अरुणोदय जन विकास परिषद के बैनर तले जयपुर के प्रतापनगर (सांगानेर) स्थित देहलावास बालाजी मंदिर के सामने छठ महापर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
जयपुरआज (रविवार) शाम को खरना के साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा। खरना में व्रती पूरे दिन उपवास कर शाम में भगवान भास्कर की पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। पूजा के बाद व्रती निर्जला अनुष्ठान का संकल्प लेंगे।
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उधर, अरुणोदय जन विकास परिषद के बैनर तले जयपुर के प्रतापनगर (सांगानेर) स्थित देहलावास बालाजी मंदिर के सामने तैयारियां शुरू हो गई हैं। मैदान को समतल करने के साथ ही कृत्रिम तालाब बनाने का काम चल रहा है।
अरुणोदय जन विकास परिषद के प्रमोद पाठक ने बताया- चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन नहाय खाय हुआ था। इसमें लौकी (कद्दू), अरवा चावल, चना दाल, आंवले की चटनी आदि से बना प्रसाद व्रत करने वाले ग्रहण करते हैं।

जयपुर के प्रतापनगर (सांगानेर) स्थित देहलावास बालाजी मंदिर के सामने हाउसिंग बोर्ड के ग्राउंड में छठ महापर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
गुड़ से बनी खीर, रोटी का प्रसाद आज शाम को खरना होगा। इसमें अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर, रोटी और फलाहार के साथ प्रसाद तैयार होगा। छठी मैया को प्रसाद अर्पति कर व्रत करने वाले इसे ग्रहण करेंगे। इसके बाद यह प्रसाद परिवार के लोगों में बांटा जाएगा।

अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर, रोटी और फलाहार के साथ प्रसाद तैयार होगा।
प्रतापनगर के ग्राउंड पर साफ-सफाई का काम चल रहा भाजपा नेता और अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा (सांगानेर विधानसभा) अध्यक्ष प्रमोद पाठक ने बताया- पुलिस, नगर निगम, हाउसिंग बोर्ड से समन्वय बनाते हुए हर साल की तरह इस साल भी ग्राउंड पर काम चल रहा है। शनिवार को कुंड की साफ-सफाई कराई गई। दिनभर जेसीबी से काम चलता रहा। आज टेंट वाले आ जाएंगे। प्रसाद बनाने की भी व्यवस्था की गई है। लाइट का काम आज ही शुरू होगा।

प्रतापनगर (सांगानेर) स्थित हाउसिंग बोर्ड के ग्राउंड में शनिवार से ही कुंड (कृत्रिम तालाब) बनाने का काम चल रहा है।
अरुणोदय जन विकास परिषद से जुड़े अजय राय ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु छठपूजा करने आएंगे।

प्रतापनगर (सांगानेर) स्थित हाउसिंग बोर्ड के ग्राउंड में शनिवार को जेसीबी मशीन से सफाई कराई गई।
251 किलो आटे से तैयार होगा प्रसाद अरुणोदय जन विकास परिषद के सुनील सिंह ने बताया- परिषद की तरफ से 251 किलो आटे का प्रसाद तैयार होगा। इसमें फल भी रहेगा। पर्व के समापन पर इसका वितरण किया जाएगा। विश्वेश्वर प्रसाद, सीतारम यादव, रामानंद मिश्रा, बैजनाथ प्रसाद सहित परिषद से जुड़े तमाम लोग प्रतापनगर के ग्राउंड पर साफ-सफाई करवाने में जुटे हैं।

यह तस्वीर पिछले साल की है। अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा (सांगानेर विधानसभा) अध्यक्ष प्रमोद पाठक की अगुवाई में छठ महापर्व के समापन पर श्रद्धालुओं को ठेकुआ व विभिन्न फल बांटा गया था।
क्या है खरना छठ पर्व में खरना का दिन बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इसी के साथ कठिन छठ व्रत की शुरुआत हो जाती है। व्रती पूरे दिन मन, विचार और शरीर को पवित्र रखने का संकल्प लेते हैं। शाम को पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसी प्रसाद को परिवार और आस-पड़ोस में भी बांटा जाता है।
ऐसे तैयार होता है प्रसाद इस दिन गुड़ की खीर बनाई जाती है। दूध, चावल और गुड़ का मिश्रण होता है। गेहूं के आटे की रोटी भी बनाई जाती है। केला को भी प्रसाद के रूप में जरूर शामिल किया जाता है। पहले प्रसाद सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है। यहीं से निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

पिछले साल की तरह इस साल भी 251 किलो आटा का ठेकुआ प्रसाद तैयार कराया जाएगा। छठ महापर्व के समापन पर इसे श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया जाता है।
खरना के प्रसाद से दूर होते हैं सारे कष्ट छठ महापर्व के चतुर्थ दिवसीय अनुष्ठान के तहत दूसरे दिन खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा, शरीर के दाग-धब्बे समाप्त हो जाते हैं। इसके प्रसाद से तेजस्विता, निरोगता और बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है।
पारंपरिक गीत के बीच तैयार होगा प्रसाद छठ महापर्व के खरना पूजा का प्रसाद बनाते समय व्रती और उनके परिजन घरों में पूरी शुद्धता व पवित्रता के साथ पारंपरिक लोकगीत गाते हुए तैयार करते हैं। छठ की पूजा सामग्री के रूप में व्रती सिंदूर, चावल, बांस की टोकरी, धूप, शकरकंद, पत्ता लगा हुआ गन्ना, नारियल, कुमकुम, कपूर, सुपारी, हल्दी, अदरक, पान, दीपक, घी, गेहूं, गंगाजल आदि का उपयोग करते हैं। इस महापर्व में मुख्य प्रसाद के लिए ठेकुआ का विशेष महत्व है।


