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- Tula Sanktranti On 17th October, Surya Ka Rashi Parivartan In Hindi, Significance Of Tula Sankranti, Old Traditions About Sankranti
9 मिनट पहले
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गुरुवार, 17 अक्टूबर को तुला संकांति है यानी इस दिन सूर्य कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिष में सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रमण और संक्रांति कहते हैं। ये ग्रह 17 अक्टूबर से 16 नवंबर तक तुला राशि में रहेगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, संक्रांति को भी एक पर्व माना जाता है। इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने और नदी किनारे दान-पुण्य करने की परंपरा है। संक्रांति की सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान के बाद उगते सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें। लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल, चावल, कुमकुम डालें, इसके बाद ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें।
तुला संक्रांति पर कर सकते हैं ये शुभ काम
संक्रांति पर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान करते समय गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों का ध्यान करें और इस मंत्र का जप करें- गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
शास्त्रों में पंचदेव बताए गए हैं, जिनकी पूजा हर शुभ काम की शुरुआत में की जाती है। पंचदेवों में भगवान गणेश, शिव, विष्णु, देवी दुर्गा और सूर्य शामिल हैं। तुला संक्रांति पर इन सभी देवी-देवताओं की पूजा जरूर करें।
गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं। शिव जी को बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा और चंदन चढ़ाएं। विष्णु जी को तुलसी के मिठाई का भोग लगाएं। देवी दुर्गा को लाल चुनरी अर्पित करें। सूर्य देव के लिए गुड़ का दान करें।
सूर्य को जल चढ़ाने से धर्म लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। सुबह-सुबह की सूर्य की किरणों से त्वचा की चमक बढ़ती है, आलस दूर होता है, आंखों की रोशनी बढ़ती है।
भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में श्रीकृष्ण में अपने पुत्र सांब को सूर्य पूजा करने की सलाह दी है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि सूर्य एकमात्र प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले देवता हैं। जो भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य की पूजा करता है, उसे सेहत के साथ ही सौभाग्य भी मिलता है।
तुला संक्रांति पर सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान किया जा सकता है।