![]()
.
परिवहन मित्र दलाल नहीं हैं। ये अपनी मेहनताना लेकर वाहन मालिकों का काम करते हैं। दलाल तो डीटीओ और एमवीआई के निजी लोग होते हैं। जो वाहन के फिटनेस, लर्निंग लाइसेंस, लाइसेंस आदि बनाने के नाम पर रुपए लेते हैं। उक्त बातें पूर्णिया के गिरिजा चौक स्थित टाऊन हॉल में आयोजित बिहार राज्य परिवहन मित्र कामगार संघ के द्वितीय राज्यस्तरीय सम्मेलन में संघ के संस्थापक सह अखिल भारतीय सचिव कामरेड राजकुमार झा ने कहीं। उन्होंने कहा कि पैसा ले कोई और बदमान कोई और हो, यह नहीं चलेगा। उन्होंने परिवहन मित्र कामगार संघ के गठन की उपलब्धियां और आगे की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए संगठन को राज्यस्तर पर मजबूत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने वर्तमान राजनीतिक स्थिति की चर्चा करते हुए किसानों व मजदूरों की एकता के जरिए संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए हो रहे संघर्षों में अपनी भागीदारी निभाते हुए संगठन को मजबूत बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि परिवहन मित्र कामगार वाहन मालिकों का लर्निंग लाइसेंस,परमानेंट लाइसेंस, फिटनेस आदि का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन आदि करने का काम करते हैं। दसके एवज में सिर्फ मेहनताना गाड़ी मालिकों से 100-200 रूपए लिया जाता है।
टेम्पो, ट्रैक्टर के फिटनेस के लिए 600 रुपए का चालान जमा होता है लेकिन गाड़ी मालिकों से एमवीआई व डीटोओ के निजी दलाल 4 हजार लेते हैं
संस्थापक सह अखिल भारतीय सचिव कामरेड राज कुमार झा ने कहा कि ये सभी लोग जानते हैं कि टेम्पो, ट्रैक्टर के फिटनेस के लिए 600 रुपए का चालान जमा होता है, लेकिन गाड़ी मालिकों से एमवीआई व डीटोओ के निजी दलाल 4 हजार रुपये लेते हैं। वहीं, लर्निंग लाइसेंस के लिए 700 रुपये का चालान काटा जाता है लेकिन ढाई से तीन हजार लगता है। बिना रुपये दिए काम ही नहीं बढ़ता है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में लूट की छूट मिली है। सभी परिवहन मित्र कामगारों से संगठन को और मजबूत करने का आह्वान किया। कहा कि आज परिवहन विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर से लेकर अन्य कर्मी ठेका पर रखे जाते हैं। जबकि अगर सरकार चाहे तो परिवहन मित्र को रोजगार दे सकती है। परिवहन क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा फोटो खिंचवा कानून लगाया गया है। जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इसमें जिनकी गाड़ी घर में है उनके नाम से भी चालान कट रहा है। कई उदाहरण आए दिन खबरों में देखने को मिल रहा है।
