बिहार चुनाव को लेकर NDA के सभी कैंडिडेट्स मैदान में आ चुके हैं। गठबंधन ने 243 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की लिस्ट जारी कर दी है। BJP और JDU ने अपने कोटे की सभी 101-101 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। वहीं चिराग पासवान की LJP(R) ने भी
.
इसी तरह, जीतन राम मांझी की पार्टी HAM और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने भी अपनी सभी 6-6 सीटों पर प्रत्याशी के नाम जारी कर दिए हैं। लगभग प्रत्याशियों ने नामांकन भी कर दिया है। वहीं, आज नामांकन के पहले फेज का आखिरी दिन है।
वहीं, बीजेपी ने गुरुवार को 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर की, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी से लेकर भोजपुरी एक्टर पवन सिंह तक का नाम है। साथ ही महिला नेताओं में स्मृति ईरानी, रेखा गुप्ता और रेनू देवी को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है।
इधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर हैं। आज पटना में उम्मीदवारों और पार्टी कार्यकर्ताओं, गठबंधन दलों के प्रतिनिधियों से समन्वय मीटिंग करेंगे।

अभय सिंह 2020 में मोरवा सीट से LJP(R) की ओर से प्रत्याशी थे, लेकिन इस बार टिकट कटने से LJP(R) नेता रोने लगे। गठबंधन में मोरवा सीट जदयू के खाते में गई है।
सिंबल नहीं मिलने पर फूटकर रोए थे LJP(R) नेता अभय सिंह
वहीं, समस्तीपुर के मोरवा विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद LJP (R) के नेता अभय सिंह फूट-फूटकर रोने लगे। उनका एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वे पार्टी पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही राजनीति से संन्यास लेने की भी बात करते नजर आए।
दरअसल, अभय कुमार सिंह 2020 के विधानसभा चुनाव में LJP(R) के प्रत्याशी रहे थे और इस बार भी वे मोरवा सीट से दावेदारी कर रहे थे, लेकिन मोरवा सीट पर जदयू के खाते में चली गई है। पार्टी ने पूर्व विधायक विद्यासागर निषाद को उम्मीदवार बनाया है।
वीडियो में अभय सिंह कहते हैं, ‘हमसे ज्यादा किसी ने पैसा दे दिया, इसलिए उसे टिकट मिल गया। अब मैं इस राजनीति से संन्यास लेता हूं।
BJP की कुसुम देवी भी हुईं थी भावुक
इधर, बीजेपी ने गोपालगंज सदर की विधायक कुसुम देवी का टिकट काट दिया। उनकी जगह पार्टी ने जिला परिषद अध्यक्ष सुभाष सिंह को प्रत्याशी बनाया। इस फैसले के बाद विधायक कुसुम देवी भावुक हो उठीं और अपने आवास पर कार्यकर्ताओं के बीच ही फफक कर रो पड़ीं। मां की आंखों में आंसू देख उनके बेटे अनिकेत सिंह भी रोने लगे।
कुसुम देवी ने कहा, ‘हमने बीते 20 सालों से भाजपा की निष्ठा से सेवा की, जब पार्टी को जरूरत थी, हमने हर परिस्थिति में जनता के बीच काम किया। पार्टी ने हमसे कहा था कि नामांकन की तैयारी करें, लेकिन मीडिया से पता चला कि हमारा टिकट काट दिया गया। सारण प्रमंडल की मैं एकमात्र महिला विधायक थी और ये लोग महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं।’