UP Bareilly Conversion Case; Hindu Muslim | Arif Salman Khan | बरेली में हनी ट्रैप में फंसाकर कराते थे धर्मांतरण: व्हाट्सप ग्रुपों में भेजी जाती लड़कियों की वीडियो, मदरसे में होता ब्रेनवॉश – Bareilly News

बरेली में धर्मांतरण मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि हनी ट्रैप में फंसाकर युवकों को मदरसे में बुलाया जाता था। उन्हें चार शादियों का लालच और ऐशो-आराम की झूठी कहानियां सुनाई जाती थी। फिर वहीं पर ब्रेनवाश करके धर्म परिवर्तन किया जाता

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दैनिक भास्कर की टीम रविवार को सुभाषनगर के करेली गांव और भूता थाना के फैजनगर पहुंची। जहां से धर्मांतरण को अंजाम दिया जा रहा था। दो आरोपी मोहम्मद आरिफ और सलमान करेली गांव के ही रहने वाले हैं। उन्होंने बृजपाल, उसकी मां और बहन को मुसलमान बनाया था।

इसके अलावा इन्ही दोनों ने फैजनगर में भी जयपुर के पियूष और अलीगढ़ के टीचर प्रभात उपाध्याय और एक नाबालिग लड़के को मुसलमान बनाया था। हमारी टीम ने वहां के लोगों के चेहरे पर धर्मांतरण का डर देखा। लोग दहशत में हैं कि उनके बच्चे भी कही इस गैंग का शिकार न हो जाए। पढ़ें दैनिक भास्कर रिपोर्टर अनूप मिश्रा की ये रिपोर्ट:-

सबसे पहले जांच में क्या पता चला है उसके बारें में जानिए

20 से अधिक व्हाट्सऐप ग्रुप बना रखे थे

जांच में पता चला है कि 20 से अधिक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे। इनमें रोज नए फोटो और वीडियो भेजे जाते थे। धीरे-धीरे यह ग्रुप अश्लील तस्वीरों और क्लिप से भर दिए जाते, ताकि हिन्दू युवक आसानी से जाल में फंस जाएं। एक बार जब कोई लड़का दिलचस्पी दिखाता, तो उसे मदरसे में बुलाया जाता। यहां मौलाना और लड़कियां अपनी बातों से ब्रेनवाश करते थे।

जन्नत का वादा और चार शादियों का लालच देते थे

मदरसे के अंदर युवाओं से कहा जाता था अगर जन्नत पाना चाहते हो, खूबसूरत मुस्लिम लड़कियों से शादी करना चाहते हो, चार बीवियां चाहिए तो मुसलमान बन जाओ। वहां पर हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जाता। उनसे कहा जाता कि राम अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर पाए। शिव अपनी पत्नी के शव पर रोए। कृष्ण के माता-पिता जेल में रहे। जब ये भगवान ही अपने परिवार को सुरक्षित नहीं रख पाए तो तुम्हारी क्या रक्षा करेंगे

इस्लाम को दूसरे धर्मों से अच्छा बताते थे

युवकों से कहा जाता था कि दुनिया में इस्लाम सबसे अच्छा धर्म है। इसे अपनाना बहुत ही आसान है। इस धर्म को अपनाने से उन्हें कई फायदे मिलेंगे। वह चार-चार बीवियां रख पाएंगे। घर, नौकरी और लाखों रुपए भी मिल सकते हैं। उन्हें उर्दू सीखने को बोला जाता था। कुरान-हदीस पढ़ने के लिए दी जाती थी। जब उन्हें कुरान-हदीस की अच्छी नॉलेज हो जाती तो उन्हें मस्जिद का मौलवी बनाने तक का लालच दिया जाता।

सबसे पहले फैजनगर के मदरसे के बारे में जानिए, जहां से धर्मातरण का नेटवर्क संचलित हो रहा था

