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झारखंड विधानसभा में मंगलवार को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने गोलमुरी केबुल कंपनी मामले में चोरी करने और केस दर्ज करने के बारे में अल्पसूचित प्रश्न का सही उत्तर सरकार ने नहीं दिया है। विधायक ने कंपनी बंद होने के बाद वहां हो रहे चोरी का मामला विस में उठाया। लेकिन सरकार ने कहा कि हाल के वर्षों में कंपनी में चोरी की कोई घटना नहीं हुई है। इससे जुड़ा कोई मामला गोलमुरी थाने में दर्ज नहीं है। जबकि विधायक सरयू राय ने विस में कहा कि उन्होंने स्वयं दो वर्ष पहले कंपनी की भारी मशीनों की चोरी होने के संबंध में गोलमुरी थाने में मामला दर्ज कराया था।
विस में उन्होंने सरकार के उत्तर को सरासर गलत बताया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दर्ज करायी गई प्राथमिकी पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। केबुल कंपनी इलाके का बच्चा-बच्चा जानता है कि वहां अब कोई मशीनरी नहीं है, सभी मशीनों की चोरी कर ली गई हैं।
कंपनी चालू करने पर गोलमटोल जबाव : विधायक के केबुल कंपनी के पुनरुद्धार करने और चालू करने के संबंध में सरकार ने विस में गोल मटोल जवाब दिया। विधायक ने बताया कि वास्तव में एनसीएलटी का 7 फरवरी 2020 को कंपनी बंद करने के आदेश को एनसीएलएटी ने 4 जून 2021 के आदेश द्वारा गलत करार देकर रद्द कर दिया गया। जिस आदेश को फरवरी, 2022 में सुप्रीम कोर्ट भी सही करार दे चुकी है। एनसीएलएटी ने अपने आदेश में कहा है कि केबुल कंपनी के ऋणों की रिजोल्यूशन प्रोफेशनल ने जांच नहीं की। इसलिए इस कंपनी में ऋणदाताओं की कमेटी कभी बनी ही नहीं। उन्होंने बताया कि कंपनी 1993 से 1996 तक बंद थी। यानी सारा बैंक अकाउंट 1992 में एनपीए हो गया और 1996 आते-आते सारे ऋण लिमिटेशन कानून के कारण समाप्त हो गया तो ऋणदाताओं की कमेटी बनी कैसे? एनसीएलटी इन फर्जी ऋणदाताओं को कैसे सुन रही है? वास्तव में सरकार को ये तथ्य सदन में रखना चाहिए, जबकि वह विधानसभा में गलत उत्तर दे रही है। विधायक ने बताया कि इससे पहले भी सरकार ने कंपनी के पुनरुद्धार का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।