करीब चार महीने पहले 27 अगस्त को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मप्र में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाकर घोटाला करने का मामला उठाया था। दिग्विजय सिंह ने केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान औ
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दिग्विजय सिंह के पत्र पर केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब दिया। केन्द्रीय मंत्री ने अपने जवाब में यह माना कि ऑर्गेनिक कॉटन के प्रमाणीकरण में गड़बड़ी हुई है। पीयूष गोयल ने दिग्विजय सिंह को भेजे जवाबी पत्र में लिखा-
एक प्रमाणन निकाय को राष्ट्रीय जैविक उत्पाद कार्यक्रम (NPOP)के विनियमन प्रमाणन प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन के आधार पर एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। कुछ दूसरे प्रमाणन निकायों पर कार्रवाई जारी है। उक्त उत्पादक समूह का एनपीओपी के तहत पंजीयन रद्द कर दिया गया है।
मंत्रालय कार्रवाई जारी रखेगा केन्द्रीय मंत्री गोयल ने आगे लिखा- इस कार्रवाई के अलावा विभाग ने इस मामले को इंदौर के पुलिस आयुक्त, धार एसपी के सामने भी उठाया और मामले पर संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस मामले में उचित कार्रवाई जारी रखेगा।
दिग्विजय सिंह और पीयूष गोयल के लेटर
अब पढ़िए 27 अगस्त को दिग्विजय ने लेटर में क्या लिखा था पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित करते हुए एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखा था कि
मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाए गए हैं और इन समूहों में ऐसे गांवों के किसानों के नाम भी शामिल किए गए हैं जो न तो ऑर्गेनिक कॉटन का और न ही साधारण बीटी कॉटन का उत्पादन करते हैं। साथ ही पूर्व सीएम ने लिखा था कि कंट्रोल यूनियन नामक सर्टिफिकेशन बॉडी द्वारा बगैर भौतिक सत्यापन के एपिडा और व्यापारियों की मिलीभगत से ऑर्गेनिक उत्पादन के सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। उन्होंने आग्रह किया था कि प्रधानमंत्री जी इस मामले की जांच कराएं और दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करें।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा था कि यह घोटाला भले ही मध्य प्रदेश से उजागर हुआ हो, लेकिन इसकी जड़ें पूरे देश में फैली हुई हैं। प्रधानमंत्री जी देश भर में ऑर्गेनिक उत्पादों को प्रमाणपत्र देने का काम कर रही सभी सर्टिफिकेशन बॉडीज द्वारा जारी सर्टिफिकेट की निष्पक्ष जांच करवाएं।