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ग्राम धरमपुरा में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन किया गया है। इसके कथावाचक आचार्य पं. झम्मन शास्त्री हैं। बुधवार को कथा के पांचवें दिन भक्ति मार्ग और गौ माता की सेवा का महत्व बताया गया। पं. शास्त्री ने कहा कि राजा ऐसा होना चाहिए, जिससे राज्य सुख-शांति और भय मुक्त जीवन बिताए।
पंडित शास्त्री ने कहा कि ऐसे राजाओं को स्वर्ग में जगह मिलती है। भारत के अनेक राजा ने अपनी कार्यप्रणाली ऐसी रखी है कि इंद्रदेव को भी अपनी गद्दी उनके लिए समय-समय पर त्यागनी पड़ी। उन्होंने बताया कि आज के राजा सत्तासीन लोग अपनी गद्दी बचाने तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसे लोगों को स्वर्ग तो क्या? नरक में भी स्थान नहीं मिलेगा। कथा वाचक ने कहा कि हमें प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने की आवश्यकता है। सप्ताह में एक दिन सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ हो। कथा के बीच मे वृंदावन धाम में नंद उत्सव भी धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर बच्चों ने दही मक्खन लूटकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया। पंजीरी, पंचामृत, माखन मिश्री की प्रसाद बांटी गई।
गोमाता का संरक्षण करना बहुत जरूरी है पंडित शास्त्री ने गोमाता के संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि लोग गौ माता का संरक्षण नहीं करेंगे। मान कर चलिए गाय की विलुप्ता मानव समाज को निगल जाएगी। जो गोमाता का आदर और उनकी सेवा करते हैं। उनके घर भगवान स्वयं पुत्र बनकर अवतरित होते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नंद बाबा है। राज धर्म के बारे में बताते हुए महाराज ने कहा कि भक्ति मार्ग और गोमाता की सेवा के संबंध में महत्व बहुत है। इनका संरक्षण करना जरूरी है।