आई। दरअसल टैरिफ लगाने से डॉलर मजबूत होता है। दूसरे देशों से आने वाले सामान की मांग कम हो जाती है और विदेशी करेंसी की मांग घटती है। अमेरिकी निर्यात भी सिकुड़ने लगता है। ट्रम्प के पहले टर्म में सख्त टैरिफ पॉलिसी के बावजूद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार घट गए थे। स्टील जैसे कुछ सेक्टरों की आय बढ़ी, लेकिन दूसरे सेक्टरों की घट गई।

सवाल: अमेरिकी टैरिफ के जवाब में चीन ने अभी क्या कार्रवाई की? जबाव: चीन ने अमेरिकी टेक दिग्गज एपल, गूगल के खिलाफ जांच शुरू की है। अमेरिका से कोयला, LNG के आयात पर 15% टैरिफ लगाया है। अमेरिकी कच्चे तेल, कृषि उपकरणों, बड़े-डिस्प्लेसमेंट वाहनों, पिकअप ट्रकों पर 10% टैरिफ थोपने के अलावा टंगस्टन सहित प्रमुख खनिजों के निर्यात पर भी सख्ती की है। अमेरिका की डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक मैन्युफैक्चरिंग जैसी इंडस्ट्रीज टंगस्टन आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। हालांकि, चीनी कार्रवाई अमेरिका पर बहुत ज्यादा असरकारक नहीं है।

सवाल: दोनों देशों की जवाबी कार्रवाई में किसको कितना नुकसान? जबाव: अमेरिका के साथ चीन का ट्रेड सरप्लस 23 लाख करोड़ रुपए है। अमेरिकी टैरिफ में लगभग 39 लाख करोड़ रुपए के चीनी सामान शामिल हैं, जबकि चीनी टैरिफ में 1.73 लाख करोड़ रुपए के अमेरिकी सामान शामिल हैं। ट्रम्प की जीत के बाद चीन ने स्थानीय सरकारों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए 121.4 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया, पर यह उसके छिपे कर्ज की तुलना में नाकाफी है। हालत ये है कि स्थानीय सरकारें वक्त पर सैलरी नहीं दे पा रहीं और कटौती कर रही हैं।

सवाल: चीन-अमेरिका टैरिफ वॉर का भारत और दुनिया पर क्या असर? जबाव: ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के मुताबिक ट्रम्प के पहले टैरिफ उपायों के बाद, 2017 और 2023 के बीच भारत चौथा सबसे बड़ा लाभार्थी था। वहीं अब अमेरिकी टैरिफ बढ़ने के बाद चीनी कंपनियां अपने प्लांट वियतनाम, कंबोडिया जैसे देशों में लगा रही हैं। चीन दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिकी देशों में निर्यात बढ़ाने में जुटा है। वह सोलर पैनल से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भारी निवेश कर रहा है। पिछले साल चीन का ट्रेड सरप्लस रिकॉर्ड 86 लाख करोड़ रुपए हो गया था।

चीन को अमेरिका से ढाई गुना ज्यादा नुकसान होगा टैरिफ जंग से 2025 में चीन की इकोनॉमी की रफ्तार 4.1% रह सकती है, यह 2024 की चौथी तिमाही में 5.4% थी। पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के मुताबिक इससे दोनों देशों की इकोनॉमी गिरेगी। अमेरिका की रियल GDP 2027 तक 0.07% और चीन की 0.16% गिर सकती है। 4 वर्षों में अमेरिकी GDP 4.77 लाख करोड़ रु. और चीनी इकोनॉमी 11 लाख करोड़ रु. की गिरावट देख सकती है। यह सिलसिला थमने वाला नहीं है।

चीन का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद खराब, वादे तोड़ता रहा है दिसंबर 2018 में दोनों देश व्यापार समझौता करने में विफल रहे। ट्रम्प ने 17.34 लाख करोड़ रु. के चीनी सामान पर टैरिफ 10% से 25% कर दिया। जनवरी 2020 में दोनों देश व्यापार समझौते पर राजी हुए। चीन ने 2 वर्ष में अतिरिक्त 17.33 लाख करोड़ रु. की अमेरिकी वस्तुएं और सेवाएं लेने का वादा किया, लेकिन वादा पूरा नहीं किया। बाइडेन ने भी चीनी टेक कंपनियों के लिए अपने दरवाजे बंद रखे।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *