Those who order vitamin capsules online should be careful | ऑनलाइन विटामिन कैप्सूल मंगाने वाले हो जाएं सावधान: डॉ. बर्ग कंपनी की D-3, K2 की बोतलें के कैप्सूल में विटामिन की जगह निकला स्टार्च – Gujarat News

पुलिस ने 60 कैप्सूल की दो बोतलें अमेजन एप से ऑर्डर कर जांच के लिए फॉरेंसिक लैब मेें भेजा था।

विदेशी डॉ. बर्ग कंपनी के विटामिन डी-3 और के2 कैप्सूल के नाम पर छेड़छाड़ करने का खुलासा हुआ है। कुछ लोग ऑनलाइन शॉपिंग ऐप Amazon पर कैप्सूल बेच रहे हैं। इसमें विटामिन डी नहीं, बल्कि स्टार्च निकल रहा है। इस मामले को लेकर पुलिस भी हैरान है।

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नकली प्रोडक्ट होने की सूचना मिलने के बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 11 जून, 2024 को अमेजॉन एप से कैप्सूल की दो बोतलें ऑर्डर कर मंगवाई थी। इसके बाद जांच के लिए कैप्सूल की दोनों बोतलें गांधीनगर एफएसएल भेजी गई थीं।फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में विटामिन की जगह स्टार्च की मौजूदगी दिखाई दी। इसके बाद अहमदाबाद सिटी क्राइम ब्रांच के पीआई एस.जे. जड़ेजा ने आज डीसीबी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

क्राइम ब्रांच के पीआई ने दर्ज कराई शिकायत

ये कैप्सूल हड्डियों में कैल्शियम की कमी होने पर मरीजों को दी जाती है।

ये कैप्सूल हड्डियों में कैल्शियम की कमी होने पर मरीजों को दी जाती है।

इसमें उन्होंने कहा है कि ऑनलाइन शॉपिंग एप्लीकेशन Amazon Dr. बर्ग कंपनी द्वारा कैप्सूल में विटामिन डी-3 एवं के2 का विज्ञापन कर लेबल पर दर्शाई गई सामग्री के स्थान पर कोई अन्य पदार्थ भरकर बेची जा रही है। इससे लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। इस कैप्सूल के सेवन से आंतों और पाचन तंत्र को बड़ा नुकसान हो सकता है। इससे हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं।

दोनों बोतलों में विटामिन की मौजूदगी नहीं पाई गई

हमने कैप्सूल को जांच के लिए अहमदाबाद के एफएसएल कार्यालय भेज दिया। रिपोर्ट से पता चला कि डॉ. बर्ग कंपनी विटामिन डी-3 और के2 लेबल वाली दोनों बोतलों में मौजूद कैप्सूल में विटामिन नहीं था। साथ ही दोनों बोतलों में कैप्सूल में स्टार्च की मौजूदगी है। विटामिन डी-3 और के2 के लेबल के तहत स्टार्च युक्त कैप्सूल बेचने वाले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420, 120बी, 276 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत शिकायत दर्ज की गई है।

ये कैप्सूल अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाने के लिए बच्चों को इंजेक्शन के रूप में भी दिए जाते हैं।

ये कैप्सूल अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाने के लिए बच्चों को इंजेक्शन के रूप में भी दिए जाते हैं।

हड्डियों से कैल्शियम बढ़ाने दी जाती है यह दवा

विटामिन डी-3 और के2 की विशेषज्ञ डॉ. मिताली वासवदा ने कहा कि अगर डुप्लीकेट दवा शरीर में चली जाए तो हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। विटामिन डी-3 की खुराक आमतौर पर रोगी को तब दी जाती है, जब हड्डियों से कैल्शियम कम हो जाता है। क्योंकि, यह आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। खासतौर पर छोटे बच्चे जिनकी आंत में अच्छे बैक्टीरिया नहीं होते हैं। उन्हें इंजेक्शन के रूप में k2 दिया जाता है, लेकिन कुछ मामलों में वयस्कों को भी यह कैप्सूल दिया जाता है।

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