भास्कर न्यूज| लुधियाना ट्रांसपोर्ट विभाग का ऑनलाइन पोर्टल वाहन-4 अकसर तकनीकी खामियों की वजह से प्रभावित रहता है। पिछले एक सप्ताह से यह पोर्टल पूरी तरह बंद पड़ा है, जिससे लोगों के आरसी और टैक्स से जुड़े सभी काम रुक गए हैं। खासतौर पर कमर्शियल वाहन चालक
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पोर्टल बंद होने के कारण वे न तो वाहनों का टैक्स जमा कर पा रहे हैं और न ही आरसी फीस भर पा रहे हैं। इस वजह से चालकों को जुर्माने के रूप में अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ रही है, जबकि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इसके अलावा, विभाग का सारथी पोर्टल भी पिछले दो दिनों से धीमी गति से काम कर रहा है। लाइसेंस संबंधी कार्यों में देरी हो रही है, और फीस भरने में 30 मिनट से अधिक समय लग रहा है।
लोगों का कहना है कि यह ऑनलाइन प्रणाली, जो उनकी सुविधा के लिए बनाई गई थी, अब उनके लिए सिरदर्द बन चुकी है। सोमवार को स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एसटीसी) ने आरटीओ और आरटीए अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें अधिकारियों ने जिले में आ रही समस्याओं पर चर्चा की। इस दौरान तकरीबन सभी ने बैकलॉग के मुद्दे को जल्द करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि बैकलॉग न होने के कारण लोग दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है और परेशान हो रहे है।
वाहनों को ऑनलाइन करने के लिए बैकलॉग करवाना बेहद जरूरी है। अगर बैकलॉग का काम नहीं होता तो वाहन का टैक्स जमा नहीं किया जा सकता, न ही वाहन का रिन्यूवल हो सकता है, और न ही हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाई जा सकती है। वाहन को ऑनलाइन करने की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्ट विभाग के हेड ऑफिस पर है। हालांकि, जब से हेड ऑफिस में बैकलॉग का काम शुरू हुआ है, तब से आरटीए/आरटीओ दफ्तरों के चक्कर लगाने वाले लोग परेशान हो गए हैं। उन्हें यह भी नहीं पता चलता कि उनकी आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) कब ऑनलाइन होगी, क्योंकि विभाग द्वारा कोई दस्तावेज़ या आईडी प्रदान नहीं की जाती, जिससे आवेदकों को अपने कार्य की स्थिति का कोई अंदाजा हो सके।
विभागीय जानकारी के मुताबिक आरसी बैकलॉग की पेंडेंसी 800 से अधिक हो गई है। हेड ऑफिस द्वारा इन्हें ऑनलाइन न किए जाने पर लोग दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। वहीं, ट्रांसपोर्टर पुष्पिंदर सिंह, इंदरजीत सिंह रिक्की के मुताबिक विभाग अपने मुनाफे के लिए लोगों को परेशान करने पर तुला हुआ है। अन्य विभागों के काम भी ऑनलाइन पोर्टल पर होते है। उनकी कभी कोई दिक्कत परेशानी नहीं आती। एक ट्रांसपोर्ट विभाग है, जिनकी साइड में कोई न कोई दिक्कत रहती है। इसके कारण आवेदकों को परेशान होने पड़ता है।
पहले बैकलॉग के लिए लोगों को परेशान किया गया। इसका 6 महीने से कोई हल नहीं निकला। फिर नंबरो की सीरिज को बंद कर दिया गया और अब वाहन-4 पोर्टल ही बंद कर दिया गया। इसके नुकसान ट्रांसपोर्टरों को झेलना पड़ रहा है। एटीओ अभिषेक बांसल ने बताया कि बैकलॉग के प्रोसेस में विभाग द्वारा संशोधन करने पर विचार किया गया है।
इसमें लोगो को सुविधा दी जाएगी। जहां पहले लोग डाक्यूमेंट को ट्रांसपोर्ट विभाग में जमा करवाते थे, वहीं अब आवेदक को ट्रांसपोर्ट ऑफिस में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बैकलॉग के लिए पोर्टल पर आवेदक खुद डाक्यूमेंट अपलोड कर सकेंगे और प्रोसेस की जानकारी भी देख पाएंगे