Tired of father’s atrocities, son cuts off his hand | पिता के अत्याचारों से तंग बेटे ने काट दिया हाथ: बलरामपुर में छत पर सो रहे पिता पर धारदार हथियार से हमला, आरोपी ने स्वीकारा अपराध – Balrampur News

बलरामपुर1 मिनट पहले

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बलरामपुर जिले के तुलसीपुर थाना क्षेत्र के चोरघटिया गांव में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है। एक युवक ने अपने ही पिता पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया, जिससे पीड़ित का बायां हाथ पूरी तरह से कट गया और सिर व चेहरे पर भी गंभीर चोटें आई हैं। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपी ने अपने पिता पर लगातार अत्याचार करने और जबरन पैसा छीनने के आरोप लगाए हैं।

पुलिस की पूछताछ में आरोपी बेटे ने बताया कि पिता हम दोनों भाइयों को काफी प्रताड़ित करता था। मेरे पास जो पैसे रहते थे, वह छीन लेता था और कहता था कि चलो मस्जिद, मजार आदि जगहों पर भीख मांगो। आरोपी और उसके भाई को लोग भिखारी कहने लगे थे, जिसके चलते वह मानसिक रूप से आहत हो चुका था और उसने घटना को अंजाम दे दिया।

यह घटना 28 जुलाई की रात की है, जब चोरघटिया निवासी मोहरम अली अपने घर की छत पर सो रहे थे। देर रात उनके ऊपर धारदार हथियार से हमला किया गया। हमले में उनका बायां पंजा कटकर अलग हो गया और सिर व चेहरे पर भी गंभीर चोटें आईं। शोरगुल सुनकर आसपास के लोग जागे और घायल मोहरम अली को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया।

घटना की सूचना मिलने पर पीड़ित के छोटे भाई अब्दुल सलाम ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ तहरीर दी, जिस पर थाना तुलसीपुर में धारा 118(2) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस मामले की जांच में जुटी थी, तभी एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया।

घटना के अगले दिन पीड़ित मोहरम अली का बड़ा बेटा आज़ाद खुद थाना तुलसीपुर पहुंचा और पुलिस को बताया कि उसी ने अपने पिता पर हमला किया था। उसने पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसने जान से मारने की नियत से बोगदा (गड़ासा) से हमला किया और वारदात के बाद हथियार को घर के पीछे छिपा दिया था।

पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त गड़ासा बरामद कर लिया है और आरोपी आज़ाद को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।

मामले पर जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आज़ाद ने जो बातें बताईं, वह चौंकाने वाली थीं। उसने बताया कि वह और उसका छोटा भाई सहजाद कई वर्षों से अपने पिता के अत्याचारों से परेशान थे। मोहरम अली शराब के आदी हैं और अक्सर नशे में दोनों बेटों को पीटते, गालियां देते और उनकी कमाई जबरन छीन लेते थे।

आज़ाद ने बताया कि वह 6-7 साल पहले मुंबई चला गया था ताकि पिता से दूर रहकर कुछ पैसे कमा सके। लेकिन जब भी वह पैसे भेजता या लेकर आता, पिता उसे जबरदस्ती मार-पीट कर छीन लेते थे। इतना ही नहीं, मोहरम अली अपने बेटों को मस्जिद और मजारों पर भीख मांगने के लिए मजबूर करते थे।

आज़ाद ने बताया कि उसके दोस्तों और समाज के लोगों ने उसे और उसके भाई को भिखारी कहना शुरू कर दिया था। इन बातों से वह मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुका था।

आज़ाद ने कबूल किया कि उसने अपने पिता को मारने की योजना पहले ही बना ली थी। मुंबई से लौटते समय उसने कबाड़ से एक धारदार बोगदा (गड़ासा) खरीदा और घर आकर मौके का इंतजार करने लगा। घटना की रात उसने देखा कि उसका पिता छत पर अकेला सो रहा है, तो वह सीढ़ियों से चुपचाप ऊपर गया और अचानक गड़ासा से हमला कर दिया। हमला करने के बाद वह छत से नीचे कूदा और हथियार को घर के पीछे छिपाकर भाग गया।

घटना में प्रयुक्त धारदार हथियार भी बरामद कर लिया गया है। आरोपी को न्यायालय के आदेश के बाद जेल भेज दिया गया है।

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