Til Chaturthi on 17 January, significance of til chaturthi, Sesame benefits for our health, uses of Sesame in hindu worship | तिल चतुर्थी 17 जनवरी को: शनिदेव के लिए काले तिल दान करने की परंपरा, पिंडदान में भी किया जाता है तिल का इस्तेमाल

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57 मिनट पहले

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शुक्रवार, 17 जनवरी को माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है, इसका नाम तिल चतुर्थी है। इस दिन तिल से जुड़े धर्म-कर्म करने की परंपरा है। तिल पूजा-पाठ के नजरिए से बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसी वजह तिल के बिना पिंडदान नहीं किए जाते हैं। तिल से हवन किए जाते हैं, पूजा-पाठ में देवी-देवताओं को तिल और तिल से बने व्यंजन चढ़ाए जाते हैं। जानिए तिल से जुड़ी खास बातें…

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, तिल पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक है। इसी वजह से पूजा-पाठ में खासतौर पर इसका इस्तेमाल होता है। तिल पितरों को भी विशेष प्रिय हैं, इसीलिए श्राद्ध कर्म, पिंडदान और पितरों के तर्पण कर्म तिल के बिना अधूरे माने जाते हैं। पितरों के लिए तिल का दान भी किया जाता है।

  • तिल चतुर्थी पर भगवान गणेश को तिल के लड्डू, तिल कूटा का भोग लगाते हैं। अभी ठंड के दिन हैं, इन दिनों में तिल-गुड़ सेवन करने से शरीर को गर्मी मिलती है। इसी वजह से तिल चतुर्थी पर भगवान गणेश को तिल चढ़ाकर इसका सेवन करने की परंपरा है।
  • भगवान विष्णु और शिव की पूजा में तिल जरूर चढ़ाना चाहिए। पानी में तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। तिल-गुड़ के लड्डू का भोग चढ़ाया जाता है। पूजा में तिल के तेल से दीपक जलाए जाते हैं।
  • ज्योतिष में काले तिल को शनि का प्रिय अन्न बताया गया है। इसी वजह से शनि को काले तिल चढ़ाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से कुंडली के शनि दोष शांत होते हैं। तिल के तेल से शनि का अभिषेक भी कर सकते हैं।
  • पौष मास और माघ मास में तिल का दान करने की परंपरा है। इन दोनों महीनों में तिल से बने व्यंजन भी खाए जाते हैं। तिल-गुड़े के लड्डू बनाने की परंपरा सबसे ज्यादा प्रचलित है।
  • माघ मास में पानी में तिल डालकर स्नान किया जाता है। तिल का उबटन लगाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से त्वचा की चमक बढ़ती है। आयुर्वेद में तिल के औषधीय लाभ बताए गए हैं। तिल की तासीर गर्म होती है और इसके नियमित सेवन से शरीर को ठंड से लड़ने की शक्ति मिलती है।
  • तिल में कैल्शियम, आयरन, और मैग्नीशियम जैसे पौषक तत्व होते हैं। ये तत्व हमारी हड्डियों को मजबूत करते हैं और जोड़ों के दर्द में राहत देते हैं।
  • तिल का तेल हमारी त्वचा को मुलायम और बालों को मजबूत करता है। तिल के सेवन से पाचन सुधरता है, कब्ज दूर रहता है।
  • तिल से हवन भी किए जाते हैं। हवन तिल से आहुतियां दी जाती हैं। तिल के तेल का इस्तेमाल देवी-देवताओं के अभिषेक के लिए भी किया जाता है।

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