वॉशिंगटन10 मिनट पहले
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विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस का घेराव किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के खिलाफ शनिवार को हजारों प्रदर्शनकारी एक बार फिर सड़कों पर उतर आए। ये प्रदर्शन सभी 50 राज्यों में हुए। प्रदर्शनकारी ट्रम्प की टैरिफ वॉर की नीतियों, सरकारी नौकरियों में छंटनी का विरोध कर रहे हैं।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस का घेराव किया। लोगों ने ट्रम्प पर नागरिक और कानून के शासन को कुचलने का आरोप लगाया। इस आंदोलन को 50501 नाम दिया गया है, जिसका मतलब ‘50 विरोध प्रदर्शन, 50 राज्य, 1 आंदोलन’ है।
प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के अलावा टेस्ला के शोरूमों का भी घेराव किया। ट्रम्प के खिलाफ प्रदर्शनों का यह दूसरा दौर है। इससे पहले 5 अप्रैल को ट्रम्प के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे।



व्हाइट हाउस के बाहर ट्रम्प के खिलाफ पोस्टर लेकर विरोध करती महिला। पोस्टर पर लिखा- ट्रम्प को अल सल्वाडोर जेल में डिपोर्ट कर दिया जाए।

फ्लोरिडा में टेस्ला शोरूम के बाहर विरोध जताती महिला प्रदर्शनकारी। पोस्टर पर लिखा- न कोई राजा है, न कोई कुलीन है, अपना टैक्स चुकाएं।
ट्रम्प और मस्क की नीतियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन
राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत सभी राज्यों में प्रदर्शन की बड़ी वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कारोबारी इलॉन मस्क की आक्रामक नीतियां हैं। इलॉन मस्क का दक्षता विभाग लगातार सरकारी विभागों में छंटनी कर रहा है।
अब तक हजारों सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रम्प की अप्रवासियों पर कार्रवाई और दूसरे देशों पर टैरिफ लगाने की सख्त पॉलिसी भी इन प्रदर्शनों की एक बड़ी वजह है।
ट्रम्प के टैरिफ वॉर से अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाली चीजों के दाम बढ़े हैं। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है।

ट्रम्प के विरोध में तख्ती लेकर पहुंची महिला प्रदर्शनकारी। लिखा- ट्रम्प गंदगी से भरे हैं। टॉयलेट्स को उनसे जलन हो रही है।

न्यूयॉर्क में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर ट्रम्प के विरोध में रैलियां निकालीं।
ट्रम्प के काम से खुश हैं 45% वोटर्स
अमेरिकी सर्वे एजेंसी गैलप के मुताबिक 45% अमेरिकी वोटर्स ट्रम्प के पहले 3 महीने के कामकाज से खुश हैं, जबकि ट्रम्प के पहले कार्यकाल के शुरुआती 3 महीनों में 41% वोटर्स ही उनके कामकाज से संतुष्ट थे।
हालांकि यह बाकी राष्ट्रपति की तुलना में बेहद कम है। 1952 से 2020 के बीच सभी राष्ट्रपति की पहली तिमाही की औसत रेटिंग 60% है। इसकी तुलना में ट्रम्प की रेटिंग कम दिख रही है। एजेंसी के मुताबिक ट्रम्प के पदभार संभालने के वक्त उनकी रेटिंग 47% थी। इसमें भी गिरावट दर्ज हुई है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अरबपति इलॉन मस्क के खिलाफ सभी 50 राज्यों में प्रदर्शन हुए। इन विरोध प्रदर्शनों में लाखों लोग शामिल हुए। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में 1400 से ज्यादा रैलियां की गई हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें….
