राजस्थान के उदयपुर के पूर्व राजघराने के परिवार के सदस्यों के बीच चल रहे झगड़े ने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया। उदयपुर के सिटी पैलैस और परिवार के अन्य सदस्यों व समर्थकों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इससे कई लोग घायल भी हो गए। राजघराने के सदस्यों के बीच ऐ
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यह पूरा विवाद उदयपुर राजघराने के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे व नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक और इससे जुड़ी रस्मों को लेकर हुआ। विश्वराज सिंह राजतिलक के बाद सिटी पैलेस के अंदर धूणी के दर्शन करने जाना चाहते थे, लेकिन सिटी पैलेस में रहने वाला उनके चाचा के परिवार ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। यहीं से पूरा विवाद शुरू हुआ।

महल में जाने की अनुमति नहीं मिलने पर विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थक पुलिस का घेरा तोड़कर सिटी पैलेस के गेट पर पहुंचे। इस दौरान सिटी पैलेस के अंदर से पत्थर बरसने लगे।

पथराव के बाद मौके पर माहौल गर्मा गया। पथराव में कुछ लोगों के चोट भी लगी है।
विश्वराज सिंह मेवाड़ अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस के रास्ते में लगे बैरिकेड्स हटाते हुए जगदीश चौक तक पहुंचे, जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक दिया। मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। इस पर विश्वराज ने अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस के बाहर डेरा जमा लिया।
प्रशासन ने दोनों पक्षों में विवाद शांत कराने के लिए बात की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए विवादित धूणी वाली जगह को कुर्क कर थानाधिकारी को रिसीवर नियुक्त कर दिया। इसका नोटिस सिटी पैलेस के गेट पर चिपकाया गया।
इस बीच, महल में जाने की अनुमति नहीं मिलने पर विश्वराज मेवाड़ के समर्थकों ने पुलिस का घेरा तोड़ दिया और महल के गेट तक पहुंच गए। कुछ समर्थक दीवार पर चढ़ गए। इस दौरान महल के अंदर से पत्थर और कांच के बोतलें फेंकी गई, जिसमें 3-4 लोगों को चोट लगी है।
पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं, लेकिन सारी व्यवस्थाएं फेल हो गई है। लोगों ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।करीब आधा घंटा तक पत्थरबाजी हुई। लोगों की भीड़ अभी भी मौके पर जमा है। विश्वराज मेवाड़ भी सिटी पैलेस से कुछ दूरी पर बैठे हुए हैं।
बैरिकेडिंग लगाकर रोकने पर विश्वराज सिंह ने कहा- सामाजिक, कानून किसी भी तरीके से देखें, ये गलत हो रहा है। ये पारिवारिक संपत्ति है। ये रीत है कि हमें जाकर धोक देना है। एकलिंगनाथ से प्रार्थना है सभी पर कृपा बनी रहे।

जगदीश चौक पर विश्वराज सिंह मेवाड़ का एक समर्थक बैरिकेडिंग पर चढ़ गया और पुलिसकर्मियों पर लाठी से हमला करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिसकर्मी ने भी लाठी से हमला किया।

पुलिस ने जगदीश चौक पर बैरिकेडिंग कर विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके समर्थकों को रोका। इस दौरान विश्वराज के समर्थकों ने बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश की।

विश्वराज सिंह मेवाड़ समर्थकों के साथ काफी देर तक जगदीश चौक पर रुके रहे। बाद में गाड़ी से उतरकर बैरिकेडिंग से आगे सिटी पैलेस वाली रोड की तरफ पैदल रवाना हुए, हालांकि उनको आगे नहीं जाने दिया।

जगदीश चौक पर पुलिस और विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थक आमने-सामने हो गए। समर्थक त्रिपोलिया गेट की तरफ से गाड़ियां ले जाने पर अड़ गए।
उदयपुर पूर्व राजघराने में क्या है विवाद? उदयपुर का सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर उदयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य अरविंद मेवाड़ के पास है। महेंद्र सिंह मेवाड़ (10 नवंबर 2024 को निधन) उनके सगे बड़े भाई थे। दोनों के पिता भगवत सिंह मेवाड़ के खिलाफ महेंद्र सिंह मेवाड़ ने कोर्ट में कुछ केस दायर कर दिए थे।
1984 में भगवत सिंह मेवाड़ ने महेंद्र सिंह मेवाड़ से संबंध खत्म कर दिए थे। इसके बाद से सिटी पैलेस सहित परिवार की संपत्ति की देखरेख अरविंद मेवाड़ कर रहे हैं। वहीं, महेंद्र सिंह मेवाड़ का परिवार सिटी पैलेस के पास सामोर बाग में रहता है।
भगवत सिंह के निधन के बाद महेंद्र सिंह मेवाड़ के राजतिलक की रस्म निभाई गई थी। अब उनके निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह का राजतिलक किया गया। अरविंद मेवाड़ का दावा है कि महेंद्र सिंह मेवाड़ को पिता भगवत सिंह ने बहिष्कृत कर दिया था और उनकी वसीयत के एग्जीक्युटर वे खुद हैं। इसलिए वे सिटी पैलेस और एकलिंग मंदिर में उन्हें राजतिलक की रस्म निभाने नहीं देना चाहते।
दोनों परिवारों के बीच संपत्तियों को लेकर भी विवाद चल रहा है। इसको लेकर कोर्ट ने महेंद्र सिंह मेवाड़, अरविंद सिंह मेवाड़ और उनकी बहन योगेश्वरी कुमारी को सिटी पैलेस, शाही निवास सहित सभी संपत्ति 4-4 साल के लिए देने का आदेश दिया था। हालांकि बाद में उस पर स्टे मिल गया। तब से उदयपुर के पूर्व राजघराने की ज्यादातर संपत्ति अरविंद सिंह मेवाड़ के अधिकार में है। पूरा विवाद विस्तार से यहां पढ़ें