एक कमरे का कृषि महा.
कृषि शिक्षा के हालात प्रदेश में बदतर होते जा रहे हैं। इनमें न शिक्षक हैं और न बुनियादी ढांचा। दरअसल, कांग्रेस सरकार में 29 काॅलेज खोले गए थे। लेकिन, इनमें कुल 16 लेक्चरर हैं। इन्हें ही एक से दूसरी जगह 2-2 माह डेपुटेशन पर भेजा जाता है। बाकी 10 महीने क
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भवन ताे एक का भी नहीं बना। ये कहीं स्कूलाें या कहीं अन्य भवनाें में संचालित हैं। बारां में कृषि काॅलेज मूल स्थान से 35 किलाेमीटर दूर चलता है। शाहबाद में 60 में से 54 स्टूडेंट्स फेल हाे गए थे। काॅलेज शिक्षा के अंतर्गत कुल 37 काॅलेज हैं। इनमें 8 पुराने है। इनमें 444 पद स्वीकृत हैं लेकिन 428 पद खाली पड़े है।
इनमें भर्ती की जानी है। अब तक काॅलेज यूनिवर्सिटी संचालन करती थी। यूनिवर्सिटी द्वारा मना करने के बाद इन काॅलेजाें काे काॅलेज शिक्षा संचालित कर रहा है। नए कॉलेजों में कोटा में 6, जोबनेर में 7, उदयपुर में 5, बीकानेर में 5 और जोधपुर में 6 कॉलेज हैं।
बारां के शाहाबाद का कृषि काॅलेज जगह न होने से मूल जगह से 35 किलाेमीटर दूर केलवाड़ा में संचालित करना पड़ रहा है। यहां सरकारी एक काॅलेज में कक्षाएं लगती हैं। तीन सेमेस्टर हाे चुके हैं, लेकिन पढ़ाने वाला काेई नहीं। बीच में कभी कभार संविदा पर शिक्षक लगाते हैं। एक बार एक माह के लिए शिक्षक लगाए। इसके चलते रिजल्ट खराब रहा है।
कांग्रेस सरकार में खुले, इनमें से एक का भी भवन नहीं बना
रावतभाटा में छात्र दूसरे कृषि कॉलेज के नोट्स लेकर जैसे-तैसे पढ़े। कृषि कॉलेज खुले 2 साल हो गए। न जमीन मिली, न भवन बना। जबकि, भवन के लिए 8 करोड़ का बजट भी उपलब्ध है। कॉलेज में हर साल 60 स्टूडेंट्स को प्रवेश मिलता है। कॉलेज में लेक्चरर के 10 पद हैं और सभी खाली हैं।
दाैसा के सपाेटरा में दाे साल पहले खुले कृषि काॅलेज में शिक्षक नहीं लगाए। एक कमरे में संचालित है। बिना पढ़े स्टूडेंट्स तृतीय सेमेस्टर में अा गए। 10 विषय चलते हैं। बीच में अन्य काॅलेज से गणित का व्याख्याता डेपुटेशन पर लगा दिया। स्टूडेंट राजेश चाैधरी का कहना है कि 180 स्टूडेंट्स काे पढ़ाने वाला काेई नहीं है। छात्र भी नहीं आते।
टाेडाभीम में 2022 में कृषि काॅलेज शुरू हुआ। स्टाफ नहीं लगाया। सरकारी स्कूल के तीन कमराें में कॉलेज चल रहा है। 29 पद स्वीकृत हैं। बीच-बीच में गेस्ट फैकल्टी आते हैं, दाे-चार माह में हट जाते हैं। स्टूडेंटस् जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। परीक्षा परिणाम भी लगतार खराब ही आ रहा है।
जल्द भर्ती से राहत मिलेगी “काॅलेज शिक्षा के सहायक निदेशक डाॅ. गीताराम शर्मा ने बताया कि नई भर्ती ताे किसी काॅलेजाें में नहीं हुई है। संविदा पर शिक्षक लगाएं है। भवन का काम अधिकांश में चल रहा है। जल्द भर्ती हाेने से राहत मिलेगी।”