Two youths from Bihar stranded in Myanmar | म्यांमार में कैद बिहार के युवक, साथ में पाकिस्तानी-नेपाली भी: खाने-पीने तक को मोहताज, मोबाइल छीना, एजेंट बोला- 7000 डॉलर में खरीदा है

बिहार के दो युवकों को नौकरी का ऑफर देकर म्यांमार में बंदी बना लिया गया है। खाने-खाने को मोहताज है। उनका मोबाइल छीन लिया गया है। उनके साथ 3000 से अधिक पाकिस्तानी और नेपाली युवक-युवतियां भी हैं। सबसे गन पॉइंट पर साइबर ठगी कराई जा रही है। नहीं करने पर म

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दोनों युवकों ने किसी तरह चोरी छिपे वीडियो बनाकर घरवालों को भेजा है, तब मामला सामने आया। परिवार ने गोपालगंज के डीएम को आवेदन देकर दोनों को भारत लाने की गुहार लगाई है। परिजन काफी डरे सहमे हैं कि उनके बच्चों के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए।

पूरी घटना को सिलसिलेवार तरीके से इस स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए और देखिए….

10 अक्टूबर 2024

गोपालगंज के फतेहपुर का वाहिद रौशन अली घर के बरामदे में बैठकर मोबाइल पर गेम खेल रहा था। तभी उसके पिता रौशन अली आए। वह उसकी न कमाने की आदत और हरकत से परेशान थे। गुस्से में वाहिद को डांट दिया। ये बात उसको बुरी लगी और वह अपने चचेरे भाई सहुद अली के साथ घर छोड़कर दिल्ली भाग गया।

दिल्ली में दोनों ने काम की तलाश की, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद वाहिद ने दुबई में रहने वाले अपने मामा से बातचीत की। मामा ने विदेश जाने के लिए दोनों का एक एजेंट से संपर्क कराया, जो दुबई में ही रहता है। वाहिद और सहुद का पासपोर्ट पहले से बना था।

एजेंट ने दोनों का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया और थाईलैंड में 1.20 लाख रुपए की सैलरी पर ऑटोकैड डिजाइनिंग का काम करने का ऑफर दिया। जब दोनों ने पूछा कि थाईलैंड का वीजा कैसे मिलेगा?

एजेंट ने कहा, ‘अभी टूरिस्ट वीजा पर चले जाओ। अगर काम पसंद आएगा तो कंपनी से वीजा दिल देंगे।’ दोनों के पास 30-30 हजार रुपए था। जिसे दोनों ने एजेंट को भेज दिया। फिर एजेंट ने थाईलैंड के लिए फ्लाइट का टिकट भेजा। 26 अक्टूबर को दोनों विदेश चले गए।

वाहिद और सहुद थाईलैंड पहुंचे, उन्हें सीधे म्यांमार बॉर्डर पर ले जाया गया। लेकिन, वहां जालसाजों ने बंधक बना लिया। दोनों से लोगों को फोन कर साइबर ठगी कराई जाने लगी।

म्यांमार में बंधक बने हैं गोपालगंज के युवक वाहिद रौशन अली और सहुद अली।

म्यांमार में बंधक बने हैं गोपालगंज के युवक वाहिद रौशन अली और सहुद अली।

जब उन्होंने वापस भारत आने के लिए कहा तो बदले में 1.20 लाख रुपए की मांग की जाने लगी। परिवार ने पैसे भेज दिए, लेकिन अब भी बंधक है।

अब वाहिद और सहुद एक पराए देश में ठगी करने वालों के गुलाम बन चुके हैं। मामला तब सामने आया, जब वाहिद के पिता रौशन अली ने मीरगंज थाने में FIR दर्ज कराई। भास्कर ने दोनों युवकों के नंबर पर कॉल किया तो बंद मिला।

आगे की कहानी वाहिद और सहुद के घरवालों की जुबानी पढ़िए…

विदेश जाने से पिता ने किया था मना

दैनिक भास्कर को वाहिद के पिता रौशन अली ने बताया, ‘जब दोनों थाईलैंड जाने वाले थे तब दिल्ली एयरपोर्ट से मुझे कॉल किया था। बताया था कि थाईलैंड में नौकरी मिल गई है। अब हमलोग थाईलैंड जाने वाले हैं, आज ही फ्लाइट है।’

‘हमने तब मना भी किया था कि वह जगह सही नहीं है। वहां की भाषा भी समझ नहीं आती है। फिर भी दोनों नहीं माने और चले गए।’

थाईलैंड पहुंचने के बाद 7 दिन बाद तक नहीं आया फोन

पिता ने बताया, ‘थाईलैंड पहुंचने के बाद बेटे ने कॉल किया और कहा कि अब हम लोग पहुंच गए हैं। उसके बाद 1 सप्ताह तक कोई बातचीत नहीं हुई। काफी दिन तक जब कोई संपर्क नहीं हुआ तो हम घबरा गए थे।’

‘वहां का कोई नंबर नहीं था और वॉट्सऐप पर दोनों ऑनलाइन नहीं आ रहे थे। करीब 10 दिन बाद वाहिद ने वॉट्सऐप कॉल कर बताया कि अवैध रूप से म्यांमार भेज दिया गया है और यहां जबरदस्ती साइबर ठगी का काम कराया जा रहा है।”

