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शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को समुचित संसाधन उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है, लेकिन धरातल पर इसका बुरा हाल है। ताजा मामला खरीक बाजार के प्राथमिक विद्यालय यादव टोला का है। जहां महज चार कमरों में दो प्राइमरी स्कूलों, प्राथमिक विद्यालय यादव टोला और प्राथमिक विद्यालय शिवगंज टोला का संचालन हो रहा है। इस स्कूल में कुल पांच कमरे हैं, जिसमें एक में कार्यालय है। बचे चार कमरों में से तीन प्राथमिक विद्यालय यादव टोला और एक प्राइमरी स्कूल शिवगंज टोला को आवंटित किया गया है। इसी एक कमरे में प्राइमरी स्कूल शिवगंज टोला के कक्षा एक से पांच तक में नामांकित कुल 112 बच्चे नहीं बैठ पाते हैं।
इनमें से आधे से अधिक बच्चों को शिक्षक इस ठंड में मैदान में दरी बिछाकर पढ़ाने को विवश हैं। भवन नहीं होने के कारण प्राथमिक विद्यालय शिवगंज टोला का संचालन पहले एक व्यक्ति के निजी मकार में हो रहा था। मकान मालिक के आपत्ति के कारण करीब तीन साल पहले शिक्षा विभाग के अफसरों ने इस स्कूल को प्राथमिक विद्यालय यादव टोला में शिफ्ट कर दिया। वहीं प्राथमिक विद्यालय यादव टोला में 417 विद्यार्थी नामांकित हैं। लेकिन, तीन कमरों में इन बच्चों को बैठने के लिए भी जगह नहीं होने के कारण इन्हें भी बाहर मैदान में पढ़ाया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय यादव टोला में 12 और प्राथमिक विद्यालय शिवगंज टोला में चार शिक्षक हैं। शिक्षा विभाग के मापदंड के अनुसार दोनों स्कूलों में तो शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है। किन्तु, संसाधन का घोर अभाव है।