Two arrested for hoisting saffron flag in Bangladesh | बांग्लादेश में राजद्रोह के मामले में 2 हिंदू युवक गिरफ्तार: आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराने का आरोप, कुल 19 के खिलाफ मामला दर्ज


चिटगांव2 घंटे पहले

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चटगांव में आजादी स्तम्भ पर लगा भगवा ध्वज, अब इसे हटा लिया गया है - Dainik Bhaskar

चटगांव में आजादी स्तम्भ पर लगा भगवा ध्वज, अब इसे हटा लिया गया है

बांग्लादेश के चटगांव में पुलिस ने नेशनल फ्लेग के अपमान के आरोप में 2 अल्पसंख्यक हिंदू युवकों को गिरफ्तार किया है। इन पर चटगांव के न्यू मार्केट में आजादी स्तंभ पर नेशनल फ्लेग से ऊपर भगवा ध्वज फहराने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में अन्य 17 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।

दरअसल 25 अक्टूबर को सनातन जागरण मंच ने चटगांव के लालदीघी मैदान में अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर एक रैली का आयोजन किया था। रैली के दौरान न्यू मार्केट चौक पर कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराया था। इस ध्वज पर ‘आमी सनातनी’ लिखा हुआ था।

घटना के बाद मोहरा इलाके के निवासी फिरोज खान ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था। मामले में पुलिस ने 30 अक्टूबर को दो आरोपियों राजेश चौधरी और हृदय दास को गिरफ्तार किया।

बांग्लादेश में राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर कोई अन्य रंग का ध्वज फहराना नियमों का उल्लंघन है।

इस्कॉन के सचिव पर भी मामला दर्ज

इस मामले में चटगांव इस्कॉन के सचिव चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी उर्फ चंदन कुमार धर को भी आरोपी बनाया गया है। इससे पहले 6 अगस्त को बांग्लादेश के खुलना जिले में एक इस्कॉन मंदिर को निशाना बनाया गया था।

इसमें भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों को जला दिया गया था। इस हमले के बाद चिन्मय दास ने कहा था कि चटगांव में भी तीन अन्य मंदिरों पर भी खतरा है। लेकिन हिन्दू समुदाय मिलकर उनकी सुरक्षा में लगा है। दास का कहना था कि हिंसा से बचने के लिए हिन्दू त्रिपुरा और बंगाल के रास्ते भारत में शरण ले रहे हैं। चिन्मय दास हिन्दू मंदिरों की सुरक्षा के मुद्दे को काफी समय से उठाते रहे हैं।

चिन्मय बोले – ‘ये आन्दोलन को दबाने की साजिश, इससे देश की बदनामी ‘ इस मामले पर हिन्दू संत चिन्मय दास का भी बयान आया है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक हिन्दुओं को बचाने और देश में शान्ति लाने के लिए 5 अगस्त के बाद हमने इस आन्दोलन में हिस्सा लेना शुरू किया था। अपनी जान और अधिकारों की रक्षा के लिए हम बाकी अल्पसंख्यक नेताओं के साथ इस आन्दोलन से जड़े हैं। उन्होंने कहा कि “25 अक्टूबर को हमने इन्हीं मांगो को लेकर सेना और प्रशासन की मौजूदगी में रैली का आयोजन किया था। ये आन्दोलन किसी भी तरह से राष्ट्र विरोधी नहीं है, और न ही किसी भी तरह से किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ है।”

चिन्मय दास बोले कि इस आन्दोलन को दबाने के लिए लोग साजिश रच रहे हैं। ये साजिशें हमारे देश की बदनामी कर रही हैं। उन्होंने अंतरिम सरकार के सलाहकार डॉ. युनुस से अपील करते हुए कहा- “हमें उम्मीद है दुनिया में चटगांव का नाम रोशन करने वाले यहीं के बेटे डॉ. युनुस हमें साम्प्रदायिक सोच से बचाने में मदद करेंगे। कुछ लोग साजिशन हमारे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं, ऐसे लोगों को समझदारी से पहचानकर सजा दी जानी चाहिए।”

हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में हुई थी रैली

बांग्लादेश में पिछले दिनों सरकार गिरने के बाद से ही अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। अगस्त में बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के 205 मामले सामने आए थे। इसके विरोध में चटगांव में रैली का आयोजन किया गया था। अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद से अल्पसंख्यकों से जबरन इस्तीफा दिलवाने के मामले भी सामने आए थे।

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के मुताबिक देश में नई सरकार के गठन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 49 शिक्षकों से इस्तीफे ले लिए गए थे।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों में इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम का नाम सामने आता रहा है। इस संगठन पर प्रधानमंत्री मोदी के बांग्लादेश दौरे के विरोध से लेकर हिंदुओं और मंदिरों पर हमले तक के आरोप हैं।

शेख हसीना के सेकुलर होने की वजह से उनका विरोधी रहा हिफाजत-ए-इस्लाम देश में शरिया कानून लागू करने की वकालत भी करता है।

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