वॉशिंगटन DC11 मिनट पहले
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी को शपथ ली। 30 अप्रैल को ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल को 100 दिन पूरे हो जाएंगे। ट्रम्प ने अब तक रिकॉर्ड 140 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए हैं, जबकि पहले कार्यकाल में उन्होंने इतने वक्त में सिर्फ 33 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए थे।
ट्रम्प ने इलेक्शन कैंपेन में अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने और अमेरिका को फिर से ग्रेट बनाने का वादा किया था। इसके साथ देश में टैक्स-महंगाई कम करने, नौकरियां पैदा करने की भी बात कही थी। साथ ही रैलियों में उन्होंने शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर गाजा-यूक्रेन युद्ध खत्म करने का दावा किया था।
उनके टैरिफ और अन्य फैसलों का अमेरिका, भारत व चीन समेत दुनियाभर में असर देखा गया है।
ट्रम्प के वो 8 फैसले जिसका असर अमेरिका समेत दुनियाभर में देखने को मिला…
1. टैरिफः वैश्विक अर्थव्यवस्था में हड़कंप के चलते 90 दिन के लिए निलंबित
फैसलाः रेसिप्रोकल टैरिफ (जैसे को तैसा टैक्स) नीति लागू की। 2 अप्रैल को 75 देशों पर टैरिफ लगाया। 7 दिन बाद, बाजारों में हड़कंप व मंदी की आशंका के बीच, चीन को छोड़ बाकी पर टैरिफ को 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
असरः 75 देशों की GDP पर नकारात्मक असर। जर्मनी, ब्रिटेन में उत्पादन और द. कोरिया में निर्यात घटा। भारतीय फार्मा पर असर।
2. विदेश नीतिः कूटनीतिक भूचाल आया, विदेशी मदद पर रोक का फैसला लिया फैसला: विदेशी सहायता पर रोक। USAID के तहत दुनियाभर के 83% कॉन्ट्रैक्ट रद्द। ईरान से परमाणु वार्ता शुरू की। भारत के साथ सैन्य हथियार को लेकर समझौता हुआ। पनामा नहर व ग्रीनलैंड पर नियंत्रण की मांग की।
असरः वैश्विक मदद व कूटनीति में अनिश्चितता बढ़ी। USAID बंद होने से 100 देशों में 10 हजार नौकरियां गई। हेल्थ क्लिनिक बंद हुए।
3. ट्रम्प बनाम यूनिवर्सिटी: छात्रों और शिक्षा पर सख्ती बढ़ाने से तकरार
फैसला: यूनिवर्सिटीज में DEI कार्यक्रमों पर प्रतिबंध। यूनिवर्सिटीज से विदेशी अनुदान का रिकॉर्ड मांगा। हार्वर्ड की 2.3 अरब डॉलर की फंडिंग रोकी। एक हजार से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा रद्द किए। सैकड़ों को निर्वासित किया।
असरः शिक्षा क्षेत्र तनाव व अनिश्चितता बढ़ी। 200 यूनिवर्सिटीज ने स्वायत्तता पर सवाल उठाए। हार्वर्ड ने मुकदमा दायर किया।
4. महंगाईः गैस, ऑटो पार्ट्स की कीमतों में उछाल, फल-सब्जियां 4.8% महंगी फैसला: कॉर्पोरेट टैक्स 21% से घटाकर 15% किया। 10 मार्च को ट्रम्प ने फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें कम करने का दबाव डाला। 20 मार्च को बंदरगाहों पर स्वचालन अनिवार्य किया।
असरः महंगाई बढ़ी। ब्याज दरें 4.25% हुईं। गैस 4.3% व ऑटो पार्ट्स 6% महंगे। इंपोर्ट प्रोडक्ट्स की कीमतें 7% उछलीं। फल-सब्जियां 4.8% और घरों की कीमत 5.1% बढ़ी।
5. नौकरियों पर असरः DoGE ने 50 हजार लोगों की छंटनी की, बेरोजगारी बढ़ी
फैसला: ट्रम्प के DoGE डिपार्टमेंट ने सरकारी नौकरियों में बड़े पैमाने पर छंटनी की। हालांकि, टैरिफ और डीरेगुलेशन से 2.28 लाख नई नौकरियां पैदा हुईं।
असरः 48 एजेंसियों में 50 हजार से ज्यादा संघीय कर्मचारियों की छंटनी हुई, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा विभाग शामिल हैं। 77,000 कर्मियों ने स्वैच्छिक इस्तीफा लिया। हालांकि, अप्रैल में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.2% हुई।
6. डिपोर्टः अवैध प्रवासियों की धड़पकड़ 627% बढ़ी, बॉर्डर क्रॉसिंग 94% घटी
फैसला: 2 करोड़ अवैध प्रवासियों के निर्वासन की योजना शुरू की। अवैध प्रवासियों के लिए सोशल सिक्योरिटी लाभ रोके। दक्षिणी सीमा पर आपातकाल घोषित, बॉर्डर वॉल निर्माण शुरू।
असरः प्रवासियों में डर बढ़ा। 2.5 लाख अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाला। इनमें 332 भारतीय भी। अवैध प्रवासियों की धरपकड़ 627% बढ़ीं। बॉर्डर क्रॉसिंग 94% घटी।
7. WHO से बाहर हुआ, नाटो छोड़ने की धमकी दी
फैसला: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका की सदस्यता रद्द की।
असर: वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग कमजोर हुआ। अफ्रीकी देशों में वैक्सीन वितरण प्रभावित हुआ। वहीं, 10 फरवरी को नाटो की फंडिंग रोकने की धमकी दी। नाटो को धमकी से यूरोपीय सहयोगियों में चिंता, रक्षा खर्च पर दबाव बढ़ा।
8. रूस-यूक्रेन में वार्ता की कोशिश, गाजा कब्जे का ऐलान यूक्रेन की सहमति के बिना रूस के साथ युद्धविराम वार्ता शुरू की। 4 मार्च को यूक्रेन को सैन्य मदद रोकी, बाद में जारी की। वहीं, गाजा युद्ध को रोकने के बजाए 20 मार्च को गाजा पर कब्जे की इच्छा जताई। इजराइल को पूर्ण समर्थन दिया। गाजा में मानवीय संकट गहराया।