‘काम नहीं करने पर मारा-पीटा जा रहा है। भूखा रखा जा रहा है। फोन से बातचीत भी नहीं करने दिया जा रहा है।’

म्यांमार में इसी जगह पर युवकों को बनाया गया बंधक। बंधक बने युवकों ने भेजा वीडियो।

म्यांमार में इसी जगह पर युवकों को बनाया गया बंधक। बंधक बने युवकों ने भेजा वीडियो।

थाईलैंड पहुंचने पर एक कमरे में किया बंद

वाहिद और सहुद के घरवालों ने बताया, ‘जब दोनों थाईलैंड पहुंचे तो वहां एक कमरे में एक दिन रखा गया। अगले दिन कुछ लोग पहुंचे और एक कार में बैठाकर करीब 5 घंटे तक कार से कहीं ले गए।’

‘दोनों ने जब बीच में पूछा कि इतना दूर कहा ले जा रहे हैं तो कार में बैठे लोगों ने कहा कि कंपनी काफी दूर है। फिर एक नदी के किनारे तक ले गए। वहां बोट में बैठाया और नदी के दूसरे छोर लेकर गए। वहां कुछ लोग आए और पास के एक कंपनी में ले गए।’

उनके साथ पाकिस्तान और नेपाल के 3000 लोग बंधक

घरवालों ने बताया, ‘जब दोनों कंपनी में पहुंचे तो वहां पहले से करीब 3 हजार लड़के-लड़कियां काम कर रहे थे। ये पाकिस्तान और नेपाल के हैं। वहां पहुंचने पर एक चाइनीज व्यक्ति ने पहले मोबाइल और पासपोर्ट ले लिया और एक अग्रिमेंट पर साइन करने के लिए दबाव देने लगा।’

‘जब दोनों ने वीजा दिलाने की मांग की तो मारपीट करने लगे। दोनों से जबरदस्ती ऑनलाइन फ्रॉड का काम कराया जाने लगा। इसमें इंडियन लोगों को फोन करके डिजिटल अरेस्ट करना था। जब इन्होंने विरोध किया तो खाना बंद कर दिया और मारपीट की।’

‘घर वालों को दोनों ने बताया कि पहले उन्हें लगा थाईलैंड में ही कहीं बंधक बनाया गया है, लेकिन जब मोबाइल हाथ में मिला तो पता चला म्यांमार में हैं। आसपास काम करने वालों से बात की तो पता चला कि सब किसी न किसी तरीके से फंसाकर लाए गए हैं।’

वीडियो शेयर कर जगह के बारे में बताया

वाहिद और सहुद ने बंधक बने अपना वीडियो शेयर किया है। उन्होंने भारत सरकार से छुड़ाने की गुहार लगाई है।

वीडियो में बताया है, ‘जिस जगह पर रखा गया है वह एक टापू जैसा है। चारों तरफ हथियार से लैस गार्ड हैं। जब भी कोई बाहर निकलने की कोशिश करता है उसे म्यांमार आर्मी को सौंप देने की धमकी देते हैं। जब कोई भी अपने घर पर बातचीत करता है तो उसका मोबाइल छिन लिया जाता है।’

वाहिद और सहुद ने वीडियो में बताया…

‘जिस जगह पर रखा गया है वहां चारों तरफ सिर्फ नदी और जंगल है। दूर-दूर तक कोई नहीं आता जाता है। करीब 3 हजार लड़के लड़कियां अंदर कैद हैं। सभी को प्रताड़ित किया जाता है। काम का विरोध करने पर सबके साथ मारपीट की जाती है।’

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‘इंडियन खाना नहीं दिया जाता है। जब भी वहां से निकालने की बात करते हैं तो मैनेजर कहता है कि तुम्हें 7 हजार यूएस डॉलर में खरीदा है। जब तक इतना रुपया नहीं दोगे तब तब यहां से जाने नहीं देंगे। इसके बाद दो और लड़कों को इंडिया से बुलाने को कहता है।’

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एजेंट ने ब्लॉक किया घर वालों का नंबर

घर वालों को एजेंट ने बताया, ‘विदेश भेजने के लिए जो कमीशन मिलता है, वह अभी तक नहीं मिला है। दोनों को छोड़ने के लिए दो लाख 40 हजार रुपए और लगेगा। उसके बाद दोनों वहां से छूटकर वापस आएंगे।’

एजेंट नीरज कुमार यादव। (फाइल फोटो)

एजेंट नीरज कुमार यादव। (फाइल फोटो)

परिवार वालों ने एजेंट के अकाउंट में डेढ़ लाख रुपए तीन दिन पहले डाल दिया है। इसके बाद एजेंट ने मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया है।

पीड़ित पिता रौशन अली ने बताया, ‘एजेंट प्रयागराज का रहने वाला नीरज कुमार यादव है। वह दुबई में ही रहता है। उससे भी कोई बातचीत नहीं हो रही है। इधर बेटे का भी मोबाइल छिन लिया गया है। घर वालों से बातचीत नहीं हो रही है।’

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परिजनों के लिखित आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी एजेंट अभी दुबई में है। इस केस को एनआईए को हैंडओवर किया जा रहा है। एनआईए जांच कर कार्रवाई करेगी। -आनंद मोहन गुप्ता, एसडीपीओ, हथुआ

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