हम बरेली से करीब 30 किलोमीटर दूर फैज़नगर पहुंचे। यहां पर एक मदरसा है। जिसे देखने से लगता है कि यहां मुस्लिम बच्चों को दीनी तालीम दी जाती होगी। लेकिन हकीकत में यह एक धर्मांतरण फैक्ट्री थी। इस फैक्ट्री का संचालन अब्दुल मजीद करता था। पिता की मौत के बाद उसने मदरसे की कमान संभाली। बाद में इसे धर्मांतरण का अड्डा बना दिया। इस काम में उसकी मां और बहन भी बराबर की हिस्सेदार थीं।

जयपुर का पियूष बना मोहम्मद अली

इस गैंग के चंगुल में सबसे पहले जयपुर के युवक पियूष बने थे। तीन साल पहले अब्दुल मजीद ने अपनी बहन आयशा के फोटो और वीडियो पियूष को भेजे। पियूष अट्रैक्ट हो गया। उसे फैजनगर के मदरसे बुलाया गया। उसके बाद से वह आने जाने लगा। यहां पर मौलानाओं ने उसे इस्लाम के बारे में बताया। हिन्दू धर्म की बुराई की। बाद में मदरसा संचालक आबिद मजीद ने अपनी बहन आयशा से उसका निकाह कराने का लालच दिया।

पियूष बाद में खुद भी धर्मांतरण कराने लगा

पियूष का सबसे पहले खतना कराया गया। उसे कलमा पढ़वाया गया। उसके बाद मोहम्मद अली नया नाम दिया गया। इसके बाद वह इस गैंग का हिस्सा बन गया। खुद भी युवकों को मुसलमान बनाने का काम करने लगा। मोहम्मद अली न केवल 5 वक्त की नमाज पढ़ने लगा बल्कि कुरान-हदीस का अध्ययन करने लगा।

अब तक 6 लोगों का हुआ धर्मांतरण

पुलिस जांच में अब तक 6 लोगों के धर्मांतरण किए जाने का पता चला है। इसमें बरेली के प्रभात उपाध्याय, ब्रजपाल, ब्रजपाल की बहन और मां, जयपुर का पियूष और एक नाबालिग शामिल है। पुलिस को शक है कि यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। क्योंकि यह मदरसा 2014 से संचालित हो रहा था।

धर्मांतरण गैंग अच्छी तरह जानता था कि ऋषि-मुनि भी स्त्रियों के मोह में तपस्या भंग कर बैठे। साधारण युवक को लड़की के जरिये फंसाना बहुत आसान है। यही वजह थी कि इस पूरे नेटवर्क का आधार बना खूबसूरत लड़कियों का झांसा देते थे।

दिव्यांग के गायब होने से पूरा मामले का हुआ खुलासा

अलीगढ़ की रहने वाली अखिलेश कुमारी ने बताया- मेरे बेटे प्रभात उपाध्याय को जन्म से ही कम दिखाई पड़ता है। उसने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से एमफिल, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। फिर उसकी जॉब अलीगढ़ के राजकीय इंटर कॉलेज में लग गई।

कुछ दिनों बाद उसका ट्रांसफर बरेली में GIC में हो गया। यहां धर्मांतरण गैंग के सदस्यों ने बेटे का ब्रेनवॉश कर दिया। इसके बाद उसने इस्लाम धर्म अपना लिया और वह मुसलमान बन गया। 15 अगस्त से बेटा लापता है। उसका फोन भी बंद जा रहा है।

मदरसे में मिला प्रभात उपाध्याय

मैंने बेटे के बारे में जानकारी जुटाई। इसमें पता चला कि अब्दुल मजीद नाम का मौलाना बरेली के भुता के फैजनगर में मदरसा चलाता है। वहीं पर बेटे का धर्म परिवर्तन कराया गया है। बेटे का नया नाम हामिद रख दिया गया है। इसके बाद मैंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने 26 अगस्त को मदरसे पर छापेमारी कर अब्दुल मजीद, फहीम, सलमान, आरिफ को गिरफ्तार किया था।

