केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पंजाब सरकार के मंत्रियों से मीटिंग करते हुए।
केंद्रीय ऊर्जा व शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही आज (वीरवार) को चंडीगढ़ पंजाब सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों की मीटिंग हुई। मीटिंग में शानन प्रोजेक्ट का मुद्दा पंजाब सरकार की तरफ से प्रमुखता से उठाया है।
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इस पर मंत्री ने कहा कि हिमाचल व पंजाब सरकार अपने स्टैंड पर अड़ी है। दोनो कहना है कि सौ साल के बाद इसका अधिकार उन्हें मिलना चाहिए। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। पंजाब सरकार पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत प्रोजेक्ट की दोहाई दे रही है। केंद्र सरकार द्वारा एग्रीमेंट की स्टडी कर अपना जवाब दाखिल किया जाएगा। हमारा स्टैंड न्यायपूर्ण होगा, किसी का फेवर नहीं किया जाएगा। मीटिंग में बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह और आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया मौजूद थे।
इलेक्ट्रिक बसें चलाने के पक्ष में
मीटिंग में पंजाब सरकार की तरफ से मोहाली और जीरकपुर के बीच ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए ई बसें चलाने का मुद्दा उठा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह प्रपोजल अच्छा है। मेरी राय है कि इस प्रोजेक्ट में पंचकूला और चंडीगढ़ को भी शामिल किया जाना है। कलस्टर बनाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार भी प्रोजेक्ट में सहयोग करेगी। मंत्री ने कहा कि वह अब चंडीगढ़ और हरियाणा से भी मीटिंग करने जा रहे है। उसमें भी इस मामले को उठाएंगे।
BBMB में पंजाब के सदस्य हो नियुक्त
पंजाब ने केंद्र के भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में के सदस्यों की नियुक्ति की पंजाब के अधिकारियों की परंपरा को बरकरार रखते हुए वर्ष 2022 में संशोधित नियमों में बदलाव करने की मांग उठाई।. पंजाब ने कहा कि नई शर्तों के मुताबिक राज्य से कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिलेगा। इसके अलावा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कृषि के लिए सब्सिडी वाले सौर पंपों की क्षमता को कम से कम 15 हॉर्स पावर तक बढ़ाने की मांग की. पंजाब में खदानों से राज्य के तलवंडी साबो, नाभा में निजी थर्मल प्लांटों को कोयला स्थानांतरित करने की भी अनुमति मांगी गई थी।
सुल्तानपुर लोधी स्मार्ट सिटी का मुद्दा उठा
इसी तरह शहरी विकास से जुड़ी चर्चा के दौरान पंजाब ने सुल्तानपुर लोधी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समय सीमा बढ़ाने की मांग की। पंजाब सरकार ने तर्क दिया था कि यह परियोजना अन्य तीन स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की तुलना में बाद में आवंटित की गई थी, इसलिए इसकी समय सीमा 31 मार्च, 2025 से कम से कम दो साल बढ़ाई जानी चाहिए।