प्रभात को शादी कराने का दिया लालच

प्रभात उपाध्याय को भी निकाह का झांसा दिया गया था। दरअसल प्रभात की जिस युवती से पहले शादी हुई थी, उसने उसे तलाक दे दिया था। वो बरेली में मुस्लिम युवकों के सम्पर्क में आया। GIC के आस पास काफी अधिक संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग कारोबार करते है। यहां वो कालेज में पढ़ाने के बाद अपना ज्यादातर समय इन कारोबारियों के साथ बिताता।

यहां उसकी दोस्ती कुछ धर्मांतरण गैंग के लोगों से से हो गई। प्रभात ने उन लोगों को बताया की उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया है। उसे दिखाई भी नहीं पड़ता है ऐसे में दूसरी शादी भी अब मुश्किल से होगी। यही से प्रभात की कमजोरी गैंग के सदस्यों को पता चल गई। जिसके बाद धीरे धीरे उसका ब्रेनवॉश किया गया। फिर उसे मुसलमान बनाया और शादी कराने का वादा किया।

भाई-बहन और मां का किया ब्रेनवॉश, धर्म परिवर्तन कराया

इसी मदरसे में ब्रजपाल सिंह का धर्म परिवर्तन कराया गया। उसका नाम अब्दुल्ला रखा गया। इतना ही नहीं, उसकी मां और बहन का भी धर्म परिवर्तन कराया गया। मां ऊषा रानी का नाम हमीदा और बहन राजकुमारी का नाम भी आयशा रखा।

ब्रजपाल बरेली के सुभाषनगर थाना क्षेत्र का का रहने वाला है। उसके पिता नहीं हैं। 10 साल पहले ब्रजपाल इस गैंग के संपर्क में आया। इसके बाद उसका और उसकी मां-बहन का ब्रेन वॉश किया गया। इसके बाद तीनों को कलमा पढ़वाकर मुसलमान बनाया गया। गैंग की ओर से तीनों का धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट भी जारी किया गया। वहीं, एक नाबालिग का भी धर्म परिवर्तन कराया गया है।

मास्टर माइंड अब्दुल मजीद ने गैंग में सभी को अलग-अलग काम बांट रखा था

सलमान, आरिफ और फहीम धर्मांतरण गैंग के सक्रिय सदस्य है। वहीं अब्दुल मजीद धर्मांतरण गैंग का मास्टर माइंड था। उसके अंडर में सलमान, आरिफ और फहीम काम करते थे। गैंग के सदस्यों के बीच काम बंटा हुआ था। सलमान कपड़े सिलने का काम करता था। साथ ही वह धर्मग्रंथ, सीडी और किताबें उपलब्ध कराता था। आरिफ उसे इस काम में सहयोग देता था। फहीम नाई का काम करता था। लोगों की जानकारी इकट्ठा कर गैंग तक पहुंचाता था।

27 जिलों में गया था मदरसा संचालक , 13 लाख कैश और 21 बैंक खाते बरामद

एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने बताया- जांच में पता चला है कि मदरसा संचालक अब्दुल मजीद की ट्रैवल हिस्ट्री 27 से अधिक जिलों से जुड़ी है। वह जगह-जगह से चंदा इकट्ठा करता था। उसके बैंक अकाउंट से 13 लाख रुपए मिले हैं। साथ ही कई बैंकों की चेकबुक और 21 अलग-अलग बैंक खाते मिले हैं।

इनमें लाखों का लेन-देन हुआ। पुलिस को विदेशी फंडिंग की भी आशंका है। आरोपी सोशल मीडिया पर भी लोगों का ब्रेनवॉश करते थे। उन्होंने कई वॉट्सऐप ग्रुप बनाए थे। इनमें जाकिर नाइक की वीडियो और पाकिस्तानी स्कॉलर्स के ऑडियो शेयर किए जाते थे।

अलग-अलग राज्यों में जाकर चंदा इकठ्ठा करते थे

ये लोग देश के अलग-अलग राज्यों में घूमकर चंदा इकट्‌ठा करते थे। यह बात मदरसा संचालक की ट्रैवल हिस्ट्री में सामने आई है। लोगों का ब्रेन वॉश करके उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता था। अब तक कुल 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, एक फरार है।

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